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Kolkata Fake Vaccine Camp: कोलकाता फेक वैक्सीनेशन कैंप मामला, पीड़ितों को है डर, 'टीका फर्जी था तो फिर हमें क्या लगाया गया?'

कोलकाता के फर्जी वैक्सीन कैंप का खुलासा होने के बाद लोगों के मन में हेल्थ को लेकर डर बैठ गया है। जिन लोगों ने इस कैंप में वैक्सीन लगवाई थी उन्हें डर है कि नकली टीके के चलते उन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य दिक्कतें न हो जाएं।

Reported bySaikat Ray | Edited byशेफाली श्रीवास्तव | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 25 Jun 2021, 1:42 pm

हाइलाइट्स

  • कोलकाता के कस्बा इलाके में फेक वैक्सीन कैंप का खुलासा होने के बाद अब लोगों में डर
  • जिन्होंने लगवाई फेक कैंप से वैक्सीन, उन्हें पैनिक अटैक की शिकायतें, भेजी गई स्वास्थ्य टीम
  • देबांजन देब नाम के शख्स ने लगाया था फर्जी कैंप, पुलिस गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है

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कोलकाता
कोलकाता के कस्बा इलाके में फेक वैक्सीन कैंप का खुलासा होने के बाद अब लोगों में डर बढ़ गया है। दरअसल जिन लोगों ने इस कैंप में वैक्सीन लगवाई थी उन्हें डर है कि नकली टीके के चलते उन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य दिक्कतें न हो जाएं। कोविड वैक्सीन के नाम पर ठगे गए पीड़ितों की निगरानी के लिए कोलकाता नगर निगम की ओर से स्वास्थ्य टीम को उनके पास भेजा गया।
स्वास्थ्य टीम के सामने पीड़ितों ने अपनी शिकायतें रखीं। कोलकाता के कस्बा न्यू मार्केट में एक सिक्यॉरिटी गार्ड कौशिक दास को दाहिने हाथ की बांह में दर्द हो रहा है। उन्होंने 10 दिन पहले देबांजन देब की ओर से लगाए गए कैंप से कोविड वैक्सीन लगवाई थी। इसी तरह राजदंगा मेन रोड निवासी होममेकर मौसमी पॉल ने बताया कि उनके सिर में लगातार दर्द हो रहा है। उन्होंने तीन दिन पहले उसी कैंप से वैक्सीन लगवाई थी।

फोटोग्राफर को तस्वीर लेने से किया मना
देबांजन देब ने कस्बा इलाके में 10 दिन का वैक्सीन ड्राइव चलाया था। 18 जून को एमहर्स्ट स्ट्रीट स्थित सिटी कॉलेज में कैंप लगाया जहां उसने कथित रूप से स्पूतनिक वी की सप्लाइ की। इस दौरान कैंप में मौजूद हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के फोटोग्राफर को वैक्सीन वायल की तस्वीर लेने से मना कर दिया गया।

लोगों को पैनिक अटैक की शिकायतें
केएमसी मेडिकल अधिकारी देबाशीष बरुई ने बताया कि कस्बा कैंप में वैक्सीन लगवाने वाले करीब 70 लोगों की जांच की गई तो पाया कि फेक वैक्सीनेशन कैंप के आरोप में ऑर्गनाइजर के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद अधिकतर पैनिक अटैक से जूझ रहे हैं। हालांक केएमसी स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने साफ किया कि जो लोग फेक वैक्सीन के चलते बीमार पड़ गए हैं उन्हें हर तरह की मेडिकल मदद दी जाएगी।

जरूरत पड़ी तो मेडिकल कैंप लगाकर की जाएगी मदद
अधिकारी ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो हम कस्बा में मेडिकल कैंप भी लगाएंगे ताकि जो बीमार पड़े उनका ध्यान रखा जा सके।' देबाशीष बरुई को पीड़ितों के स्वास्थ्य की जांच करने और फेक वैक्सीन के दुष्परिणम से जुड़े संदेह दूर करने के लिए भेजा गया था। बरुई ने बताया, 'मैंने करीब 70 लोगों से बात की, उनमें से अधिकतर घबराए हुए थे। कुछ लोग फेक वैक्सीन के प्रभाव को लेकर डरे हुए थे। इस तरह के व्यवहार से पैनिक अटैक को भांपते हुए मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।'

वैक्सीन लगवाने गए लोगों को हुआ था शक

कुछ ऐसे भी थे जिन्हें वैक्सीन लगवाने के बाद दर्द और बुखार की कोई शिकायत नहीं हुई। कस्बा न्यू मार्केट स्थित एक गार्मेंट शॉप के मालिक ने कहा, 'मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ हुई है क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद जो आमतौर पर हल्के साइट इफेक्ट होते हैं जैसे हल्का बुखार और दर्द होना, मुझे वैसा कुछ महसूस नहीं हुआ।'

तीसरी लहर से पहले असली वैक्सीन कैसे मिलेगी?
देब के कैंप से 'वैक्सीन' डोज लेने वाले सिटी कॉलेज के स्टूडेंट्स भी उतना ही डरे हुए हैं। एक पूर्व छात्र राजा भट्टाचार्य ने बताया, 'ऑर्गनाइजर ने बताया कि मुझे स्पूतनिक वी लगाई गई है। अब वो आदमी फ्रॉड निकला, मुझे चिंता हो रही है।' इसी तरह मानिकतला निवासी स्टूडेंट देबजीत मजूमदार ने बताया, 'मेरे स्वास्थ्य से ज्यादा मुझे चिंता इस बात की है कि तीसरी लहर से पहले मुझे असली वैक्सीन कैसे मिलेगी।'
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Saikat Ray

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