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मिसाल: रिटायरमेंट के बाद भी करते हैं मरीजों का मुफ्त इलाज, पेंशन से गरीब मरीजों को दिलाते हैं दवा

वाराणसी के प्रतिष्ठित सर सुंदरलाल अस्पताल के एक सेवानिवृत्त शिक्षक आजकल काशी समेत सारे देश के बीच अपने सेवाभाव के कारण मिसाल बन चुके हैं। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में काफी लंबे समय तक काम कर चुके प्रफेसर टी के लहरी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद 75 साल की उम्र में भी मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं।

दिनेश मिश्र | नवभारत टाइम्स 19 Apr 2018, 9:57 pm
वाराणसी
नवभारतटाइम्स.कॉम बीएचयू अस्पताल से लौटने के दौरान प्रफेसर लहरी
बीएचयू अस्पताल से लौटने के दौरान प्रफेसर लहरी

वाराणसी के प्रतिष्ठित सर सुंदरलाल अस्पताल के एक सेवानिवृत्त शिक्षक आजकल काशी समेत सारे देश के बीच अपने सेवाभाव के कारण मिसाल बन चुके हैं। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में काफी लंबे समय तक काम कर चुके प्रफेसर टी के लहरी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद 75 साल की उम्र में भी मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं। प्रफेसर लहरी के इस विशिष्ट सेवाभाव के कारण उन्हें साल 2016 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।

साल 2003 में बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में करीब 3 दशक तक सेवा देने के बाद प्रफेसर लहरी ने सेवानिवृत्ति ले ली थी। हालांकि सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रफेसर लहरी ने मरीजों की सेवा का काम जारी रखा। अगर वर्तमान की बात करें तो अब भी प्रफेसर लहरी करीब 75 साल की उम्र में भी रोज अपने तय समय पर बीएचयू अस्पताल में आ जाते हैं, जहां वह बिना किसी वेतन के मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देते हैं। इसके साथ ही प्रफेसर लहरी कई बार गरीब मरीजों को अपनी पेंशन के पैसे से दवा भी देते हैं। प्रफेसर लहरी के इसी सेवाभाव और हृदय रोग की विशेषज्ञता के कारण पूरे उत्तर प्रदेश और बिहार से तमाम मरीज उनसे अपना इलाज कराने बीएचयू आते हैं।

बीएचयू ने दिया 'इमेरिटस प्रफेसर' का सम्मान
मरीजों के प्रति अदम्य सेवाभाव के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने प्रफेसर लहरी को पूर्व में 'इमेरिटस प्रफेसर' का दर्जा देकर सम्मानित किया है। इसके अलावा पीएम मोदी के वाराणसी का सांसद बनने के बाद प्रफेसर लहरी को 26 जनवरी 2016 को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। प्रफेसर लहरी की इन विशिष्ट सेवाओं के बारे में बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रफेसर विजयनाथ मिश्र कहते हैं प्रफेसर लहरी बीएचयू ही पूरे देश के डॉक्टरों के लिए सेवाभाव की एक मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से प्रफेसर लहरी को बीएचयू में काम करते हुए देख रहे हैं और जिस प्रकार से वह निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं उससे हर एक इंसान को कुछ सीखने का अवसर मिलता है।
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दिनेश मिश्र

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