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Mukta Arya: पिता के निधन के अगले दिन ही पोल ड्यूटी पर लौट आई थी IAS अधिकारी, चुनाव आयोग ने किया सम्मानित

पिता के निधन के अगले दिन ही मुक्ता आर्य ड्यूटी पर पहुंच गई थीं ताकि शांतिपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से मतदान हो सकें। बंगाल तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने भी मुक्ता की इस साहसिक कदम की तारीफ की थी।

Edited byशेफाली श्रीवास्तव | टाइम्स न्यूज नेटवर्क 27 Jan 2022, 7:00 am

हाइलाइट्स

  • मिसाल पेश करने वाली आईएएस अधिकारी मुक्ता आर्य को चुनाव आयोग ने सम्मानित किया
  • पिता के निधन के अगले दिन ही मुक्ता आर्य ड्यूटी पर पहुंच गई थीं ताकि मतदान संपन्न हो सकें
  • तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने भी मुक्ता के इस साहसिक कदम की तारीफ की थी

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नवभारतटाइम्स.कॉम Mukta Arya
आईएएस अधिकारी मुक्ता आर्य
हावड़ा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान मिसाल पेश करने वाली आईएएस अधिकारी मुक्ता आर्य को चुनाव आयोग ने सम्मानित किया है। पिता के निधन के अगले दिन ही मुक्ता आर्य ड्यूटी पर पहुंच गई थीं ताकि शांतिपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से मतदान हो सकें। तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने भी मुक्ता के इस साहसिक कदम की तारीफ की थी।
मुक्ता आर्य उस वक्त हावड़ा की डीएम और जिला निर्वाचन अधिकारी थीं जब पिछले साल राज्य में चुनाव हो रहे थे। हावड़ा में मतदान से एक रात पहले ही मुक्ता के पिता का कार्डिऐक अरेस्ट से निधन हो गया। आईएएस अधिकारी ने मतदान होने तक अपने पिता के पार्थिव शरीर को अस्पताल के मॉर्च्युरी (शवगृह) में रखने का फैसला लिया।

चुनाव कराने के लिए संकल्पित थीं मुक्ता
मुक्ता के पिता राधेश्याम आर्य दिल्ली के निवासी थे और राष्ट्रीय राजधानी में श्रम आयोग के आयुक्त थे। वह चुनाव से पहले अपनी बेटी से मिलने आए थे। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया था, 'हमने उन्हें ब्रेक लेने को कहा था लेकिन वह चुनाव कराने के लिए दृढ़संकल्पित थीं। इतने बड़े पर्सनल लॉस के बावजूद उन्होंने अपनी चुनावी ड्यूटी को बेहतर तरीके से अंजाम किया।'

अधिकारी के अनुसार, 'मुक्ता ने रात तक ब्रेक नहीं लिया और बिना डगमगाए चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई। यह काबिले तारीफ है और उनके पेशेवर समर्पण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।'

मतदान कराने के बाद ही घर लौटीं मुक्ता
सूत्रों के मुताबिक, जब तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को पता चला कि मुक्ता के पिता अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक है तो उन्होंने एडीएम (चुनाव) को कमान संभालने का निर्देश दिया था।

चुनाव आयोग को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया था क्योंकि हावड़ा में मतदान की जिम्मेदारी मुक्ता के ऊपर थी। हालांकि मुक्ता को अगले दिन ऑफिस में देखकर सब हैरान रह गए। उन्होंने मतदान की प्रक्रिया संपन्न कराने के बाद ही ब्रेक लिया। चुनाव आयोग ने मंगलवार को मुक्ता को बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिसेज अवॉर्ड से सम्मानित किया।
लेखक के बारे में
शेफाली श्रीवास्तव
शेफाली श्रीवास्तव सीनियर डिजिटल कॉन्टेट प्रोड्यूसर हैं। दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स, गांव कनेक्शन और एनबीटी डिजिटल के साथ पत्रकारिता में 9 साल का अनुभव। पॉलिटिक्स से लेकर, स्पोर्ट्स, हेल्थ, वुमन, वाइल्डलाइफ और एंटरटेनमेंट में रुचि। पत्रकारिता में नए प्रयोगों के साथ सीखने की ललक।... और पढ़ें

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