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Uttrakhand News: यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी धर्म परिवर्तन कानून कड़ा करने की तैयारी, 10 साल तक होगी जेल

उत्‍तराखंड पुलिस ने अपने प्रस्‍ताव में तीन साल से लेकर 10 साल जेल की सजा का प्रावधान किया है। साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी जोड़ा है। नए प्रस्‍ताव के मुताबिक, लोग सीधे पुलिस के पास जाकर एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।

Edited byवैभव पांडे | भाषा 9 Oct 2021, 7:22 pm
देहरादून
नवभारतटाइम्स.कॉम सीएम पुष्‍कर सिंह धामी
सीएम पुष्‍कर सिंह धामी

उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार अब धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी में है। इसके तहत 10 साल तक के जेल की सजा का प्रावधान किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजबूत धर्मांतरण कानून के संबंध में पुलिस से प्रस्ताव देने को कहा था। इसके बाद पुलिस विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। राज्य सरकार को सौंपे गए इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के संबंध में बने कानून की तर्ज पर संशोधन करने की सिफारिश की गई है।

डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने प्रस्ताव में सामूहिक धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध बनाने की सिफारिश की है जिसके तहत न्यूनतम तीन साल से लेकर 10 साल तक की कैद की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून में जबरन धर्मांतरण संज्ञेय अपराध न होकर केवल शिकायती मामला है, जहां पहले अदालत में केस दायर होता है। लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे मामलों में सीधे पुलिस के पास जाकर एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार देने की सिफारिश की गई है।

गिरिजाघर पर लगा है सामूहिक धर्मांतरण कराने का आरोप
इस संबंध में, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने कहा कि पुलिस से प्राप्त प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है। सरकार की तरफ से धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी को पिछले दिनों हरिद्वार के रुड़की में एक गिरिजाघर पर 'सामूहिक धर्मांतरण' का आरोप लगाते हुए उपद्रवियों के हमले से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले महीने उत्तराखंड सरकार ने कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से आ रहे परिवर्तन और कुछ लोगों के पलायन के रूप में सामने आ रहे कुप्रभाव से वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की संभावना के मद्देनजर पुलिस को कार्रवाई करने को कहा था।

हर जिले में असामाजिक तत्‍वों पर ऐक्‍शन लेने की तैयारी
इस संबंध में प्रत्येक जिले में असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कारवाई करने के भी निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को भी कहा गया जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और जिनका आपराधिक इतिहास भी है। ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने को कहा गया। जिलाधिकारियों को इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध खरीद फरोख्‍त पर विशेष निगरानी रखने को भी कहा गया है और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कहीं कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है।
लेखक के बारे में
वैभव पांडे
नवभारत टाइम्‍स डिजिटल में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर। ग्रेजुएशन तक साइंस स्‍टूडेंट। इसके बाद मीडिया में पोस्‍ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई। लखनऊ से पत्रकारिता का सफर शुरू हुआ जो वाया आगरा, दिल्‍ली-NCR फिर नवाबों के शहर आ पहुंचा है। लंबे समय तक दैनिक जागरण प्रिंट में काम किया। अब 'न्‍यू मीडिया' की बारीकियों को समझने का सिलसिला जारी है।... और पढ़ें

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