हरिद्वार
द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि शनि एक पाप ग्रह है। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से उनके प्रति होने वाले अपराध बढ़ेंगे। महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं अधिक होंगी।
94 वर्षीय शंकराचार्य पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने अपना साईं विरोध जाहिर किया। उन्होंने महाराष्ट्र में सूखे के लिए साईं बाबा की पूजा को भी जिम्मेदार बताया।
शंकराचार्य के मुताबिक, 'महाराष्ट्र के लोग साईं बाबा की पूजा करते हैं और यह सूखा उसी की देन है। उन्होंने कहा, 'साईं बाबा फकीर थे और उनकी इस तरह से पूजा करने से विनाश होना तय है।'
पढ़ें खबरः साईं की पूजा पर शंकराचार्य का विवादित बयान
साईं पूजा के विरोध में उन्होंने तर्क दिया कि जब अयोग्य लोगों की पूजा होने लगती है और उन्हें ईश्वर बनाया जाता है तो प्रकृति अपना प्रकोप दिखाती है। अमंगल होना और प्राकृतिक आपदाएं उसी का नतीजा हैं। महाराष्ट्र में भीषण सूखा उसी प्रकोप का नतीजा है।
Sai Baba is revered in Maharashtra especially Shirdi,thats why it(drought) is happening-Shankaracharya Swaroopanand pic.twitter.com/mz61jPe5Kb — ANI (@ANI_news) April 11, 2016 यह भी पढ़ें: साईं की पूजा हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश
इससे पहले भी शंकराचार्य साईं पूजा को लेकर विवादित बयान देने के लिए चर्चा में रहे हैं। साईं पूजा के विरोध में उन्होंने 2014 में एक धर्म संसद का भी आयोजन किया था जहां सर्वसम्मति के साईं पूजा का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया था।
Women entered Shani temple inner sanctum, due to this, incidents of rapes will increase further-Shankaracharya Swaroopanand — ANI (@ANI_news) April 11, 2016
द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि शनि एक पाप ग्रह है। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से उनके प्रति होने वाले अपराध बढ़ेंगे। महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं अधिक होंगी।
94 वर्षीय शंकराचार्य पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। एक बार फिर उन्होंने अपना साईं विरोध जाहिर किया। उन्होंने महाराष्ट्र में सूखे के लिए साईं बाबा की पूजा को भी जिम्मेदार बताया।
शंकराचार्य के मुताबिक, 'महाराष्ट्र के लोग साईं बाबा की पूजा करते हैं और यह सूखा उसी की देन है। उन्होंने कहा, 'साईं बाबा फकीर थे और उनकी इस तरह से पूजा करने से विनाश होना तय है।'
पढ़ें खबरः साईं की पूजा पर शंकराचार्य का विवादित बयान
साईं पूजा के विरोध में उन्होंने तर्क दिया कि जब अयोग्य लोगों की पूजा होने लगती है और उन्हें ईश्वर बनाया जाता है तो प्रकृति अपना प्रकोप दिखाती है। अमंगल होना और प्राकृतिक आपदाएं उसी का नतीजा हैं। महाराष्ट्र में भीषण सूखा उसी प्रकोप का नतीजा है।
Sai Baba is revered in Maharashtra especially Shirdi,thats why it(drought) is happening-Shankaracharya Swaroopanand pic.twitter.com/mz61jPe5Kb — ANI (@ANI_news) April 11, 2016 यह भी पढ़ें: साईं की पूजा हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश
इससे पहले भी शंकराचार्य साईं पूजा को लेकर विवादित बयान देने के लिए चर्चा में रहे हैं। साईं पूजा के विरोध में उन्होंने 2014 में एक धर्म संसद का भी आयोजन किया था जहां सर्वसम्मति के साईं पूजा का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया था।
Women entered Shani temple inner sanctum, due to this, incidents of rapes will increase further-Shankaracharya Swaroopanand — ANI (@ANI_news) April 11, 2016