बेरुत, 17 दिसंबर (एपी) मध्य पूर्व में सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है और इनमें से अधिकतर देश इसकी खरीदारी चीन से कर रहे हैं। रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इन्स्टीट्यूट (आरयूएसआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्व के जॉर्डन, इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई देशों में हथियारों से लैस ड्रोन की खरीद बढ़ी है जबकि इजराइल, ईरान और तुर्की जैसे देश खुद इसका निर्माण कर रहे हैं। मध्यपूर्व और अन्य जगहों पर ड्रोन की बिक्री में चीन का वर्चस्व है और इसकी कीमत भी कम पड़ती है। क्षेत्रीय युद्ध में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए कई देश और संगठन इसकी खरीदारी कर रहे हैं। इससे पहले खबरें आयी थी कि मध्यपूर्व में अमेरिकी निर्मित ड्रोन के खरीदारों को चीनी हथियार निर्माता प्रलोभन दे रहे हैं और इससे अमेरिकी सुरक्षा हितों के लिहाज से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ऐसे कई देशों को हथियारों से लैस ड्रोन की आपूर्ति कर रहा है जो अमेरिका से उसकी खरीदारी नहीं कर सकते और यह सस्ता भी पड़ता है। एपी आशीष शाहिदशाहिद
सशस्त्र ड्रोन के जरिए मध्यपूर्व में पैठ बना रहा चीन
बेरुत, 17 दिसंबर (एपी) मध्य पूर्व में सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है और इनमें से अधिकतर देश इसकी खरीदारी चीन से कर रहे हैं। रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इन्स्टीट्यूट (आरयूएसआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्व के जॉर्डन, इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई देशों में हथियारों से लैस ड्रोन की खरीद बढ़ी है जबकि इजराइल, ईरान और तुर्की जैसे देश खुद इसका निर्माण कर रहे हैं। मध्यपूर्व और अन्य जगहों पर ड्रोन की बिक्री में चीन का वर्चस्व है और इसकी कीमत भी कम पड़ती है। क्षेत्रीय युद्ध में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए कई
भाषा 17 Dec 2018, 7:23 pm