भारत के खिलाफ पाकिस्तानी प्रॉपगैंडा पर
इमरान ने उगला भारत के खिलाफ जहर
पाकिस्तान का कोई नेता संयुक्त राष्ट्र में बोले और भारत के खिलाफ जहर न उगले यह कैसे हो सकता है। इमरान खान का भाषण भी ऐसा ही रहा। उन्होंने इस्लामोफोबिया, मॉब लिंचिंग, दिल्ली दंगे जैसे मुद्दे उठाकर यह झूठा नैरेटिव सेट करने की कोशिश की कि भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की बात की और भारत के खिलाफ जहर उगला। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने जैसे भारत के विशुद्ध आंतरिक मसले पर उनकी बौखलाहट अब भी नहीं गई है। आतंकवाद का पालनहार पाकिस्तान उल्टे भारत पर आतंकवाद का आरोप लगाए तो इससे बड़ी हास्यास्पद बात क्या होगी, लेकिन इमरान ने यही किया।
भारत का जवाब- पाकिस्तान अपनी बदहाली से ध्यान हटाने की कर रहा कोशिश
यूएन में राइट टु रिप्लाई के तहत भारत की फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने कहा, 'पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के आंतरिक मामलों को इस मंच पर उठाकर भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। वह वैश्विक मंचों पर हमारे खिलाफ लगातार झूठ फैला रहे हैं। दुर्भाग्य से यह कोई पहली बार नहीं हुआ है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की तरफ से मुहैया कराए गए इस प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग भारत के खिलाफ झूठे और द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार के लिए किया है और इस तरह लोगों का ध्यान पाकिस्तान के बुरे हाल से हटाने की कोशिश की है। पाकिस्तान में आतंकवादियों को फ्री पास मिला हुआ है और आम लोगों खासकर अल्पसंख्यकों की जिंदगी नरक बन गई है।
आतंकवाद पर इमरान को दिखाया आईना
भारत ने कायम किया है 'आतंक का राज'- इमरान
इमरान खान ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में 9 लाख भारतीय सैनिकों ने 'आतंक का राज' कायम किया है। उन्होंने भारत पर 13 हजार कश्मीरियों के अपहरण और उनमें से सैकड़ों पर आत्याचार के भी आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। इमरान ने कश्मीर के अलगाववादी नेता अली शाह गिलानी का जिक्र किया और भारत पर आरोप लगाया कि उनका अंतिम संस्कार भी इस्लामी रीति-रिवाज से नहीं होने दिया गया।
आतंकियों का पनाहगाह है पाकिस्तान, आतंकवाद उसकी स्टेट पॉलिसी- भारत
भारतीय राजनयिक ने कहा, 'सदस्य देशों को पता है कि पाकिस्तान की नीतियां और उसका इतिहास रहा है आतंकवाद को पनाह देने, मदद करने और आतंकवादियों को पूरा समर्थन देने का। यह ऐसा देश है जिसकी दुनिया में पहचान आतंकवादियों को खुलेआम समर्थन, ट्रेनिंग, फंडिंग और हथियार देने वाले की है। यह उसकी नीति का हिस्सा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से घोषित सबसे ज्यादा आतंकवादी पाकिस्तान में हैं।'
स्नेहा दुबे ने कहा, '9/11 आतंकी हमले के 20 साल हो चुके हैं। दुनिया यह नहीं भूली है कि इस हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली थी। पाकिस्तानी नेतृत्व अब भी उसे एक शहीद के तौर पर ग्लोरीफाई करना जारी रखा है। दुर्भाग्य से आज भी पाकिस्तान के नेता आतंकी कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते रहते हैं। आधुनिक युग में आतंकवाद का इस तरह बचाव बिल्कुल नामंजूर है।'
'पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित' बयान पर
क्या कहा इमरान ने
इमरान खान ने पाकिस्तान को खुद आतंकवाद से पीड़ित दिखाने की कोशिश की। यूएन के मंच से तालिबान की वकालत करते हुए खान ने दक्षिणपंथी चरमपंथियों और आतंकवादी समूहों की तरफ से मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने के नए खतरे की बात की। इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान का कोई रोल नहीं है, अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से तो इस्लामाबाद खुद चिंतित है। हालांकि, इमरान का यह सफेद झूठ दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की नाकाम कोशिश ही थी। अफगानिस्तान में तालिबान राज के बाद वहां खुद आईएसआई प्रमुख पहुंचे थे। पाकिस्तान के समर्थन के बिना तालिबान का अफगानिस्तान पर काबिज होना नामुमकिन था। पहले भी पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच से खुद को आतंकवाद से पीड़ित और आतंक के खिलाफ लड़ाई में बड़ा योद्धा दिखाने की कोशिश करता रहा है।
आग बुझाने वाले के वेष में आग लगाने वाला देश है पाकिस्तान- भारत
हम सुनते आए हैं कि पाकिस्तान 'आतंकवाद का पीड़ित' है। यह एक ऐसा देश है जो आग बुझाने वाले का वेष बनाकर आग लगाता है। पाकिस्तान ने अपने आंगन में आतंकवादियों को इस उम्मीद में पाला-पोसा कि वे सिर्फ उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। उनकी नीतियों से हमारा क्षेत्र ही नहीं पूरी दुनिया पीड़ित हुई है। दूसरी तरफ वे अपने देश की सांप्रदायिक हिंसा को आतंकी कृत्य बताकर लीपापोती की कोशिश कर रहे हैं।
इस्लामोफोबिया और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर
भारत में इस्लामोफोबिया, अल्पसंख्यकों की बुरी स्थिति- इमरान
इमरान खान ने कहा कि इस्लामोफोबिया आज दुनिया के सामने बड़ा खतरा है। उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर 'आरएसएस-बीजेपी' के खिलाफ जहर उगला और आरोप लगाया कि ये भारत के 20 करोड़ मुसलमानों पर हिंसा करते हैं। इमरान खान ने मॉब लिंचिंग, दिल्ली दंगे, सीएए का हवाला देते हुए कहा कि भारत में मुस्लिम दहशत के माहौल में हैं।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, हमसे कोई तुलना ही नहीं- भारत
भारत की युवा राजनयिक ने पाकिस्तानी दुष्प्रचार के चिथड़े उड़ा दिए। स्नेहा दुबे ने कहा, 'यही वह देश है जिसने बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार किया। आज पाकिस्तान के अल्पसंख्यक सिख, हिंदू और क्रिश्चियन लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद के जरिए अपने अधिकारों को कुचला जा रहा है। असहमति की आवाज को रोज दबाया जा रहा है। लोगों को गायब किया जा रहा है, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग सामान्य है।'
भारतीय राजनयिक ने आगे कहा, 'दूसरी तरफ, पाकिस्तान के उलट भारत एक बहुलतावादी लोकतंत्र है। जहां अल्पसंख्यक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, सेना प्रमुख जैसे देश के सर्वोच्च पदों पर पहुंचे हैं। भारत में स्वतंत्र मीडिया और स्वतंत्र न्यायपालिका है जो हमारे संविधान पर नजर रखते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। बहुलतावाद तो ऐसी अवधारणा है जिसे समझ पाना पाकिस्तान के लिए बहुत ही मुश्किल है। उसने तो संवैधानिक तौर पर अल्पसंख्यकों को देश के उच्च पदों पर पहुंचने की मनाही की है।'
कश्मीर मुद्दे पर
कश्मीर में एकतरफा फैसले ले रहा भारत- इमरान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। इमरान ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद से भारत ने कश्मीर में कई तरह के 'गैरकानूनी' और 'एकतरफा' फैसले किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय फौज कश्मीरियों पर अत्याचार कर रही है और शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों को ताकत के दम पर दबा रही है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के हिसाब से कश्मीर में जनमतसंग्रह कराए जाने की मांग की।
कश्मीर पर अपना अवैध कब्जा तत्काल खाली करे पाकिस्तान- भारत
यूएन में राइट टु रिप्लाई के तहत भारतीय राजनयिक स्नेहा दुबे ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है। इसमें वे इलाके भी शामिल हैं जिन पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है। हम पाकिस्तान से उनके अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हिस्से को तत्काल खाली करने की मांग करते हैं।'
भारत-पाक रिश्ते और बातचीत पर
हम भारत के साथ शांति चाहते हैं- इमरान खान
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ-साथ अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सार्थक और नतीजे देने लायक बातचीत के लिए माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत की है।
भारत का जवाब- पहले आतंकवाद बंद करे पाकिस्तान
भारतीय राजनयिक ने जवाब में दो टूक कहा, 'हम पाकिस्तान समेत अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य रिश्ते चाहते हैं। लेकिन यह जिम्मेदारी पाकिस्तान की है कि वह ईमानदारी से इस दिशा में कदम उठाए कि उसकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किसी भी तरह के सीमा-पार आतंकवाद में न हो।'