कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की बैन डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हाल ही में फटकार लगाई है। वहीं दूसरी ओर भाजपा की विपक्षी पार्टियों ने कई राज्यों में इस की स्क्रीनिंग कराई है। ऐसा ही बंगाल में भी देखा गया है।पश्चिम बंगाल के कई विश्वविद्यालयों में पीएम मोदी पर बनी बैन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग चल रही है। स्क्रीनिंग के लिए हर तरीके के हर तरीके अपनाए जा रहे हैं।कहीं प्रोजेक्टर पर तो कहीं लैपटॉप पर। यह डॉक्यूमेंट्री अब तक जादवपुर विश्वविद्यालय, आलिया विश्वविद्यालय, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता मेडिकल कॉलेज सहित विश्वविद्यालयों में दिखाई जा चुकी है। लगातार इसकी स्क्रीनिंग चल रही है।
जानिए बैन डॉक्यूमेंट्री दिखाने की सियासी चाल
रजानीतिक विशेषज्ञों का कहना है पश्चिम बंगाल में युवाओं को पीएम मोदी पर बनी बैन डॉक्यूमेंट्री के पीछे बड़ी सियासी चाल है। चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे क्या कारण क्या है। पश्चिम बंगाल में 34 साल तक रही सत्ता में रही पार्टी लेफ्ट फ्रंट वर्तमान समय में विपक्षी पार्टी है। वहीं बंगाल में उनका अस्तित्व नहीं के बराबर है लेकिन फिर शिक्षण संस्थानों में लेफ्ट के छात्र संगठन मौजूद है। इधर केंद्र में बीजेपी की विपक्षी पार्टी रही लेफ्ट फ्रंट लगातार भाजपा के खिलाफ प्रचार कर रही है। इसी कड़ी में कोलकाता की कई शिक्षण संस्थानों में स्क्रीनिंग की जा चुकी है। कई जगह मनाही के बाद भी स्क्रीनिंग की गई। युवा छात्रों को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दूसरे पहलू दिखाए जा सके।
SFI कराएगी सभी विश्वविद्यालयों में स्क्रीनिंग
पश्चिम बंगाल लेफ्ट के छात्र संगठन SFI ने विश्वविद्यालयों में स्क्रीनिंग कराने की जिम्मेदारी ली है। छात्र संगठन पार्टी स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कहा है कि वे पश्चिम बंगाल में फिल्म की स्क्रीनिंग इस जिम्मेदारी लेंगे।उनका कहना है कि हर कॉलेज और हर विश्वविद्यालय में यह फिल्म दिखाई जाएगी। कोई भी उन्हें फिल्म दिखाने से नहीं रोक सकता। लेफ्ट फ्रंट छात्र संगठन की ओर से लगातार स्क्रीनिंग चल रही है।
वोट बैंक मजबूत कर रही लेफ्ट
पश्चिम बंगाल में इन दिनों माकपा अपना वोट बैंक मजबूत कर रही है। तृणमूल नेता मंत्रियों के भ्रष्टाचार के कारण जनता कहीं ना कहीं लेफ्ट की तरफ झुक रही है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार को हटाने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार पर बनी डॉक्यूमेंट्री भी कुछ अलग ही कुछ अलग ही प्रभाव डाल रही है। ऐसे में बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ तो लिफ्ट का आंदोलन चलता ही है। इसके साथ ही अब बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बीजेपी के एक बड़ा हथियार बन गई है। लेफ्ट के छात्र संगठन के लिए यह बड़ा हथियार बन गई है। डॉक्यूमेंट्री के जरिए युवाओं को भाजपा के इस दूसरे पक्ष को दिखाने की कोशिश की जा रही है।
टीएमसी को भी मिलेगा फायदा
बंगाल के युवाओं को बैन डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने का फायदा सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को मिलेगा। वहीं न वहीं केंद्र में बीजेपी की छवि प्रभावित होगी। वैसे भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीजेपी के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रही हैं। ऐसे में युवा छात्रों का वोट बहुत माएने रखता है। केंद्र सरकार के विपक्ष में खड़ी तृणमूल को भी इसका सियासी फायदा मिलेगा। हाल ही में तृणमूल की सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ट्ववीटर पर बैन डॉक्यूमेंट्री का लिंक पोस्ट किया था।