ऐपशहर

China Myanmar News: सेना के सत्ता पर कब्जे के बाद चीनी विदेश मंत्री की पहली म्यांमार यात्रा, क्या मिल जाएगी सैन्य सरकार को मान्यता?

China Myanmar Relations : म्यांमार की सेना ने एक फरवरी, 2021 को आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को बेदखल कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसे लेकर देश भर में राष्ट्रव्यापी अहिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया जिसका सशस्त्र प्रतिरोध हुआ।

Edited byयोगेश मिश्रा | भाषा 3 Jul 2022, 5:08 pm
बैंकॉक : सेना के पिछले वर्ष म्यांमार में सत्ता पर काबिज होने के बाद चीन के विदेश मंत्री शनिवार को अपनी पहली यात्रा पर वहां पहुंचे। वह यहां एक क्षेत्रीय बैठक में हिस्सा लेंगे जिसे लेकर सरकार का कहना है कि यह उसकी वैधता को मान्यता है जबकि विपक्ष ने इसे शांति प्रयासों का उल्लंघन मानते हुए प्रदर्शन किया। चीनी विदेश मंत्री वांग यी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल, बागान के केंद्रीय शहर में लैंकांग-मेकांग सहयोग समूह की बैठक में म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम के समकक्षों के साथ शामिल होंगे।
नवभारतटाइम्स.कॉम myanmar
प्रतीकात्मक फोटो


समूह चीनी नेतृत्व वाली एक पहल है जिसमें मेकांग डेल्टा के देश शामिल हैं। चीन ने मेकांग के ऊपरी हिस्से पर 10 बांध बनाए हैं, जिस हिस्से को वह लैंगकैंग कहता है। सैन्य सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जा मिन तुन ने राजधानी नेपीता में शुक्रवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि बैठक में विदेश मंत्रियों का शामिल होना म्यांमार की संप्रभुता और उसकी सरकार की मान्यता को दर्शाता है।
म्यांमार की अदालत का एक और क्रूर फैसला, आंग सान सू ची को सुनाई और चार साल की सजा
विशेषज्ञों ने म्यांमार संकट को कहा- गृहयुद्ध
उन्होंने कहा कि मंत्री समझौता ज्ञापनों और अनुबंधों पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी। यह स्पष्ट नहीं है कि वांग सैन्य सरकार के प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलिंग से मिलेंगे या नहीं। म्यांमार की सेना ने एक फरवरी, 2021 को आंग सान सू ची की चुनी हुई सरकार को बेदखल कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसे लेकर देश भर में राष्ट्रव्यापी अहिंसक प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया जिसका सशस्त्र प्रतिरोध हुआ। संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेषज्ञ अब इसे गृहयुद्ध के रूप में चिह्नित करते हैं।

चीन म्यांमार की 'दोस्ती' पुरानीवांग आखिरी बार सू ची से मिलने के लिए म्यांमार गए थे, इससे ठीक तीन हफ्ते पहले सेना ने उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया था। चीन म्यांमार का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और पुराना सहयोगी है। बीजिंग ने म्यांमार की खदानों, तेल और गैस पाइपलाइनों तथा अन्य बुनियादी ढांचों में अरबों डॉलर का निवेश किया है और रूस की तरह उसका प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता है।
लेखक के बारे में
योगेश मिश्रा
योगेश नवभारत टाइम्स डिजिटल में पत्रकार हैं और अंतरराष्ट्रीय खबरें आप तक पहुंचाते हैं। इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआती पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से की और पोस्ट ग्रेजुएशन बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ) से किया। पत्रकारिता में अनुभव अब पांच साल के पड़ाव को पार कर चुका है। खबरों से इतर योगेश को साहित्य में गहरी दिलचस्पी है। योगेश का मानना है कि पत्रकारिता भी साहित्य की एक विधा है जैसे रेखाचित्र या संस्मरण।... और पढ़ें

अगला लेख

Worldकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग