गोपेश्वर उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली कस्बे में रविवार को तड़के भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे में सड़क पर खड़े आधा दर्जन से अधिक वाहन दब गए। हालांकि, घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। एक दूसरी घटना में कर्णप्रयाग के पास भी भूस्खलन होने से एक बस्ती के 10-15 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा।
चमोली के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मलबे के कारण कुछ वाहन सड़क से फिसलकर पिण्डर नदी में भी जा गिरे। थराली में रविवार सुबह बूंगा गांव के ऊपर से अचानक बरसाती नाले के साथ आए मलबे ने बाढ़ का रूप धारण कर लिया और बाजार के समीप सड़क पर खड़े वाहनों और रामलीला मैदान को मलबे के ढेर में बदल दिया। इस बाढ़ से वाहनों के अलावा एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है।
सुमन ने बताया कि थराली में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। थराली-देवाल सड़क मलबे के कारण बंद है जिसे खोलने के लिए लोक निमार्ण विभाग की मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस हादसे में किसी तरह की जन व पशु हानि नहीं हुई है।
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, एक अन्य घटना में, कर्णप्रयाग नगर के समीप भी एक बस्ती वर्षा के कारण भूस्खलन के मलबे की चपेट में आ गयी जिसके कारण 10 से 15 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। कर्णप्रयाग तथा मैठाणा में बदरीनाथ नैशनल हाइवे भी मलबे के कारण बन्द हो गया है जबकि पोखरी-कर्णप्रयाग मार्ग भी कई जगहों पर मलबा आने से बन्द है जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चमोली के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मलबे के कारण कुछ वाहन सड़क से फिसलकर पिण्डर नदी में भी जा गिरे। थराली में रविवार सुबह बूंगा गांव के ऊपर से अचानक बरसाती नाले के साथ आए मलबे ने बाढ़ का रूप धारण कर लिया और बाजार के समीप सड़क पर खड़े वाहनों और रामलीला मैदान को मलबे के ढेर में बदल दिया। इस बाढ़ से वाहनों के अलावा एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है।
सुमन ने बताया कि थराली में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है। थराली-देवाल सड़क मलबे के कारण बंद है जिसे खोलने के लिए लोक निमार्ण विभाग की मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इस हादसे में किसी तरह की जन व पशु हानि नहीं हुई है।
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, एक अन्य घटना में, कर्णप्रयाग नगर के समीप भी एक बस्ती वर्षा के कारण भूस्खलन के मलबे की चपेट में आ गयी जिसके कारण 10 से 15 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। कर्णप्रयाग तथा मैठाणा में बदरीनाथ नैशनल हाइवे भी मलबे के कारण बन्द हो गया है जबकि पोखरी-कर्णप्रयाग मार्ग भी कई जगहों पर मलबा आने से बन्द है जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।