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इस 'जलपरी' के मांस के साथ जुड़ी है अमर होने की कहानी, वैज्ञानिक भी हैरान

आप तस्वीर में देख सकते हैं कि इस ममी का चेहरा इंसानों जैसा है। उसके मुंह में नुकीले दांत हैं। दो हाथ होने के साथ-साथ उसके सिर और भौंह पर बाल भी हैं। जबकि उसके शरीर का निचला हिस्सा मछली जैसा है। अगर उसके निचले हिस्से को छोड़ दिया जाए, तो वह दिखने में काफी भयानक है!

नवभारतटाइम्स.कॉम 7 Mar 2022, 2:27 pm
जलपरियों को लेकर बहुत सी कहानियां हैं। लेकिन ये कहानियां कितनी सच्ची हैं। इन पर जरूर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, अब तक जलपरी के मिलने की आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं हुई है, पर इन दिनों जापान के वैज्ञानिक एक ऐसी ममी (Mummy) का अध्ययन कर रहे हैं, जो आधा इंसान और आधा मछली जैसी दिखती है। इस 12 इंच की रहस्यमय 'जलपरी' (Mermaid) ममी को कथित तौर पर जापानी द्वीप शिकोकू (Shikoku) से 1736 और 1741 के बीच प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में मछुआरे द्वारा पकड़ा गया था। अब इसे असाकुची (Asakuchi) शहर के एक मंदिर में रखा गया है।
नवभारतटाइम्स.कॉम 300 year old mummified mermaid with human face and tail mystery in japan
इस 'जलपरी' के मांस के साथ जुड़ी है अमर होने की कहानी, वैज्ञानिक भी हैरान


आधा इंसान, आधा मछली...

Credit: Kinoshita Hiroshi via Pen News

आप तस्वीर में देख सकते हैं कि इस ममी का चेहरा इंसानों जैसा है। उसके मुंह में नुकीले दांत हैं। दो हाथ होने के साथ-साथ उसके सिर और भौंह पर बाल भी हैं। जबकि उसके शरीर का निचला हिस्सा मछली जैसा है। अगर उसके निचले हिस्से को छोड़ दिया जाए, तो वह दिखने में काफी भयानक है!

ममी के साथ जुड़ी हैं धार्मिक मान्यताएं!

Credit: Kinoshita Hiroshi via Pen News

'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार, ममी के रहस्यों का पता लगाने के लिए 'कुराशिकी विश्वविद्यालय के विज्ञान और कला' (Kurashiki University of Science and the Arts) के शोधकर्ता उसका सीटी स्कैनिंग करवा रहे हैं। वहीं ओकायामा फॉकलोर सोसायटी के हिरोशी किनोशिता का मानना है कि इस ममी के साथ धार्मिक मान्यताएं भी छिपी हुई हैं।

जलपरी और अमरता की कहानी

Credit: Kinoshita Hiroshi via Pen News

हिरोशी ने कहा, 'जापान में 'जलपरियों' को लेकर अमरता की मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप 'जलपरी' का मांस खाते हैं, तो आप कभी नहीं मरेंगे।' उन्होंने आगे बताया कि जापान के कई हिस्सों में मान्यता है कि एक महिला ने गलती से एक जलपरी का मांस खा लिया, और 800 साल तक जीवित रही। यह 'याओ-बिकुनी' दिव्य चरित्र उस मंदिर के पास भी संरक्षित है, जहां जलपरी ममी पाई गई थी। यहां तक मैंने ये भी सुना है कि कुछ लोग इस मान्यता में विश्वास करते हैं कि 'जलपरी ममियों' के मांस खाए जाते थे।'

सामने आया 1903 का एक लेटर

Credit: Kinoshita Hiroshi via Pen News

इतना ही नहीं, ऐसा भी माना जाता है कि जलपरी ने एक संक्रामक बीमारी की भविष्यवाणी की थी। 1903 में लिखा गया एक पत्र भी सामने आया है, जिसे ममी के पूर्व मालिक ने लिखा था, जिसे ममी के साथ ही रखा गया है। पत्र में बताया गया कि यह मम्मी कोच्चि प्रांत के पास समुद्र में मछली पकड़ने के दौरान एक मछुआरे के जाल में फंसी थी।

क्या लिखा है इस पत्र में?

Credit: Kinoshita Hiroshi via Pen News

जिस मछुआरे ने इसे पकड़ा था उसे पता नहीं था कि यह एक जलपरी है! लेकिन वो इसे अपने साथ ओसाका (Osaka) ले गया और बेच दिया, जिसे मेरे पूर्वजों ने खरीदा और इसे पारिवारिक खजाने के रूप में सहेज कर रखा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ममी कब और कैसे असाकुची के एनजुइन मंदिर में आई।

40 वर्षों से रखा गया है बॉक्स में...

Credit: Kinoshita Hiroshi via Pen News

लेकिन मंदिर के मुख्य पुजारी Kozen Kuida ने कहा कि इसे लगभग 40 साल पहले एक कांच के बॉक्स में देखने के लिए रखा गया था। हालांकि, अब इसे एक फायरप्रूव सेफ में रखा गया है। हालांकि, कोविड काल में इस ममी को लेकर लोगों की अलग-अलग राय हैं। कुछ का मामना है कि यह कोई इंसान हो सकता है, जो किसी वायरस के चपेट में आकर ऐसा हो गया होगा।

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