कोलकाता: पश्चिम बंगाल में प्रदेश बीजेपी में लगातार टूट जारी है। पश्चिम बंगाल के बीजेपी विधायक लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। बीजेपी के जनप्रतिनिधियों के सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में जाने के लगातार चलन ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को चिंतित कर दिया है। अलीपुरद्वार से भाजपा विधायक सुमन कांजीलाल के राज्य की सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मामले में राज्य नेतृत्व से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि ऐसे समय में जब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को पुनर्गठित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, कांजीलाल का तृणमूल में जाना एक बड़ा झटका है।
सूत्रों ने बताया कि अब तक 6 बीजेपी विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कांजीलाल छठे निर्वाचित भाजपा विधायक हैं। हालांकि अन्य पांच दलबदलू विधायकों के विपरीत, कांजीलाल का तृणमूल के साथ जुड़ाव का कोई पूर्व रिकॉर्ड नहीं था। राज्य के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, कांजीलाल के पार्टी छोड़ने से केंद्रीय नेतृत्व और भी चिंतित है। विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को कांजीलाल की तीखी आलोचना की। सुवेंदु ने कहा कांजीलाल ने अलीपुरद्वार विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से पूछा है कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी को इस समय जब कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद वे विधानसभा में अपनी मौजूदा ताकत को बरकरार क्यों नहीं रख पा रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से यह भी पूछा है कि आने वाले दिनों में इस तरह के पलायन को रोकने के लिए उनकी क्या विशिष्ट रणनीति होगी।
अब तक गए 6 विधायक
सूत्रों ने बताया कि अब तक 6 बीजेपी विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कांजीलाल छठे निर्वाचित भाजपा विधायक हैं। हालांकि अन्य पांच दलबदलू विधायकों के विपरीत, कांजीलाल का तृणमूल के साथ जुड़ाव का कोई पूर्व रिकॉर्ड नहीं था। राज्य के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, कांजीलाल के पार्टी छोड़ने से केंद्रीय नेतृत्व और भी चिंतित है। विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को कांजीलाल की तीखी आलोचना की। सुवेंदु ने कहा कांजीलाल ने अलीपुरद्वार विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है।
कारण का बताए राज्य
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से पूछा है कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी को इस समय जब कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद वे विधानसभा में अपनी मौजूदा ताकत को बरकरार क्यों नहीं रख पा रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से यह भी पूछा है कि आने वाले दिनों में इस तरह के पलायन को रोकने के लिए उनकी क्या विशिष्ट रणनीति होगी।