वॉशिंगटन
अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने सोमवार को ऐलान किया कि साल 2022 में चीन के बीजिंग शहर में होने वाले शीतकालीन खेलों में अमेरिकी अधिकारी हिस्सा नहीं लेंगे। अमेरिका ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब चीनी ड्रैगन ने प्रण किया है कि वह इस तरह के राजनयिक बहिष्कार के खिलाफ 'जवाबी कार्रवाई' करेगा। इससे पहले पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह चीन के मानवाधिकार रेकॉर्ड के विरोध में खेलों के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका के इस बहिष्कार के ऐलान से उसके खिलाड़ियों के खेलों में हिस्सा लेने पर रोक नहीं लगेगी। अमेरिका साल 2028 में लॉस एंजिलिस में ओलंपिक का आयोजन करने जा रहा है। इस ऐलान के बाद अब सवाल उठने लगा है कि चीन कैसे अमेरिका को जवाब देगा। चीन का दावा है कि वह खेल के राजनीतिकरण का विरोध करता है लेकिन वह खुद भी अमेरिकी खेल संघों को दंडित कर चुका है।
'खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा अमेरिका'
इससे पहले चीन ने बाइडन की आलोचना करते हुए कहा था कि वॉशिंगटन अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले बाइडन और शी जिनपिंग के बीच ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शांति से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए। बीजिंग अगले साल फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए शानदार तैयारी कर रहा है।
इस आयोजन से बीजिंग ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों की मेजबानी करने वाला दुनिया का इकलौता शहर बना जायेगा। इस शहर ने 2008 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की थी। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के राजनयिक बहिष्कार से इस आयोजन की भव्यता प्रभावित हो सकती है क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा।
अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों ने चीन पर शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानवाधिकार के आरोपों का आरोप लगाया है, जो बहुसंख्यक हान चीन लोगों की बढ़ती बस्तियों का विरोध कर रहे थे। वे हांगकांग और तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति के भी आलोचक हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पिछले दिनों कहा था, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शिनजियांग का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी तरह से कोई विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जायेगा।’
'ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच'
झाओ ने कहा कि अमेरिका ने ‘तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार’ के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन के लोगों की नजर में वे हंसी के पात्र से ज्यादा कुछ नहीं है और अमेरिका द्वारा लगाए गए अन्य आरोप बिल्कुल निराधार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे।’
अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने सोमवार को ऐलान किया कि साल 2022 में चीन के बीजिंग शहर में होने वाले शीतकालीन खेलों में अमेरिकी अधिकारी हिस्सा नहीं लेंगे। अमेरिका ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब चीनी ड्रैगन ने प्रण किया है कि वह इस तरह के राजनयिक बहिष्कार के खिलाफ 'जवाबी कार्रवाई' करेगा। इससे पहले पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह चीन के मानवाधिकार रेकॉर्ड के विरोध में खेलों के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं।
'खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा अमेरिका'
इससे पहले चीन ने बाइडन की आलोचना करते हुए कहा था कि वॉशिंगटन अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले बाइडन और शी जिनपिंग के बीच ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शांति से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए। बीजिंग अगले साल फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए शानदार तैयारी कर रहा है।
इस आयोजन से बीजिंग ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों की मेजबानी करने वाला दुनिया का इकलौता शहर बना जायेगा। इस शहर ने 2008 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की थी। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के राजनयिक बहिष्कार से इस आयोजन की भव्यता प्रभावित हो सकती है क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा।
अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों ने चीन पर शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानवाधिकार के आरोपों का आरोप लगाया है, जो बहुसंख्यक हान चीन लोगों की बढ़ती बस्तियों का विरोध कर रहे थे। वे हांगकांग और तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति के भी आलोचक हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पिछले दिनों कहा था, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शिनजियांग का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी तरह से कोई विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जायेगा।’
'ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच'
झाओ ने कहा कि अमेरिका ने ‘तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार’ के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन के लोगों की नजर में वे हंसी के पात्र से ज्यादा कुछ नहीं है और अमेरिका द्वारा लगाए गए अन्य आरोप बिल्कुल निराधार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे।’