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जानिए, कौन है राष्ट्रपति ट्रंप के दफ्तर में सोफे पर पैर रखकर बैठने वाली ताकतवर महिला...

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ऑफिस में सोफे पर बैठीं वाइट हाउस अडवाइजर केलियेन कॉनवे की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। फोटो में कॉनवे अपने पैर को मोड़ कर सोफे पर बैठी हैं। केलियेन ट्रंप टीम की काफी अहम सदस्य हैं। कई जानकार उन्हें मौजूदा समय में अमेरिका की सबसे ताकतवर महिला मानते हैं।

एजेंसियां 4 Mar 2017, 2:36 pm
वॉशिंगटन
नवभारतटाइम्स.कॉम trump adviser kellyanne conway who became famous after white house photo considered by many as the most poerful woman of america in current times
जानिए, कौन है राष्ट्रपति ट्रंप के दफ्तर में सोफे पर पैर रखकर बैठने वाली ताकतवर महिला...

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ऑफिस में सोफे पर बैठीं वाइट हाउस अडवाइजर केलियेन कॉनवे की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। फोटो में कॉनवे अपने पैर को मोड़ कर सोफे पर बैठी हैं। इस तस्वीर की वजह से 'दफ्तर में शिष्टाचार' को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई थी। कुछ लोगों ने कहा कि कॉनवे और ट्रंप प्रशासन के मन में राष्ट्रपति के दफ्तर को लेकर जरा भी सम्मान नहीं है। आइए, जानते हैं कि आखिर कौन हैं यह केलियेन कॉनवे? राजनीतिक जानकार मानते हैं कि केलियेन आज की तारीख में अमेरिका की सबसे ताकतवर महिला हैं। 50 साल की केलियन अहम मुद्दों पर ट्रंप को राय देती हैं। उनकी शख्सियत से जुड़े तमाम पहलुओं पर ब्रिटिश वेबसाइट डेलीमेल ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया है।

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'महिला विरोधी' ट्रंप को फीमेल प्रशंसक बनाने की टिप्स
रिपोर्ट के मुताबिक, 4 बच्चों की मां केलियेन भले ही हमेशा मुस्कुराते नजर आती हों, लेकिन वह ट्रंप प्रशासन के सबसे सख्त और दबदबे वाले चेहरों में से एक हैं। वह एक ऐसी महिला हैं, जिन्हें कई दशकों से रिपब्लिकन नेताओं को विभिन्न मसलों पर अहम राय देने का अनुभव है। इन सुझावों में महिला वोटरों को अपनी ओर खींचने के तरीके भी शामिल हैं। यह अलग बात है कि ट्रंप टीम में उनके होने के बावजूद राष्ट्रपति ने कथित तौर पर महिलाओं को लेकर ऐसा विवादास्पद बयान दिया कि पूरी अमेरिकी राजनीति में भूचाल आ गया था।


केलियेन बिल्कुल गैर-राजनैतिक परिवार से संबंध रखती हैं। उनके यहां कभी राजनैतिक बहसें भी नहीं होती थीं (रॉयटर्स)...

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गैर-राजनीतिक धार्मिक परिवार से ताल्लुक
केलियेन का जन्म न्यू जर्सी के उस इलाके में हुआ, जहां वर्किंग क्लास के लोगों की रिहाइश है। उनके पिता ट्रक ड्राइवर थे। पिता ने उनकी मां को ऐसे समय में तलाक दिया, जब वह केवल 2 साल की थीं। 13 साल की उम्र तक उन्होंने अपनी मां को दोबारा नहीं देखा। उनकी परवरिश एक इटली और अमेरिकन महिलाओं के परिवार में हुई। इस परिवार में उन्हें एक मां, एक दादी और 2 आंटियां मिलीं। उन्हें पालने वाली मां ने बाद में एक कसिनो में भी काम किया। इस परिवार का राजनीति से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था। घर की दीवारों पर राजनेताओं की जगह पोप की तस्वीरें थीं। उनके परिवार में कभी राजनीति पर चर्चा नहीं होती थी। केलियेन का राजनीति से पहली बार वास्ता हाई स्कूल में पड़ा, जब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति रीगन को भाषण देते हुए सुना।

कभी चीयरलीडर, तो कभी वर्ल्ड चैंपियन
परिवार का कहना है कि केलियेन ने 3 साल की उम्र से पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया था। हाई स्कूल में वह एक चीयरलीडर थीं। आंटी एंजेला बताती हैं कि केलियेन बेहद मेहनती और प्रतिस्पर्धी स्वभाव की थीं। वह हर चीज में अव्वल आना चाहती थीं। वह रात 1 बजे तक पढ़तीं, सोने जातीं और दोबारा से पढ़ाई करने के लिए सुबह 3 बजे उठ जातीं। उनके शिक्षक बताते हैं कि अपनी बात साबित करने के लिए वह घंटों बहस कर सकती थीं। अपना खर्च उठाने के लिए वह आठ सालों तक गर्मी के मौसम में खेतों में ब्लू बेरी तोड़तीं और उन्हें पैक करती थीं। उनके पूर्व बॉस ने बताया कि अपनी रफ्तार की वजह से ही वह स्पीड पैकिंग प्रतियोगिता में शामिल हुईं। मामला बराबरी पर रहा, तो केलियेन ने दोबारा से गिनती की मांग की और वह ब्लूबेरी पैकिंग प्रतियोगिता में वर्ल्ड चैंपियन बन गईं।


ट्रंप विरोधियों के निशाने पर रहती हैं केलियेन (रॉयटर्स)...

मजबूत,
धार्मिक और गर्भपात विरोधी
वह एक साल के लिए ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी गईं, जहां वह पहली बार रिपब्लिकन राजनीति के संपर्क में आईं। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी लॉ स्कूल से पढ़ाई के बाद उन्होंने राजनैतिक परामर्श देने का काम शुरू किया। यह पुरुषों के दबदबे वाला ऐसा क्षेत्र था, जहां केलियेन के शब्दों में उन्हें 'पुरुषों, खासतौर पर सत्ता पर काबिज अच्छे नाम वाले बुर्जुगों की खराब नीयत का सामना करना पड़ा।' करीबी मानते हैं कि केलियेन बेहद धार्मिक स्वभाव की हैं। वह एक प्रतिबद्ध कैथलिक हैं और गर्भपात के खिलाफ हैं। एक बार जब उनसे पूछा गया कि राजनीति में न होने पर वह क्या करतीं, उनका जवाब था कि वह क्राइसिस प्रेग्नेंसी सेंटर चलातीं, जहां वह महिलाओं को गर्भपात ना कराने की सीख देतीं। आज ट्रंप प्रशासन में उनकी मौजूदगी उन अटकलों को मजबूती देती है कि राष्ट्रपति ऐच्छिक गर्भपात को गैर कानूनी भी बना सकते हैं।

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ट्रंप के खिलाफ नफरत की सबसे बड़ी हिस्सेदार
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान केलियेन की टीवी पर करीब-करीब हर वक्त मौजूदगी विरोधियों को चौंकाने वाली थी। टीवी प्रड्यूसर्स ऐसे रिपब्लिकन जानकार की तलाश में थे, जो काले सूट पहनने वाले पुरुष न हों। कभी-कभी तो ऐसा होता था कि सुबह 9 बजे से पहले ही केलियेन 6 टीवी शो पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी होती थीं। आलोचक तो उन्हें ट्रंप का झूठा नंबर वन (liar-in-chief) करार देने लगे। ट्रंप मानते हैं कि जब उनके बेहद करीबी भी टीवी पर जाने से कतराते थे, तब केलियेन न केवल मैदान में उतरतीं, बल्कि विरोधियों को 'तबाह' कर देती थीं। हालांकि, ट्रंप के चुनाव अभियान का चेहरा बनना भी उनके लिए बेहद नुकसानदायक रहा। विरोधियों के बीच आज वह सबसे ज्यादा नफरत किए जाने वाला चेहरा बन गई हैं। कुछ टीवी चैनल्स ने तो उनपर प्रतिबंध लगाने तक की बात कही है। राजनैतिक जानकार मानते हैं कि कैमरे से इतर केलियेन बेहद शांत, मृदुभाषी और विचारशील महिला हैं। उन्हें लोगों के जन्मदिन याद रहते हैं।

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नारीवाद को गंदा शब्द मानती हैं और ट्रंप को नाम से नहीं पुकारतीं
राष्ट्रपति की महिला आलोचकों ने सवाल उठाया है कि केलियेन किसी ऐसे शख्स के इतने नजदीक रहकर कैसे काम कर सकती हैं, जिस पर महिला विरोधी होने जैसे कई दूसरे गंभीर आरोप लगे हैं। केलियेन के मुताबिक, लोगों को पता ही नहीं कि महिलाओं के लिए ट्रंप कितने शानदार बॉस हैं। केलियेन के लिए नारीवादी एक गंदा शब्द है। वह बताती हैं कि जब ट्रंप ने उन्हें नौकरी देने की पेशकश की, तो उन्होंने साफ कर दिया था कि वह ट्रंप को नाम से नहीं बुलाएंगी क्योंकि वह खुद को उनके बराबर नहीं मानतीं। उनका कहना है कि भले ही महिलावादी उनके इस रुख से भड़कें, लेकिन वह ट्रंप के प्रति अपने सम्मान और पद की गरिमा की वजह से यह नजरिया रखती हैं।

शब्दों के खेल में माहिर, ड्रेसिंग सेंस से भी बटोरी सुर्खियां
केलियेन बेहद मजाकिया स्वभाव की भी मानी जाती हैं। उनके रंग-बिरंगे कपड़ों की भी खूब चर्चा होती है। मीडिया के एक धड़े का मानना है कि चुनाव के दौरान केलियेन की ड्रेसिंग सेंस ने फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप से ज्यादा लोगों का ध्यान खींचा है। जहां तक उनकी राजनैतिक समझ की बात है, केलियेन कई बार गलतबयानी के मामले में फंस चुकी हैं। जब ट्रंप प्रशासन को उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताने पर विरोधियों ने घेरा, तो उन्होंने अपने आंकड़ों को गलत न कहकर alternative facts बताया। यह जुमला इतना ज्यादा मशहूर हुआ कि अब जब भी वाइट हाउस की तरफ से कोई चूक होती है, तो मीडिया का एक धड़ा इसका इस्तेमाल करने से नहीं चूकता। उनकी गलतबयानी का एक और उदाहरण है। केलियेन ने दावा किया कि 2 इराकी प्रवासियों ने नरसंहार को अंजाम दिया, जबकि ऐसी कोई वारदात हुई ही नहीं था। बाद में अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि वह उन 2 इराकी लोगों की बात कर रही थीं, जिन्होंने इराक में अलकायदा को हथियार भेजने की साजिश रची थी।

ट्रंप विरोधियों के निशाने पर
सिर्फ यही खूबियां केलियेन को भीड़ से अलग नहीं करतीं। जो तस्वीर वायरल हुई है, उसमें ट्रंप और केलियेन के अलावा करीब 2 दर्जन वरिष्ठ अफ्रीकन-अमेरिकन विद्वान भी नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति के साथ उनकी बैठक इस मुद्दे पर थी कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अश्वेत छात्रों की तादाद कैसे बढ़ाई जाए? मुमकिन है कि यह राजनीतिक नजरिए से बेहद अहम मौका था, लेकिन केलियेन के लिए यह किसी आम दिन की तरह ही था। इसीलिए फोटो खिंचवाते वक्त उन्होंने सोफे से पैर उतारना भी जरूरी नहीं समझा। खुद ट्रंप काफी पहले से इस बात के संकेत दे चुके हैं कि वह अमेरिकी राजनीति के प्रचलित तौर-तरीकों को बदलने वाले हैं। सोफे पर हाई हील पहनकर सुर्खियों में आईं केलियेन पर नए हमले करने के लिए ट्रंप विरोधियों ने अपने हथियारों को धार देना शुरू कर दिया है।

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