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World War 3: जब मास्को पर 3 मिनट में परमाणु बम गिराने वाला था अमेरिका, रूसी रिसर्चर ने किया दावा

World War 3: क्यूबन मिसाइल संकट के दौरान अमेरिका नासा के सहयोग से रूस पर परमाणु बम गिराने वाला था। इस हमले के लिए नासा के स्पेश शटल का उपयोग किया जाने वाला था। जिसकी मदद से केवल तीन मिनट के अंदर कई किलोटन के परमाणु बम को रूस के ऊपर गिराया जा सकता था।

नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Dec 2020, 5:24 pm
क्यूबन मिसाइल संकट के दौरान अमेरिका नासा के सहयोग से रूस पर परमाणु बम गिराने वाला था। इस हमले के लिए नासा के स्पेश शटल का उपयोग किया जाने वाला था। जिसकी मदद से केवल तीन मिनट के अंदर कई किलोटन के परमाणु बम को रूस के ऊपर गिराया जा सकता था। उस समय दोनों देशों के बीच तनाव इतने चरम पर पहुंच गया था जिससे पूरी दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडराने लगा था। वहीं, रूस ने भी पलटवार करने के लिए अमेरिका के बेहद नजदीक क्यूबा में अपने मिसाइलों को तैनात कर रखा था।
नवभारतटाइम्स.कॉम world war 3 when united states was about to drop a nuclear bomb on moscow within three minutes exposed by russian researcher
World War 3: जब मास्को पर 3 मिनट में परमाणु बम गिराने वाला था अमेरिका, रूसी रिसर्चर ने किया दावा


स्पेश शटल से रूस पर परमाणु बम गिराने वाला था अमेरिका?

रूसी रिसर्चर पावेल शुबिन ने एक मार्च 1976 के दस्तावेज के आधार पर दावा किया है कि उस समय सोवियत संघ को अंदेशा था कि यूएस स्पेस शटल को मास्को पर बम गिराने के लिए विकसित किया गया था। उन्होंने जिस दस्तावेज के आधार पर रूस पर अमेरिका के परमाणु बम गिराने के मिशन का दावा किया है, उसे यू.जी. सिखरुलिद्ज़े और दिमित्री ओकोह्सिमस्की ने लिखा था।

रूसी वैज्ञानिकों के रिपोर्ट के आधार पर किया गया दावा

ये दोनों रूसी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सोवियत अंतरिक्ष यान के अंतरिक्ष में प्रक्षेपवक्र यानी उनके चलने के रास्तों का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अमेरिकी अंतरिक्ष इतिहासकार ड्वेन डे ने एक ब्लॉग पोस्ट में खुलासा किया कि कैलिफोर्निया में वांडेनबर्ग एयर फोर्स बेस से लॉन्च किए गए एक अमेरिकी स्पेस शटल को सोवियत संघ के ऊपर दक्षिण से उत्तर की ओर उड़ान भरने के लिए प्रोग्राम किया गया था। जो मास्को के ऊपर गुजरने के दौरान परमाणु बम को गिरा सकता था।

200 मिनट में मास्को पर दागा जा सकता था परमाणु बम

इस तकनीकी के जरिए किसी शटल में परमाणु बम को फिट करने के 200 मिनट बाद ही उसे मास्को के ऊपर दागा जा सकता था। इसके जरिए किसी अमेरिकी पनडुब्बी के जरिए लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में कहीं अधिक तेजी से अपने मिशन को अंजाम दे सकता था। हालांकि, इस हमले को तब करने की योजना बनाई गई थी, जब अमेरिका को यह अंदेशा हो कि रूस अब परमाणु हमला करने जा रहा है।

सोवियत कमांड को नष्ट करने को तैयार था अमेरिका

इस हमले के जरिए अमेरिका पहले ही सोवियत कमांड को नष्ट करने और उसके नेटवर्क को ठप करने की तैयारी में था। रूसी रिसर्चर शुबिन ने दावा किया है कि उस रिपोर्ट को कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के सामने पेश किया गया। जहां इस पर व्यापक चर्चा हुई। जिसके बाद सोवियत संघ के प्रीमियर लियोनिद ब्रेझनेव ने आदेश दिया कि इस तरह के हमले से देश को सुरक्षित करने के लिए वैकल्पिक उपायों का एक समूह विकसित किया जाए।

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