वॉशिंगटन
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया रणनीति का ध्यान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने पर है, लेकिन उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच अमेरिका द्वारा किसी मध्यस्थता वाली भूमिका से साफ इनकार कर दिया है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने इसकी जानकारी दी।
दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस जी वेल्स ने सांसदों से कहा कि ट्रंप प्रशासन दक्षिण एशिया में परमाणु क्षमता वाली नई बलिस्टिक या क्रूज मिसाइल प्रणालियों के आने से इस क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता के लिए पैदा खतरे को लेकर लगातार चिंतित है। उन्होंने सांसदों से बुधवार को कहा, 'दक्षिण एशिया रणनीति का ध्यान पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने पर भी है।' उन्होंने यह बात अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान कही।
इसका आयोजन पश्चिमी एशिया और उत्तर अफ्रीका एवं एशिया और प्रशांत क्षेत्र की विदेश मामलों की सदन की उपसमितियों ने संयुक्त रूप से किया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के रूप में भूमिका नहीं निभाना चाहता, लेकिन दोनों देशों को निकटतम उपलब्ध मौके पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
एलिस ने कहा, 'इन दोनों देशों के बेहतर रिश्ते क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। विशेषकर, क्षेत्र और विश्व दक्षिण एशिया में परमाणु संघर्ष से संरक्षण के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों की ओर देख रहा है।' एलिस ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के बढ़ते परमाणु सामग्री भंडार एवं सैन्य परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों पर चिंतित है। उन्होंने दक्षिण एशिया क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा पर चिंता जताई और कहा कि अमेरिका लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया रणनीति का ध्यान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने पर है, लेकिन उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच अमेरिका द्वारा किसी मध्यस्थता वाली भूमिका से साफ इनकार कर दिया है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने इसकी जानकारी दी।
दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस जी वेल्स ने सांसदों से कहा कि ट्रंप प्रशासन दक्षिण एशिया में परमाणु क्षमता वाली नई बलिस्टिक या क्रूज मिसाइल प्रणालियों के आने से इस क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता के लिए पैदा खतरे को लेकर लगातार चिंतित है। उन्होंने सांसदों से बुधवार को कहा, 'दक्षिण एशिया रणनीति का ध्यान पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने पर भी है।' उन्होंने यह बात अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान पर कांग्रेस में चर्चा के दौरान कही।
इसका आयोजन पश्चिमी एशिया और उत्तर अफ्रीका एवं एशिया और प्रशांत क्षेत्र की विदेश मामलों की सदन की उपसमितियों ने संयुक्त रूप से किया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के रूप में भूमिका नहीं निभाना चाहता, लेकिन दोनों देशों को निकटतम उपलब्ध मौके पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
एलिस ने कहा, 'इन दोनों देशों के बेहतर रिश्ते क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। विशेषकर, क्षेत्र और विश्व दक्षिण एशिया में परमाणु संघर्ष से संरक्षण के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों की ओर देख रहा है।' एलिस ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के बढ़ते परमाणु सामग्री भंडार एवं सैन्य परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों पर चिंतित है। उन्होंने दक्षिण एशिया क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा पर चिंता जताई और कहा कि अमेरिका लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।