ऐपशहर

नया रणक्षेत्र: ट्रंप 2020 तक चाहते हैं अमेरिका की नई स्पेस फोर्स

रूस और चीन से मिल रहे खतरे और प्रतिद्वंद्विता के मद्देनजर वाइट हाउस ने गुरुवार ने एक नए रणक्षेत्र की सेना का ऐलान किया है। अमेरिका ने 2020 तक यूएस स्पेस फोर्स बनाने का फैसला किया है।

एजेंसियां 11 Aug 2018, 8:19 am
वॉशिंगटन
नवभारतटाइम्स.कॉम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप।

रूस और चीन से मिल रहे खतरे और प्रतिद्वंद्विता के मद्देनजर वाइट हाउस ने गुरुवार ने एक नए रणक्षेत्र की सेना का ऐलान किया है। अमेरिका ने 2020 तक यूएस स्पेस फोर्स बनाने का फैसला किया है। यह नई सेवा अमेरिका की बाकी मिलटरी से अलग होगी। यह अमेरिका की छठी सैन्य सेवा होगा। वैसे भी अमेरिकी लोगों का स्पेस प्रेम जगजाहिर है और हॉलिवुड स्पेस वॉर के टॉपिक पर अरसे से मूवी बनाता आ रहा है।

हालांकि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के सामने चुनौतियां भी हैं। इस नई फोर्स को अभी अमेरिकी कांग्रेस की अनुमति की जरूरत है। इसके अलावा मिलिटरी लीडर्स की अपनी आशंकाएं हैं जो एक महंगी नई मिलिटरी सर्विस ब्रांच के पीछे के तर्कों पर सवाल उठा रहे हैं। अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पेंटागन की एक स्पीच के दौरान इस नई फोर्स की घोषणा की।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पेस में भी अमेरिकी प्रभुत्व को सुनिश्चित करने का फैसला किया है। पेंस ने कहा कि स्पेस एक समय शांतिपूर्ण और निर्विरोध था लेकिन अब यहां भीड़ हो गई है व स्थितियां प्रतिकूल हो गईं हैं। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि अपने सैन्य इतिहास में एक और महान अध्याय लिखा जाए। पेंस ने कहा कि अब नई युद्धभूमि के लिए तैयारी की जरूरत है ताकि वहां हमारे लोगों और देश को मिल रहे खतरों से निपटा जाए।

ट्रंप ने पेंस की इस घोषणा के बाद ट्वीट कर लिखा कि स्पेस फोर्स आ रही है। ट्रंप ने इस स्पेस फोर्स की प्रक्रिया को अपने 2020 के रीइलेक्शन कैंपेन से भी जोड़ दिया है। इसके तहत फंड इकट्ठा करने के लिए भेजे गए कैंपेन ईमेल में अपने समर्थकों से स्पेस फोर्स के लोगो के लिए वोट करने को कहा गया है। उन्हें छह में से एक विकल्प चुनने को कहा गया है। ट्रंप अपने पिछले चुनावी अभियान में भी स्पेस फोर्स का जिक्र करते रहे हैं।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति पेंस ने इस घोषणा को अमेरिका की आक्रामक मिलिटरी तैयारी की बजाय दुश्मनों की तरफ से आक्रामक प्रतिक्रिया की आशंका का जवाब बताया है। रूस और चीन का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्षों से हमारे विरोधियों ने हमारे नेविगेशन और कम्युनिकेशन सैटलाइट्स को जमीन से इलेक्ट्रॉनिक हमले कर जाम और प्रभावित करने की कोशिश की। अब उनकी मंशा साफ हो गई और हमारे विरोधियों ने स्पेस को रणभूमि में बदल दिया है। पेंस ने कहा कि अमेरिका इस चुनौती से पीछे नहीं हटेगा।

अगला लेख

Worldकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग