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Calcutta High Court News: 'पश्चिम बंगाल में बिना पैसे दिए कोई नौकरी हासिल नहीं कर सकता', ममता सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

West Bengal Latest News: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) की स‍िंगल जज बेंच ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां कोई भी बिना पैसे दिए राज्य सरकार की नौकरी को सुरक्षित या बरकरार नहीं रख सकता है।

Edited byसुजीत उपाध्याय | आईएएनएस 16 Aug 2022, 11:53 pm

हाइलाइट्स

  • पश्चिम बंगाल में बिना पैसे दिए कोई सरकारी नौकरी हासिल नहीं कर सकता- हाई कोर्ट
  • प्राथमिक शिक्षक की बर्खास्तगी के मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस की तल्ख टिप्पणी
  • शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य के नाम का भी जिक्र
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नवभारतटाइम्स.कॉम Calcutta HC comments against Mamata Banerjee government
कोलकाता: पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां बिना पैसे दिए कोई सरकारी नौकरी हासिल ही नहीं कर सकता और न ही उसे सुरक्षित या बरकरार रख सकता है। यह तल्ख टिप्पणी कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) के ख‍िलाफ की है। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्‍ट‍िस अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच ने एक सरकारी स्कूल में प्राथमिक शिक्षक की बर्खास्तगी के मामले की सुनवाई के दौरान यह बात कही। हाई कोर्ट की इस टिप्पणी में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य के नाम का भी जिक्र किया।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा क‍ि शायद वादी ने माणिक भट्टाचार्य को पैसे नहीं दिए और इसलिए उनका रोजगार समाप्त कर दिया गया। पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां कोई भी बिना पैसे दिए राज्य सरकार की नौकरी हासिल नहीं कर सकता है। जस्‍टिस गंगोपाध्याय के आदेश के बाद माणिक भट्टाचार्य को डब्ल्यूबीबीपीई अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। जस्‍टिस गंगोपाध्याय ने इस साल जून में डब्ल्यूबीबीपीई भर्ती में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच का आदेश देते हुए भट्टाचार्य को उनकी कुर्सी से हटाने का भी आदेश दिया था।

क्या है पूरा मामला मामला
जिस मामले पर जस्‍टिस गंगोपाध्याय की ओर से इतनी तल्ख टिप्पणी की गई है वह मिराज शेख की ओर से दायर मुकदमे से है। जिसे दिसंबर 2021 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के एक सरकारी स्कूल में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि, सेवा में शामिल होने के ठीक चार महीने बाद, डब्ल्यूबीबीपीई की ओर से यह कहते हुए टीचर की सेवा समाप्त कर दी गई कि उनके पास बोर्ड के मानदंडों के अनुसार आरक्षित श्रेणी में नियुक्त होने के लिए ग्रेजुएशन में 45 प्रतिशत के योग्यता अंक नहीं हैं।

पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां कोई भी बिना पैसे दिए राज्य सरकार की नौकरी हासिल नहीं कर सकता है।
’न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय

प्राथमिक शिक्षक के रूप में तुरंत बहाल करने का आदेश
शिक्षक ने इस आदेश को चुनौती दी और समर्थन में उन्होंने अपना ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट पेश किया, जिसमें प्राप्त अंक 46 प्रतिशत थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और वादी की ओर से रखे गए दस्तावेजों से संतुष्ट होने के बाद जस्‍ट‍िस गंगोपाध्याय ने मंगलवार को डब्ल्यूबीबीपीई को वादी को प्राथमिक शिक्षक के रूप में तुरंत बहाल करने का आदेश दिया। इसके बाद, उन्होंने यह टिप्पणी की कि पश्चिम बंगाल में कोई भी भर्ती बिना पैसे दिए नहीं होती है।

TMC की ओर से नहीं दिया गया कोई बयान
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने जस्‍टिस गंगोपाध्याय की टिप्पणियों पर बयान देने से परहेज किया है। हालांकि, विपक्ष ने दावा किया कि न्यायाधीश ने अपने ऑब्जर्वेशन के माध्यम से पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की असली तस्वीर को उजागर किया है।
लेखक के बारे में
सुजीत उपाध्याय
सुजीत उपाध्याय ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर, उत्तराखंड से एमए इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ह‍िन्‍दुस्‍तान और दैन‍िक जागरण मेंं बतौर र‍िपोर्टर काम क‍िया। ज़ी मीड‍िया से ड‍िज‍िटल में शुरुआत। इंड‍िया डॉट कॉम ह‍िंंदी में दो साल काम करने के बाद नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन से जुड़े।... और पढ़ें

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