ट्रैवलिंग पैकेज बुक करवाते समय आकृति ने यह सुनिश्चित किया कि पैकेज में फटॉग्रफी सर्विस जरूर शामिल हो, वहीं आरुषि जब भी ट्रैवलिंग करती हैं, तो अपने साथ तमाम तरह के डिजाइनर कॉस्ट्यूम ले जाना नहीं भूलतीं। आकृति और आरुषि की तरह ही ऐसे कई ट्रैवलर्स हैं, जो बुकिंग डॉट कॉम द्वारा आए सर्वे को सच साबित करते हैं। दरअसल इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर भारतीय नई चीजें सीखने व नई जगह एक्सप्लोर करने के बजाए सोशल सर्कल में शो ऑफ करने के लिए ट्रैवल करते हैं। पेश है इस पर एक रिपोर्ट :
उधार-कर्जा लेकर करते हैं ट्रैवलिंग
मीडिया हाउस में कार्यरत शीना ने अपने वॉल पर इस सर्वे की रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा कि मेरे नजर में ऐसे कई लोग हैं, जो इस बीमारी से ग्रस्त हैं। शीना बताती हैं, 'मेरी दोस्त को घूमने-फिरने का काफी शौक है। हाल ही में वह यूरोप टूर से वापस आई है। मुझे हैरानी यह जानकर हुई है कि उसने ट्रैवलिंग के लिए डेढ़ लाख रुपये उधार लिए थे। उधार के पैसों से ट्रैवलिंग आपको कितना सुकून देता है, यह मेरे सोच से परे है। अभी वह इस टेंशन में है कि कैसे कर्ज अदा किया जाए। वहीं इसके विपरीत उसके इंस्टाग्राम स्टेट्स पूरे दिखावे से भरे पड़े थे। वह किस होटल में रुकी है और उसने ब्रेकफास्ट से लेकर क्या डिनर किया है, सबकी जानकारी स्टेट्स के जरिए मिल रही थी।' प्राइवेट ऑर्गनाइज़ेशन में काम करने वाली पल्लवी का कहना था, 'मेरे पति के एक दोस्त अक्सर अपनी फॉरेन टूर की तस्वीर शेयर करते रहते हैं। हाल ही में वह अपनी फैमिली के साथ पेरिस गए हुए थे। उनकी कैंडिड पिक्चर्स देखकर मैं उनकी फोटाेग्राफी की मुरीद हो गई थी।
बाद में पता चला कि वह अपनी हर ट्रिप में एक फोटोग्राफर को साथ भी लेकर जाते हैं, जो उनकी अच्छी-अच्छी कैंडिड तस्वीरें खींचता है। इतना ही नहीं, वह कॉस्ट्यूम पर भी काफी खर्च करते हैं ताकि पिक्चर्स अच्छी आ सकें।' पेशे से मॉडल सनाया (बदला हुआ नाम) बताती हैं, 'मेरे ज्यादातर फ्रेंड्स एलीट क्लास से ताल्लुक रखते हैं। उनके साथ कई बार शो ऑफ के लिए मुझे ट्रैवलिंग करनी पड़ती है। मैं जैसे-तैसे अपनी ट्रैवलिंग का खर्च उठा लेती हूं, लेकिन वहां मैं कई सारे कॉस्ट्यूम रेंट या दूसरे दोस्तों से उधार मांगकर लेकर जाती हूं।'
सोशल मीडिया का प्रेशर
राहुल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कई ऐसे दोस्तों को हटाया है, जो अपनी ऐक्टिविटी की जानकारी पल-पल देते रहते हैं। बकौल राहुल, 'मुझे समझ नहीं आता कि लोग ट्रैवलिंग के वक्त इतना शो ऑफ क्यों करते हैं। भई मानते हैं कि आप फलां जगह गए हो, लेकिन हमें आपके खाने-पीने और सोने-जागने में कोई दिलचस्पी नहीं है।' जाने-माने साइकॉलजिस्ट हरीश शेट्टी का मानना है कि ट्रैवलिंग अब लोगों के लिए सोशल स्टेट्स बनता जा रहा है। हरीश के अनुसार, 'ट्रैवलिंग को सोशल स्टेट्स बनाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है, दरअसल हम भारतीयों की फितरत में ही दिखावा रहा है।'
शो ऑफ वाली सेल्फी के चक्कर में चोट
ट्रैवर्स नामक ट्रैवल एजेंसी के प्रतीक इस सर्वे से पूरी तरह सहमति रखते हुए कहते हैं, 'मैं इस सर्वे से शत-प्रतिशत सहमत हूं। लोग ट्रैवलिंग पर सोशल मीडिया पर अपडेट करने के लिए जाते हैं। कुछ समय पहले ही मैं 25 लोगों के ग्रुप को लेकर लद्दाख गया था, वहां वे पैंगॉन्ग लेक के पास कचरा फेंकने लगे और जब गाइड उन्हें उस जगह की जानकारी दे रहा था, तो उसे सुनने में कोई इंट्रेस्टेड नहीं नजर आ रहा था। सब तस्वीरें खिंचवाने में बिजी थे।' अपने ग्रुप में घुमक्क्ड़ी के रूप में प्रसिद्ध विशाल गोस्वामी कहते हैं, 'मैं एक बार शो ऑफ वाली सेल्फी खिंचवाने के चक्कर में अपनी टांग तुड़वा चुका हूं।'
उधार-कर्जा लेकर करते हैं ट्रैवलिंग
मीडिया हाउस में कार्यरत शीना ने अपने वॉल पर इस सर्वे की रिपोर्ट शेयर करते हुए लिखा कि मेरे नजर में ऐसे कई लोग हैं, जो इस बीमारी से ग्रस्त हैं। शीना बताती हैं, 'मेरी दोस्त को घूमने-फिरने का काफी शौक है। हाल ही में वह यूरोप टूर से वापस आई है। मुझे हैरानी यह जानकर हुई है कि उसने ट्रैवलिंग के लिए डेढ़ लाख रुपये उधार लिए थे। उधार के पैसों से ट्रैवलिंग आपको कितना सुकून देता है, यह मेरे सोच से परे है। अभी वह इस टेंशन में है कि कैसे कर्ज अदा किया जाए। वहीं इसके विपरीत उसके इंस्टाग्राम स्टेट्स पूरे दिखावे से भरे पड़े थे। वह किस होटल में रुकी है और उसने ब्रेकफास्ट से लेकर क्या डिनर किया है, सबकी जानकारी स्टेट्स के जरिए मिल रही थी।' प्राइवेट ऑर्गनाइज़ेशन में काम करने वाली पल्लवी का कहना था, 'मेरे पति के एक दोस्त अक्सर अपनी फॉरेन टूर की तस्वीर शेयर करते रहते हैं। हाल ही में वह अपनी फैमिली के साथ पेरिस गए हुए थे। उनकी कैंडिड पिक्चर्स देखकर मैं उनकी फोटाेग्राफी की मुरीद हो गई थी।
बाद में पता चला कि वह अपनी हर ट्रिप में एक फोटोग्राफर को साथ भी लेकर जाते हैं, जो उनकी अच्छी-अच्छी कैंडिड तस्वीरें खींचता है। इतना ही नहीं, वह कॉस्ट्यूम पर भी काफी खर्च करते हैं ताकि पिक्चर्स अच्छी आ सकें।' पेशे से मॉडल सनाया (बदला हुआ नाम) बताती हैं, 'मेरे ज्यादातर फ्रेंड्स एलीट क्लास से ताल्लुक रखते हैं। उनके साथ कई बार शो ऑफ के लिए मुझे ट्रैवलिंग करनी पड़ती है। मैं जैसे-तैसे अपनी ट्रैवलिंग का खर्च उठा लेती हूं, लेकिन वहां मैं कई सारे कॉस्ट्यूम रेंट या दूसरे दोस्तों से उधार मांगकर लेकर जाती हूं।'
सोशल मीडिया का प्रेशर
राहुल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कई ऐसे दोस्तों को हटाया है, जो अपनी ऐक्टिविटी की जानकारी पल-पल देते रहते हैं। बकौल राहुल, 'मुझे समझ नहीं आता कि लोग ट्रैवलिंग के वक्त इतना शो ऑफ क्यों करते हैं। भई मानते हैं कि आप फलां जगह गए हो, लेकिन हमें आपके खाने-पीने और सोने-जागने में कोई दिलचस्पी नहीं है।' जाने-माने साइकॉलजिस्ट हरीश शेट्टी का मानना है कि ट्रैवलिंग अब लोगों के लिए सोशल स्टेट्स बनता जा रहा है। हरीश के अनुसार, 'ट्रैवलिंग को सोशल स्टेट्स बनाने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है, दरअसल हम भारतीयों की फितरत में ही दिखावा रहा है।'
शो ऑफ वाली सेल्फी के चक्कर में चोट
ट्रैवर्स नामक ट्रैवल एजेंसी के प्रतीक इस सर्वे से पूरी तरह सहमति रखते हुए कहते हैं, 'मैं इस सर्वे से शत-प्रतिशत सहमत हूं। लोग ट्रैवलिंग पर सोशल मीडिया पर अपडेट करने के लिए जाते हैं। कुछ समय पहले ही मैं 25 लोगों के ग्रुप को लेकर लद्दाख गया था, वहां वे पैंगॉन्ग लेक के पास कचरा फेंकने लगे और जब गाइड उन्हें उस जगह की जानकारी दे रहा था, तो उसे सुनने में कोई इंट्रेस्टेड नहीं नजर आ रहा था। सब तस्वीरें खिंचवाने में बिजी थे।' अपने ग्रुप में घुमक्क्ड़ी के रूप में प्रसिद्ध विशाल गोस्वामी कहते हैं, 'मैं एक बार शो ऑफ वाली सेल्फी खिंचवाने के चक्कर में अपनी टांग तुड़वा चुका हूं।'