नई दिल्ली
गूगल के नए फैसले के तहत, अब ऐंड्रॉयड निर्माताओं को हर डिवाइस में Google के इस्तेमाल के लिए फीस देनी होगी। यूरोप में Google Play Store और दूसरे मोबाइल ऐप्स को फीचर करने के लिए हर डिवाइस के लिए 40 डॉलर (करीब 3,000 रुपये) चुकाने होंगे।
शुक्रवार को The Verge की एक रिपोर्ट में कहा गया कि, हर डिवाइस में ऐप्स के गूगल मोबाइल सर्विसेज को इंस्टॉल करने के लिए 40 डॉलर तक (2,999 रुपये) तक चुकाने पड़ सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, 'नई फीस देश और डिवाइस टाइप के हिासब से अलग-अलग हो सकती है और यह फीस 1 फरवरी 2019 को या इसके बाद ऐक्टिवेट हुए डिवाएसेज़ पर ही अप्लाई होगी।'
इस रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से आगे बताया गया, 'गूगल कंपनियों के लिए कुछ या पूरी लाइसेंसिंग कॉस्ट को कवर करने के लिए अलग अग्रीमेंट्स भी ऑफर कर रहा है। इनमें वो कंपनियां शामिल हैं जो अपनी डिवाइसेज़ में क्रोम और गूगल सर्च इंस्टॉल करना चाहती हैं।' टेक दिग्गज गूगल ने हालांकि इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इससे पहेल इसी हफ्ते, गूगल ने कहा था कि मोबाइल डिवाइस मेकर्स के साथ कंपैटिबिलिटी अग्रीमेंट्स को अपडेट किया जा रहा है। यूरोप में कंपनियों से गूगल प्ले और दूसरे गूगल ऐंड्रॉयड ऐप्स के लिए शुल्क देने को कहा जा सकता है। ऐंड्रॉयड के खिलाफ आए यूरोपीय यूनियन के एंटी-ट्रस्ट वॉचडॉग के फैसले को लागू करने के लिए गूगल ने यह कदम उठाया है।
यूरोपीय कमीशन ने फैसला दिया था कि डिवाइस निर्माताओं पर गूगल सर्च और क्रोम इंस्टॉल करने के लिए दबाव डालना नियमों के खिलाफ है। टेक दिग्गज पर जुलाई में इसके लिए 5.1 बिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था। गूगल ने इस फैसले के खिलाफ अपील भी की है।
ऐंड्रॉयड में इन नए बदलावों को 29 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। स्मार्टफोन निर्माताओं को यूरोप में कुछ चुनिंदा ऐप्स के लिए पैसे चुकाने होंगे। जब ऐंड्रॉयड फ्री और ओपन सोर्स रहेगा, तो गूगल अपने सर्च ऐप क्रोम के लिए कंपनियों को अलग लाइसेंस जारी करेगा।
गूगल के नए फैसले के तहत, अब ऐंड्रॉयड निर्माताओं को हर डिवाइस में Google के इस्तेमाल के लिए फीस देनी होगी। यूरोप में Google Play Store और दूसरे मोबाइल ऐप्स को फीचर करने के लिए हर डिवाइस के लिए 40 डॉलर (करीब 3,000 रुपये) चुकाने होंगे।
शुक्रवार को The Verge की एक रिपोर्ट में कहा गया कि, हर डिवाइस में ऐप्स के गूगल मोबाइल सर्विसेज को इंस्टॉल करने के लिए 40 डॉलर तक (2,999 रुपये) तक चुकाने पड़ सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, 'नई फीस देश और डिवाइस टाइप के हिासब से अलग-अलग हो सकती है और यह फीस 1 फरवरी 2019 को या इसके बाद ऐक्टिवेट हुए डिवाएसेज़ पर ही अप्लाई होगी।'
इस रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से आगे बताया गया, 'गूगल कंपनियों के लिए कुछ या पूरी लाइसेंसिंग कॉस्ट को कवर करने के लिए अलग अग्रीमेंट्स भी ऑफर कर रहा है। इनमें वो कंपनियां शामिल हैं जो अपनी डिवाइसेज़ में क्रोम और गूगल सर्च इंस्टॉल करना चाहती हैं।' टेक दिग्गज गूगल ने हालांकि इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इससे पहेल इसी हफ्ते, गूगल ने कहा था कि मोबाइल डिवाइस मेकर्स के साथ कंपैटिबिलिटी अग्रीमेंट्स को अपडेट किया जा रहा है। यूरोप में कंपनियों से गूगल प्ले और दूसरे गूगल ऐंड्रॉयड ऐप्स के लिए शुल्क देने को कहा जा सकता है। ऐंड्रॉयड के खिलाफ आए यूरोपीय यूनियन के एंटी-ट्रस्ट वॉचडॉग के फैसले को लागू करने के लिए गूगल ने यह कदम उठाया है।
यूरोपीय कमीशन ने फैसला दिया था कि डिवाइस निर्माताओं पर गूगल सर्च और क्रोम इंस्टॉल करने के लिए दबाव डालना नियमों के खिलाफ है। टेक दिग्गज पर जुलाई में इसके लिए 5.1 बिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था। गूगल ने इस फैसले के खिलाफ अपील भी की है।
ऐंड्रॉयड में इन नए बदलावों को 29 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। स्मार्टफोन निर्माताओं को यूरोप में कुछ चुनिंदा ऐप्स के लिए पैसे चुकाने होंगे। जब ऐंड्रॉयड फ्री और ओपन सोर्स रहेगा, तो गूगल अपने सर्च ऐप क्रोम के लिए कंपनियों को अलग लाइसेंस जारी करेगा।