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प्रदूषित शहरों में जाने वाले ट्रैवलर्स होते हैं बीमारियों का शिकार: रिसर्च

एक नई स्टडी में सामने आया है कि सिर्फ कुछ दिन ही प्रदूषित शहरों में बिताने पर भी प्रदूषण ट्रेवलर्स की सेहत को प्रभावित करता है। रिसर्च के अनुसार प्रदूषित शहर जाने वाले लोगों का लंग फंक्शन औसत 6 प्रतिशत तक कम हो गया।

पीटीआई 1 Jun 2019, 12:43 pm
किसी प्रदूषित शहर में रहने के नुकसान के बारे में तो सभी जानते हैं। ऐसे शहरों में रहने का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कई स्टडीज में यह बात भी सामने आई है कि प्रदूषित शहरों में रहने वाले लोगों को जिंदगी जल्दी खत्म हो जाती है। हालांकि, ऐसे शहरों में घूमने जाने वालों के बारे में कम ही बात होती है। बता दें कि एक नई स्टडी में सामने आया है कि सिर्फ कुछ दिन ही यहां बिताने पर भी प्रदूषण ट्रेवलर्स की सेहत को प्रभावित करता है।
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ट्रैवलर्स जो ऐसे शहरों में कुछ दिन ही बिताते हैं वे इस प्रदूषक तत्वों के लिए इम्यून नहीं होते हैं और उन्हें नुकसान होता है। किसी प्रदूषित शहर में एक हफ्ते रहने पर भी यात्री को खांसी और सांस की दिक्कतें हो जाती हैं जिन्हें ठीक होने में करीब कई दिन लग जाते हैं। बता दें कि इस स्टडी को भारत, पाकिस्तान और चीन के प्रदूषित शहरों को लेकर की गई थी।

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न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन ने प्रदूषण से संबंधित सांस की दिक्कतों और उसके ठीक होने के समय पर रिसर्च किया है। यह रिसर्च इंटरनैशनल ट्रैवलर्स पर की गई है। रिसर्चर्स ने न्यू यॉर्क से दूसरे देश में जाने वाले ट्रैवलर्स के लंग्स और हार्ट की जांच की। इनमें से ज्यादातर लोग भारत के अहमदाबाद, दिल्ली, पाकिस्तान के रावलपिंडी और चीन में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे।

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रिसर्च के अनुसार प्रदूषित शहर जाने वाले लोगों का लंग फंक्शन औसत 6 प्रतिशत तक कम हो गया। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वे लंबे समय तक खांसी से परेशान रहे।

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