काठमांडू
चीन के दौरे से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ चर्चा की है। इनमें से एक ने उनसे विवादित नेपाल-भारत-चीन ट्राइ जंक्शन का मुद्दा चीन के साथ उठाने का आग्रह किया है। बता दें कि ओली 19 जून को 5 दिवसीय यात्रा पर चीन जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर दोबारा चुने जाने के बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा है।
ओली ने शनिवार को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खनल और बाबूराम भट्टराई के साथ बातचीत की। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, नया शक्ति नेपाल पार्टी के समन्वयक भट्टराई ने ओली को दस सूत्री सलाह दी। उसकी एक खबर में बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने ओली से चीन के साथ विवादित नेपाल-भारत-चीन ट्राइ जंक्शन लिपुलेख का मामला उठाने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि लिपुलेख चीन और भारत के साथ नेपाल की सीमा का अंतिम बिंदु है। इसे नेपाल और तिब्बत जाने के लिए प्राचीन व्यापारिक और धार्मिक मार्ग का पारगमन स्थल माना जाता है। बैठक के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली से यह भी आग्रह किया कि वह चीन के साथ परियोजनाओं और सहायता की मांग को आगे बढ़ाएं। पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली को सलाह दी कि वह चीनी निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में काम करें। बताया जा रहा है कि ओली ने पूर्व प्रधानमंत्रियों को आश्वासन दिया कि वह नेपाल-चीन संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास करेंगे।
चीन के दौरे से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ चर्चा की है। इनमें से एक ने उनसे विवादित नेपाल-भारत-चीन ट्राइ जंक्शन का मुद्दा चीन के साथ उठाने का आग्रह किया है। बता दें कि ओली 19 जून को 5 दिवसीय यात्रा पर चीन जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर दोबारा चुने जाने के बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा है।
ओली ने शनिवार को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खनल और बाबूराम भट्टराई के साथ बातचीत की। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, नया शक्ति नेपाल पार्टी के समन्वयक भट्टराई ने ओली को दस सूत्री सलाह दी। उसकी एक खबर में बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने ओली से चीन के साथ विवादित नेपाल-भारत-चीन ट्राइ जंक्शन लिपुलेख का मामला उठाने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि लिपुलेख चीन और भारत के साथ नेपाल की सीमा का अंतिम बिंदु है। इसे नेपाल और तिब्बत जाने के लिए प्राचीन व्यापारिक और धार्मिक मार्ग का पारगमन स्थल माना जाता है। बैठक के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली से यह भी आग्रह किया कि वह चीन के साथ परियोजनाओं और सहायता की मांग को आगे बढ़ाएं। पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली को सलाह दी कि वह चीनी निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में काम करें। बताया जा रहा है कि ओली ने पूर्व प्रधानमंत्रियों को आश्वासन दिया कि वह नेपाल-चीन संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास करेंगे।