आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है जो भारतीय समय के अनुसार, शनिवार दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि करीब 3 घंटे 30 मिनट की है। हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। नासा की मानें तो यह आंशिक सूर्य ग्रहण है जिसमें ग्रहण के दौरान सूर्य के कुछ हिस्से को चांद ढक लेगा।
इन जगहों पर दिखेगा ग्रहण
नासा की मानें तो यह आंशिक सूर्य ग्रहण रूस, चीन के उत्तरी भाग, मंगोलिया, उत्तरी यूरोप, स्कैनडिनेविया और उत्तरी कनाडा के साथ ही आर्कटिक ओशन के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा। इन देशों के अलावा ग्रीनलैंड, साउथ कोरिया के सिओल में भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ेगा। ग्रहण जब अपने शिखर पर होगा उस वक्त चांद सूर्य के करीब 73 प्रतिशत हिस्से को ढक लेगा।
जुलाई 2019 में अगला सूर्य ग्रहण
इससे पहले पूर्ण सूर्य ग्रहण 21 अगस्त 2017 को पड़ा था। साल 2018 की बात करें तो पहला सूर्य ग्रहण 15 फरवरी 2018 को पड़ा था जो दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक ओशन के कुछ हिस्सों में भी दिखा था। इसके बाद अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 13 जुलाई 2018 को पड़ा था जो ऑस्ट्रेलिया और अंटार्टिक के कुछ हिस्सों में पड़ा था और अब यह तीसरा आंशिक सूर्य ग्रहण है और यह भी भारत में दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसके बाद अब अगला सूर्य ग्रहण 17 जुलाई 2019 को पड़ेगा जो भारत समेत दुनियाभर के ज्यादातर देशों से देखा जा सकेगा।
इन जगहों पर दिखेगा ग्रहण
नासा की मानें तो यह आंशिक सूर्य ग्रहण रूस, चीन के उत्तरी भाग, मंगोलिया, उत्तरी यूरोप, स्कैनडिनेविया और उत्तरी कनाडा के साथ ही आर्कटिक ओशन के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा। इन देशों के अलावा ग्रीनलैंड, साउथ कोरिया के सिओल में भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ेगा। ग्रहण जब अपने शिखर पर होगा उस वक्त चांद सूर्य के करीब 73 प्रतिशत हिस्से को ढक लेगा।
जुलाई 2019 में अगला सूर्य ग्रहण
इससे पहले पूर्ण सूर्य ग्रहण 21 अगस्त 2017 को पड़ा था। साल 2018 की बात करें तो पहला सूर्य ग्रहण 15 फरवरी 2018 को पड़ा था जो दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक ओशन के कुछ हिस्सों में भी दिखा था। इसके बाद अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 13 जुलाई 2018 को पड़ा था जो ऑस्ट्रेलिया और अंटार्टिक के कुछ हिस्सों में पड़ा था और अब यह तीसरा आंशिक सूर्य ग्रहण है और यह भी भारत में दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसके बाद अब अगला सूर्य ग्रहण 17 जुलाई 2019 को पड़ेगा जो भारत समेत दुनियाभर के ज्यादातर देशों से देखा जा सकेगा।