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‘ट्रंप ने शरीफ की नहीं की थी तारीफ’

-कहा, पाक ट्रंप से बातचीत का गलत मतलब समझ कर गलत बयानी कर रहा है-ट्रंप की टीम ने अमेरिकी राष्ट्रपति से शरीफ की बातचीत का खुलासा कर पाक की गलतफहमी ...

नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Dec 2016, 7:00 am

-कहा, पाक ट्रंप से बातचीत का गलत मतलब समझ कर गलत बयानी कर रहा है

-ट्रंप की टीम ने अमेरिकी राष्ट्रपति से शरीफ की बातचीत का खुलासा कर पाक की गलतफहमी दूर की

एजेंसियां, वॉशिंगटन

अमेरिका के राष्ट्रपति डॅानल्ड ट्रंप की टीम ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति नवाज शरीफ के साथ बुधवार रात को फोन पर हुई बातचीत का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि शरीफ की इतनी भी तारीफ ट्रंप ने नहीं की थी, जितना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। ट्रंप की टीम के अनुसार शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हुई बातचीत का अपने मन मुताबिक गलत मतलब निकाला है और भ्रम फैलाने के लिए गलत बयान जारी किया है। दरअसल शरीफ ने ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बनने पर पारंपरिक रूप से बधाई देने के लिए फोन किया था। ट्रंप की टीम का कहना है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ट्रंप के साथ हुई बातचीत का गलत मतलब समझ रहे हैं या जानबूझकर भ्रम फैलाने के लिए गलत बयानी कर रहे हैं।

ट्रंप ने पूछा था, कैसे मजबूत संबंध बना सकते हैं?

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ में चर्चा हुई कि अमेरिका और पाकिस्तान भविष्य में कैसे मजबूत कामकाजी संबध बना सकते हैं? ट्रंप की टीम के अनुसार शरीफ से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि वह शरीफ के साथ मजबूत और दीर्घकालिक व्यक्तिगत संबंध चाहते हैं। ट्रंप के सलाहकार ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिका का 45वां राष्ट्रपति बनने से पहले ही, दोनों देशों के कहने पर भारत-पाक के बीच विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने जोर देकर उस समय भी कहा था कि वह भारत-पाकिस्तान के अनुरोध करने पर ही ऐसा कोई कदम उठाएंगे।

पाक ने बातचीत को शानदार बताया था

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार ट्रंप ने शरीफ से कहा, 'आप (शरीफ) एक शानदार इन्सान हैं। आप अदभुत काम कर रहे हैं, जो स्पष्ट नजर आ रहा है। मैं जल्द ही आपसे मिलने की आशा कर रहा हूं। आपसे बात करके मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैं उस व्यक्ति से बात कर रहा हूं जिसे मैं लंबे समय से जानता हूं।'

तो क्या झूठ बोल रहा है पाकिस्तान?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने फोन पर ट्रंप और शरीफ में हुई बातचीत को मनचाहा मोड़ देते हुए ये बयान जारी किया कि ट्रंप ने फोन कॉल पर कहा कि ढेर सारे अवसरों से भरपूर पाकिस्तान एक अदभुत देश है। पाकिस्तान के लोग सर्वाधिक बुद्धिमान लोगों में शामिल हैं। शरीफ ने ट्रंप को पाकिस्तान आमंत्रित किया। इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि वह शानदार देश और शानदार लोगों की शानदार जगह पर आना पसंद करेंगे। पाकिस्तान के अनुसार ट्रंप ने यह भी कहा, 'कृपया पाकिस्तानी लोगों तक यह बात पहुंचाए कि वे अदभुत हैं और मैं जितने भी पाकिस्तानियों को जानता हूं वे सभी असाधारण हैं। पाकिस्तान की समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए आप मुझसे जैसी भी भूमिका की अपेक्षा करेंगे, मैं उसे निभाने के लिए तैयार हूं। मैं यह व्यक्तिगत रूप से करना चाहूंगा। आप किसी भी समय, यहां तक कि 20 जनवरी को पदभार संभालने से पहले भी मुझे फोन कर सकते हैं।

दूध का दूध, पानी का पानी किया

ट्रंप की टीम का कहना है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्रंप के साथ बातचीत का जो मतलब निकाला, वह बिल्कुल अनुचित है। ट्रंप की टीम ने शरीफ के साथ हुई बातचीत का बिना कोई मिर्च-मसाला लगाए, गैरनाटकीय और सीधा सादा वर्जन पेश कर दिया है। इससे शरीफ को यह अनुमान हो गया होगा कि उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत की बदतर शुरुआत हुई है।

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ट्रंप भी नवाज को नहीं बचा सकेंगे : इमरान

भाषा, इस्लामाबाद

पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से हुई बातचीत भी पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को बचा नहीं सकती। इमरान ने ट्वीट किया ट्रंप से शरीफ की बातचीत पनामागेट मामले में प्रधानमंत्री के काम नहीं आएगी। इमरान ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर ट्रंप का पत्र भी आ जाए तो भी शरीफ को नहीं बचाया जा सकता।

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आतंकियों पर कार्रवाई पाक के हित में :अमेरिका

भाषा, वॉशिंगटन

अमेरिका विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि पाकिस्तान की सीमा में अपने लिए सुरक्षित ठिकानों की तलाश करने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करना पाकिस्तान के हित में है। अमेरिकी कांग्रेस की सम्मेलन समिति (यूएससीसीसी) ने अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर यह शर्त रखने की मांग की है कि वह अपने क्षेत्र में हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के खिलाफ कदम उठाए और सैन्य मदद का इस्तेमाल बलूच, सिंधी और हजारा जैसे अल्पसंख्यक समूहों के उत्पीड़न के लिए न करे।

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