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जो बाइडेन ने चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से पहली बार की बात, ताइवान-हिंद प्रशांत क्षेत्र में दादागिरी पर जमकर सुनाया

US-China Taiwan conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से Chinese Lunar New Year पर फोन पर बात की है। इस दौरान उन्होंने ताइवान में चीन के दबाव का मुद्दा उठाया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 11 Feb 2021, 8:56 am
वॉशिंगटन
नवभारतटाइम्स.कॉम बाइडेन ने की जिनपिंग से बात
बाइडेन ने की जिनपिंग से बात

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात की है। चीनी नए साल पर उन्होंने पहली बार चीनी राष्ट्रपति से बात कर शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही बढ़ती आक्रामकता पर भी चीन को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने चीन की आर्थिक नीतियों, मानवाधिकार उल्लंघन और ताइवान को धमकाने का मुद्दा चीन के सामने उठाया है।

'जाहिर की चिंता'
बाइडेन ने ट्वीट किया है -'मैंने आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात कर चीनी लोगों के लूनर न्यू इयर की शुभकामनाएं दी हैं। मैंने चीन की आर्थिक नीतियों, मानवाधिकार उल्लंघन और ताइवान को धमकाने पर चिंता भी जाहिर की है। मैंने उन्हें बताया है कि जब अमेरिका लोगों को फायदा होगा तो मैं चीन के साथ काम करूंगा।'


अमेरिका का ताइवान को समर्थन
कुछ दिन पहले ही चीन ने अमेरिका से दो टूक कहा था कि उसे डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान की पेइचिंग के प्रति आक्रामक नीतियों में तुरंत सुधार करना चाहिए। चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ उसके संबंधों में ताइवान सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है। दरअसल, चीन ताइवान पर अपना कब्जा बताता है और उसके एयरस्पेस में अपने लड़ाकू विमान भेजता रहता है जबकि ताइवान को अमेरिका का समर्थन मिला हुआ है। अमेरिकी नौसेना दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।

चीन को खटक रही अमेरिका की मौजूदगी
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने हाल ही में कहा है कि अमेरिकी प्रशासन में बदलाव के बीच उनके देश का अमेरिका के साथ संबंध मजबूत बना हुआ है। राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि चीन काफी संख्या में सैन्य विमान ताइवान के दक्षिणपश्चिमी हवाई क्षेत्र में भेज रहा है लेकिन इसके बावजूद अमेरिकी सैन्य समर्थन बरकरार है। वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में अमेरिकी अभ्यास क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल नहीं है।

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