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यूपी चुनाव: फतेहपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला, उत्तम-ज्योति की प्रतिष्ठा दांव पर

अमौली के चाट के ठेले के पास खड़े मोनू त्रिवेदी चुनावी समीकरण समझा रहे थे, तभी एक लड़का बार-बार दोहराए जा रहा था कि मदन गोपाल वर्मा केर चुनाव निशान साइकल आय। वहां खड़े लोग बच्चे पर ही बरस पड़े-बात करै देव। भ्याट अस हौ, बातै खूब छौकि रहे हौ। उनकेर चुनाव चिह्न साइकल होय या हेलिकॉप्टर होय। काम कुछ करत नहीं। दस साल हुईगे हैं, कुछ नहीं किन्हेन। केतनी बार इनसे कहा जा चुका है लेकिन सुनतै नहिं आय।

नवभारत टाइम्स 18 Feb 2017, 9:34 am
बृजेश शुक्ल, फतेहपुर
नवभारतटाइम्स.कॉम up election 2017 tough fight between sp and apna dal in fatehpur
यूपी चुनाव: फतेहपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला, उत्तम-ज्योति की प्रतिष्ठा दांव पर

अमौली के चाट के ठेले के पास खड़े मोनू त्रिवेदी चुनावी समीकरण समझा रहे थे, तभी एक लड़का बार-बार दोहराए जा रहा था कि मदन गोपाल वर्मा केर चुनाव निशान साइकल आय। वहां खड़े लोग बच्चे पर ही बरस पड़े-बात करै देव। भ्याट अस हौ, बातै खूब छौकि रहे हौ। उनकेर चुनाव चिह्न साइकल होय या हेलिकॉप्टर होय। काम कुछ करत नहीं। दस साल हुईगे हैं, कुछ नहीं किन्हेन। केतनी बार इनसे कहा जा चुका है लेकिन सुनतै नहिं आय। इमा अखिलेश यादव का करि लेहै। ई जिम्मेदारी विधायक केर आय। ई बार इनका वोट न देबे। एसपी विधायक मदन गोपाल वर्मा के प्रति मतदाताओं में नाराजगी है। लेकिन जगदीश वर्मा कहते हैं कि मदन गोपाल बहुत ही सरल है और वह अधिकारियों से अपनी बात शालीनता से कहते है और विपक्षी इसे ही मुददा बनाए हुए है। ऐसे ही सरल विधायकों की जरूरत है।

सूत-फेनी और गोंद के लड्डुओं के लिए मशहूर यह क्षेत्र एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का है। वह इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। लहुरी सराय गांव के रहने वाले है। केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति इसी विधानसभा क्षेत्र मानेपुर पतेउरा की रहने वाली है। दोनों अपने-अपने दलों के स्टार प्रचारक है। एसपी ने एक बार फिर मदन गोपाल वर्मा को टिकट दिया है। क्या नरेश उत्तम, मदन गोपाल के प्रति मतदाताओं की नाराजगी को दूर कर पाएगें? निरंजन ज्योति पर पार्टी के कई कार्यकर्ता ही टिकट वितरण में मनमानी का आरोप लगा रहे है। बीएसपी के टिकट पर 2007 में विधायक चुने गए आदित्य पाण्डेय बीजेपी के टिकट के दावेदार थे। पाण्डेय का आरोप है कि निरंजन ज्योति ने अपने रिश्तेदार जयकुमार जैकी को टिकट दिलाने के लिए न सिर्फ उनका विरोध किया बल्कि साजिशन यह सीट बीजेपी के सहयोगी अपना दल खाते में डलवा दी। अब जैकी अपना दल के सिंबल कप-प्लेट से चुनाव मैदान में है और चुनाव की कमान संभाली है निरंजन ज्योति ने। आदित्य पाण्डेय ने बगावत कर दी और आरएलडी के टिकट पर मैदान में कूद पड़े। बीएसपी ने राम नारायण निषाद को टिकट दिया है। एक तरफ नरेश उत्तम किसी भी कीमत पर मदनगोपाल को जितवा देना चाहते हैं, लेकिन उससे भी बड़ी चुनौती निरंजन ज्योति के सामने है। जयकुमार जैकी भले ही अपना दल के प्रत्याशी हों लेकिन उन्हें जिताने की जिम्मेवारी अनुप्रिया पटेल से ज्यादा निरंजन ज्योति पर है। आदित्य पाण्डेय के आरोपों के बाद ब्राह्मण मतदाता आरएलडी की ओर खिसक गया है। मदन गोपाल एवं जैकी दोनो ही सजातीय हैंऔर वर्मा मतदाता बंट रहे हैं। जहानाबाद के ही कृष्ण कुमार कहते है कि कुर्मी मतदाताओं में दोनो का दबदबा है। फिलहाल मुस्लिम मतदाताओं की रुझान एसपी की ओर है।

इस क्षेत्र में निषाद बहुसंख्यक हैं, लेकिन इनमें निरंजन ज्योति का प्रभाव है। साथ ही अन्य पिछड़े वर्ग का वोट भी जैकी को मिल रहा है। एसपी के सामने यहां वही परेशानी है जो उनके गढ़ इटावा व मैनपुरी में देखने को मिली थी। वहां पर शाक्यों के बड़े नेता रघुराज शाक्य एसपी के खिलफ प्रचार कर रहे हैं। जहानाबाद के बगल की तिंदवारी सीट से शिवपाल सिंह यादव ने विशम्भर निषाद की पत्नी शकुंतला निषाद को टिकट दिया था। बाद में जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बने तो उन्होंने शकुंतला का टिकट काटकर यह सीट कांग्रेस के खाते में डाल दी। अब विशम्भर निषाद अपने को मुलायमवादी बता कर गठबंधन को हरवाने में लगे हैं। वह बीएसपी के पक्ष में खड़े हो गए है। इसका असर भी दिख रहा है। मउदेवपुर के परमानंद निषाद कहते है कि एसपी को वोट न देबे। अउर केहका देबे तय नहीं कीन्ह। यदि निषाद वोट एसपी को नहीं मिला तो उसकी लड़ाई कमजोर होगी। वहीं पर चुनावी चर्चा में तल्लीन वीरेश्वर कहते हैं कि एसपी का सामाजिक समीकरण कमजोर पड़ा है जबकि पहले वही उसकी ताकत थी। अमौली के ही हरिनारायण कहते हैं कि यहां आदित्य एवं जैकी के बीच लड़ाई है। वह बताते हैं कि जैकी को अति पिछड़ों को कहीं ज्यादा वोट मिल रहे है। लेकिन वशीर कहते हैं कि जैकी से नहीं बल्कि लड़ाई एसपी बसपा और आरएलडी के बीच है। जैकी का ब्राम्हण वोट कट गया है और उससे वह लड़ाई से बाहर हो गए है। मानेपुर के अशोक वर्मा कहते हैं कि निरंजन ज्योति के प्रभाव के कारण अपना दल बेहतर लड़ाई में आ गया है।

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