इस बार केवल समुद्र में होगा युद्धाभ्यास
प्रशांत महासागर में तैनात अमेरिकी नौसेनिक बेड़े के कमांडर ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इस बार यह अभ्यास केवल समुद्र में ही आयोजित होगा। अलग-अलग देशों के सैनिकों के आपसी मेलजोल को रोकने के लिए और सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस दौरान किसी भी प्रकार का कोई सेमिनार भी आयोजित नहीं किया जाएगा।
25 देशों की नौसेनाओं को निमंत्रण
अमेरिकी कमांडर ने कहा कि वह 2018 में इस नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने वाले देशों को फिर से आमंत्रित कर रहे हैं। बता दें कि दो साल के अंतराल पर होने वाले इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इजराइल, जापान, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पेरू, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, टोंगा, यूनाइटेड किंगडम और वियतनाम की नौसेनाओं के शामिल होने की संभावना है।
चीन को न्यौता नहीं
साउथ चाइना सी और कोरोना वायरस को लेकर बढ़ते तनाव के कारण इस बार चीन को इस युद्धाभ्यास के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। बता दें कि RIMPAC 2018 में चीन को न्यौता दिया गया था लेकिन बाद में अमेरिका ने इसे वापस ले लिया था।
ब्राजील और इजराइल का इनकार
ताजा जानकारी के अनुसार, ब्राजील और इजराइल ने कोरोना वायरस के कहर के कारण इस बार RIMPAC 2018 नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। हालांकि, दोनों देशों की नौसेनाओं ने अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
दमखम दिखाएंगी नौसेनाएं
इस युद्धाभ्यास में मल्टीनेशलन एंटी सबमरीन वॉर, मैरीटाइम इंटरसेप्ट ऑपरेशन, लाइव फायर-ट्रेनिंग इवेंट सहित कई प्रशिक्षण दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले रही नौसेनाएं आपस में सहयोग को बढ़ाने को लेकर भी विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेंगी।