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पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तबाही मचा सकते हैं छोटे-छोटे आतंकी संगठन, UN ने दी चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में अफगानिस्तान में सक्रिय छोटे-छोटे आतंकी संगठन तबाही मचा सकते हैं। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के नेतृत्व में एकजुट हो रहे हैं।

भाषा 6 Feb 2021, 7:26 pm

हाइलाइट्स

  • संयुक्त राष्ट्र की चेतावी- टीटीपी अफगानिस्तान में छोटे आतंकी समूहों को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है
  • आतंकी संगठन के एकजुट होने से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में हमले का बढ़ेगा खतरा
  • चार महीने में टीटीपी ने सीमापार किए 100 से भी ज्यादा आतंकी हमले
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नवभारतटाइम्स.कॉम Taliban TTP 011
अफगानिस्तान में एकजुट हो रहे आतंकी संगठन
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में अफगानिस्तान में सक्रिय छोटे-छोटे आतंकी संगठन तबाही मचा सकते हैं। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के नेतृत्व में एकजुट हो रहे हैं। इससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकी खतरे के बढ़ने की आशंका है। टीटीपी को ओसामा बिन लादेन का खूंखार आतंकी संगठन अल कायदा संचालित करता है। रिपोर्ट में कहा गया कि तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान पिछले साल सिर्फ तीन महीनों के अंदर 100 से ज्यादा सीमा पार हमलों के लिये जिम्मेदार था।
एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शंस मॉनीटरिंग टीम की रिपोर्ट में खुलासा
एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शंस मॉनीटरिंग टीम की 27वीं रिपोर्ट इराक में इस्लामिक स्टेट और लेवांट (दाइश), अलकायदा व अन्य संबंधित समूहों से जुड़ी सुरक्षा परिषद की समिति को सौंपी गई। इसमें कहा गया है कि टीटीपी ने अफनानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को कथित रुप से फिर से एक करने का काम किया है, जिसका संचालन अलकायदा कर रहा था।

अफगानिस्तान-पाकिस्तान में तबाही मचा सकते हैं आतंकी संगठन
रिपोर्ट के मुताबिक इससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र में खतरा और बढ़ने की आशंका है। यह भी कहा गया है कि जुलाई और अगस्त में पांच समूहों ने टीटीपी के प्रति निष्ठा का संकल्प व्यक्त किया था, जिसमें शहरयार महसूद समूह, जमात-उल-अहरार, हिज्ब-उल-अहरार, अमजद फरूकी समूह और उस्मान सैफुल्लाह समूह (जिसे पहले लश्कर-ए-झांगवी के नाम से जाना जाता था) शामिल हैं। इससे टीटीपी की ताकत बढ़ी है और नतीजतन क्षेत्र में हमले बढ़े हैं।

टीटीपी ने 4 महीने में किए 100 से ज्यादा हमले
यूएन ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि एक आकलन के मुताबिक, टीटीपी में लड़ाकों की संख्या 2,500 से 6,000 है। एक ‘मेंबर स्टेट’ के मुताबिक टीटीपी जुलाई और अक्टूबर 2020 के बीच सीमा पार के देशों में 100 से अधिक हमलों के लिए जिम्मेदार है। रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान, माली, सोमालिया और यमन समेत कुछ अन्य जगहों पर बीते कुछ समय में हुए नुकसान के कारण अल-कायदा ने उच्च नेतृत्व की प्रवृत्ति वाले अहम स्थान को गंवाया है।

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