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आपके पर्सनल डेटा की सुरक्षा में मददगार होगा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस

हाल में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्रोग्राम डिवेलप किया है जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर किसी वेबसाइट की डेटा प्रोटेक्शन पॉलिसी को पलक झपकते पढ़ लेता है और आपके पर्सनल डेटा को सिक्यॉर करने में मदद कर सकता है।

पीटीआई 19 Feb 2018, 3:20 pm
हाल में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा प्रोग्राम डिवेलप किया है जो आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर किसी वेबसाइट की डेटा प्रोटेक्शन पॉलिसी को पलक झपकते पढ़ लेता है और आपके पर्सनल डेटा को सिक्यॉर करने में मदद कर सकता है। स्विट्जरलैंड के रिसर्चर्स द्वारा डिवेलप किए गए इस प्रोग्राम के जरिए लोगों को पता चल सकेगा कि कौन सी वेबसाइट या ऐप्स उनके पर्सनल डेटा को कलेक्ट कर रहे हैं और बेच रहे हैं।
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ऐसा ज्यादातर देखा जाता है कि सामान्यतौर पर लोग वेबसाइट इस्तेमाल करने से पहले उसके टर्म्स और कंडिशंस को नहीं पढ़ते हैं। ये टर्म्स न केवल बहुत लंबे होते हैं बल्कि उन्हें ऐसी कानूनी भाषा में लिखा जाता है कि उन्हें समझना काफी मुश्किल होता है। रिसर्च में यह सामने आया है कि इन टर्म्स में कानूनी भाषा में ऐसे प्रावधान होते हैं जिसमें उन वेबसाइट या ऐप के पास आपके निजी डेटा का इस्तेमाल करने का अधिकार होता है। इन डेटा में आपके आईपी अड्रेस, उम्र और ऑनलाइन प्रेफरेंसेस शामिल होते हैं।

रिसर्च करने वाली टीम ने बताया कि उनका प्रोग्राम साधारण ग्राफ और कलर कोड्स का इस्तेमाल करता है जिससे यूजर को यह पता चल जाता है कि उनके डेटा का कितना इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, कुछ वेबसाइट मार्केटिंग के उद्देश्य से जियोलोकेशन डेटा को शेयर कर देती हैं जबकि कुछ वेबसाइट बच्चों के बारे में पूरी तरह जानकारी को सुरक्षित नहीं रखती हैं।

रिसर्चर्स ने वेबसाइट की डेटा प्रोटेक्शन पॉलिसी को समझने के लिए अपने प्रोग्राम में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का प्रयोग करता है। जैसे ही पॉलिसी का टेक्स्ट प्रोग्राम में जाता है कुछ ही सेकंड में सॉफ्टवेअर की मदद से यह आसान विजुअल्स की मदद से रिजल्ट दे देता है। इससे यूजर को तुरंत पता चल जाता है कि वेबसाइट को किन-किन डेटा को कलेक्ट करने का अधिकार है और इसका उद्देश्य क्या है। इसके बाद यूजर को यह पता चल जाता है कि उसे उस वेबसाइट, ऐप को इस्तेमाल या डाउनलोड करना है या नहीं। इसके साथ ही यह प्रोग्राम यूजर को यह भी बतता है कि उनके द्वारा किसी डेटा को शेयर करने से इनकार करने के और क्या ऑप्शन मौजूद हैं।

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