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इंटरनेट की दुनिया में क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार देश में इंटरनेट यूजर्स में क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा है और इसमें आने वाले समय में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके अनुसार 2021 तक देश में कुल इंटरनेट यूजर्स में से 75 प्रतिशत इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय भाषाओं में कर रहे होंगे।

एजेंसियां 31 Jan 2018, 10:13 am
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में इंटरनेट यूजर्स में क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा है और इसमें आने वाले समय में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके अनुसार 2021 तक देश में कुल इंटरनेट यूजर्स में से 75 प्रतिशत इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय भाषाओं में कर रहे होंगे।
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टाइम्स इंटरनेट स्टडी में यह निष्कर्ष सामने आया है। इसके अनुसार किफायती स्मार्टफोन, सस्ता 3G और 4G कनेक्शन देश में इंटरनेट के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहा है। हाइस्पीड इंटरनेट की उपलब्धता अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रह गई है और यह आनलाइन कॉन्टेट खपत में व्यापक बदलाव ला रही है।

इसके अनुसार देश में क्षेत्रीय भाषा यूजर्स के आधार में 2011 से 2016 के बीच 41 प्रतिशत कंपाउडेड रेट से बढ़ोतरी हुई और यह 23.4 करोड़ हो गया। यह 2021 तक साल दर साल 18 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 53.6 करोड़ हो सकता है। वहीं अंग्रेजी में कॉन्टेंट के यूजर्स की संख्या भी तीन प्रतिशत साल दर साल वृद्धि के साथ 2021 तक 19.9 करोड़ हो सकती है।

यह अध्ययन नौ करोड़ से अधिक लोगों की राय पर आधारित है। इसमें क्षेत्रीय भाषाओं के कॉन्टेंट के बढ़ते इस्तेमाल को दिखाया गया है क्योंकि आधे से अधिक यूजर्स तो गैर अंग्रेजी भाषा के हैं। इसके अनुसार हिंदी के दो तिहाई से अधिक पाठक अब अंग्रेजी भी पढ़ लेते हैं। इसके अनुसार कुल कॉन्टेंट कंजंप्शन में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं ने अंग्रेजी को पछाड़ दिया है। क्षेत्रीय भाषाओं में सबसे अधिक खपत समाचारों से जुड़ी सामग्री की है। जहां तक महिला यूजर्स का सवाल है तो गुजराती भाषा में सामग्री की सबसे अधिक मांग देखी गई है।

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