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अमेरिकी संसद ने म्यांमार में रोहिंग्याओं के खिलाफ अपराध को नरसंहार बताया

म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा पर अमेरिका ने सख्त कदम उठाया है। अमेरिकी संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर इसे रोहिंग्याओं के खिलाफ नरसंहार करार दिया है। इस हिंसा के चलते 7 लाख मुसलमानों को घर छोड़कर भागना पड़ा है।

भाषा 14 Dec 2018, 10:33 am
वॉशिंगटन
नवभारतटाइम्स.कॉम म्यांमार लौटते कुछ रोहिंग्या मुसलमान (30 नवंबर 2018 की तस्वीर)
म्यांमार लौटते कुछ रोहिंग्या मुसलमान (30 नवंबर 2018 की तस्वीर)

अमेरिकी संसद ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अपराध को नरसंहार घोषित करने वाले एक गैरबाध्यकारी प्रस्ताव को पारित कर दिया। प्रतिनिधि सभा ने गुरुवार को 1 के मुकाबले 394 मतों से इस प्रस्ताव को पारित किया। विदेश मंत्रालय ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर हुई कथित हिंसा पर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके कुछ महीने बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने यह कदम उठाया।

इस हिंसा के चलते 7 लाख से अधिक रोहिंग्याओं को अपने घरों को छोड़कर बांग्लादेश और भारत भागना पड़ा। सदन की विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन एड रॉयसे ने कहा, ‘अमेरिका पर इन अपराधों को नरसंहार घोषित करने का नैतिक दायित्व है। ऐसा ना करने से दोषियों का बचाव होगा और उन्हें सजा देने की कोशिशें बाधित होंगी। इस प्रस्ताव के साथ सदन ने अपना कर्तव्य निभा दिया है।’

रॉयसे ने अनुरोध किया कि इस प्रस्ताव के बाद अमेरिकी सरकार म्यांमार सरकार पर और अधिक दबाए बनाए। उन्होंने कहा, ‘केवल प्रतिबंध लगाकर नहीं बल्कि आंतरिक रूप से दबाव भी बढ़ाए। हम सोशल मीडिया, रेडियो, टेलिविजन का इस्तेमाल कर देश के भीतर मौजूद लोगों को बता सकते हैं कि वास्तव में क्या हो रहा है क्योंकि उनकी सरकार उन्हें गलत सूचनाएं दे रही है।’

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