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दुनिया की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी ‘तक्षशिला’ में 10 हजार से अधिक थे छात्र और 16 की आयु में मिलता था दाखिला

यूं तो तक्षशिला को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। फिर भी कुछ ऐसे दिलचस्प और रोचक तथ्य हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते हों।

नवभारतटाइम्स.कॉम 19 Feb 2022, 12:00 pm
तक्षशिला, जिसे अब तक्सिला के नाम से जाना जाता है, पंजाब के रावलपिंडी जिले पाकिस्तान में स्थित एक प्राचीन प्रमुख शहर है। यहां दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी स्थापित की गई थी। यह अपने समय में सभी यूनिवर्सिटी की जननी थी। यह आज जैसी यूनिवर्सिटी नहीं थी, बल्कि कई महान शिक्षकों का घर था। बता दें कि तक्षशिला को 'कटस्टोन का शहर' भी कहा जाता है। अपने समय में इसे कई राजाओं द्वारा शासित किया गया था, इस प्रकार इसमें कई बदलाव देखे गए। तो आइए एक नजर डालते हैं तक्षशिला से जुड़े रोचक तथ्यों पर, जिनके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे।
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दुनिया की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी ‘तक्षशिला’ में 10 हजार से अधिक थे छात्र और 16 की आयु में मिलता था दाखिला


700 बीसी में स्थापित की गई थी यूनिवर्सिटी -

दुनिया का पहली यूनिवर्सिटी 700 बीसी में स्थापित की गई थी। शिक्षा का यह केंद्र पाकिस्तान में रावलपिंडी से लगभग 50 किमी पश्चिम में स्थित था। इसे हिंदू और बौद्ध शिक्षा का केंद्र माना जाता था।

कोई सिलेबस नहीं था -

आपको जानकर हैरत होगी कि तक्षशिला में आजकल की यूनिवॢस्टी की तरह कोई सिलेबस नहीं था। कई महान शिक्षकों ने यहां बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाया है। छात्र को पूरी छूट थी, कि वो जिस शिक्षक की कक्षा में पढऩा चाहता है, बेठ सकता है। शिक्षक भी अपनी पसंद के आधार पर कितने भी छात्रों को पढ़ा सकते थे।

(फोटो साभार : wikipedia)

कोई फीस नहीं, कोई परीक्षा नहीं -

किसी भी शासक ने कभी भी तक्षशिला के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की। अच्छी बात यह है कि यहां कभी भी किसी छात्र को कोई फीस भी नहीं देनी पड़ी। क्योंकि यहां पर किसी चीज के बदले ज्ञान बेचे जाने पर नाराजगी जताई जाती थी।

शिक्षक बताते थे, कब पूरी होगी शिक्षा -

एक और रोचक बात यह है कि यहां कोई ग्रेडिंग सिस्टम नहीं था। साथ ही यहं शिक्षक बताते थे कि छात्र की शिक्षा कब खत्म होगी। हां, शिक्षा के अंत में एक सांकेतिक गुरू दक्षिणा जरूर स्वीकार की जाती थी।

बहुत कठिन थी प्रवेश परीक्षा -

भले ही इस यूनिवर्सिटी में कोई सिलेबस नहीं था, लेकिन यहां की प्रवेश परीक्षा बहुत कठिन थी। हर 10 में से केवल 3 छात्र ही परीक्षा में पास होते थे।

यहां केवल ग्रेजुएशन का सिस्टम

यह यूनिवर्सिटी बड़े पैमाने पर पोस्ट ग्रेजुएशन स्टडीज का हब था। तक्षशिला में भर्ती होने से पहले छात्रों को अपनी प्राथमिक अैर माध्यमिक शिक्षा कहीं और पूरी करनी पड़ती थी। यहां भर्ती होने के दैारान छात्र की आयु 16 वर्ष होना जरूरी थी। न केवल भारतीय बल्कि चीन, ग्रीस और अरब जैसे आसपास के देशों के छात्र भी यहां शिक्षा लेने आते थे।

दुनिया की कुछ और ऐसी यूनिवर्सिटी - Some more such universities in the world

तक्षशिला के अलावा दुनिया में और भी कई पुरानी यूनिवर्सिटीज हैं, जिनमें से कुछ का अस्तित्व खत्म हो चुका है, तो कुछ आज भी मौजूद हैं - नालंदा, सोमापुरा, अल-करौइन, बोलोग्ना विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय। अपनी यात्रा के दौरान आप इन्हें भी देखना न भूलें।

(फोटो साभार : TOI.com)

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