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जानें, क्‍या कोरोना वायरस के कहर से हिलेगी चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग की सत्‍ता

कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर चीन (China) इन द‍िनों पूरी दुनिया के न‍िशाने पर है। उधर, चीनी राष्‍ट्रपति शी च‍िनफ‍िंग (Chinese President Xi Jinping) इस पूरे संकट का फायदा चीन (China) में अपनी स्थिति और मजबूत करने में उठा रहे हैं। हालांकि उनकी पार्टी के अंदर ही अब व‍िरोध के स्‍वर सुनाई देने लगे हैं।

एएनआई 20 Apr 2020, 3:00 pm

हाइलाइट्स

  • चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने वर्ष 1968 के बाद अब तक की सबसे बड़ी महामारी से देश को निकाला
  • कोरोना से निपटने को लेकर हो रही आलोचना से शी जिनपिंग की सेहत पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा
  • शी चिनफिंग कोरोना संकट का पूरा इस्‍तेमाल चीन पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने में कर रहे हैं
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नवभारतटाइम्स.कॉम xi jinping
कोरोना संकट को लेकर घ‍िरे चीनी राष्‍ट्रपति शी च‍िनफ‍िंग
हांगकांग
चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने वर्ष 1968 के बाद अब तक की सबसे बड़ी महामारी कोरोना वायरस से देश को सुरक्षित निकाल लिया है। कोरोना वायरस से निपटने को लेकर एक ओर जहां दुनियाभर में चीन के रवैये की जमकर आलोचना हो रही है वहीं, इसका तानाशाही रवैये वाले नेता शी चिनफिंग की सेहत पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
कोरोना महासंकट को अब शी जिनपिंग मौके के रूप में देख रहे हैं और इसका पूरा इस्‍तेमाल दुनिया की इस सबसे बड़ी आबादी वाले देश पर अपनी पकड़ को और मजबूत करने में कर रहे हैं। दुनिया में अटकलों का बाजार गरम है कि क्‍या चीन में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ जमीनी स्‍तर पर असंतोष बढ़ रहा है? इस यक्ष प्रश्‍न पर न्‍यूजीलैंड समकालीन चीन रीसर्च सेंटर के डायरेक्‍टर जासोन यंग कहते हैं, 'इस सवाल का जवाब देना वास्‍तव में बहुत ही कठिन है।'

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'चीन सरकार काफी मजबूत स्थिति में'
यंग कहते हैं, 'मेरा अनुमान है कि वास्‍तविकता यह है कि हम कभी इसे जान नहीं पाएंगे। और मैं समझता हूं कि इसे वास्‍तविक रूप से जानने वाली केवल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी होगी जो इन चीजों का बहुत अच्‍छे तरीके से निगरानी करती है। उसके पास सभी आंकड़े होंगे। हालांकि कई ऐसे साक्ष्‍य हैं जो यह बताते हैं कि चीजें अब काबू से बाहर जा रही हैं। लोगों को डॉक्‍टरों के मारे जाने से खुश नहीं हैं और सोशल मीडिया में उनके समर्थन में काफी पोस्‍ट किए गए हैं।'

डॉक्‍टर यंग ने कहा, 'मैंने विदेशों में रह रहे कुछ चीनी मूल के लोगों से बात की तो उनकी प्रतिक्रिया थी कि चीन ने पब्लिक हेल्‍थ में निवेश नहीं किया। चीनी अधिकारियों ने (महामारी को लेकर) अपनी प्रतिक्रिया और इससे जुड़ी अन्‍य चीजों में भी गड़बड़ी की। लेकिन यह कहना बहुत आसान होगा कि लोगों में चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को लेकर व्‍यापक स्‍तर पर असंतोष है। मैं समझता हूं कि चीन का जनसंपर्क विभाग बहुत प्रभावी है। उसने एक धारणा बनाई है कि सरकार और लोग सभी साथ हैं। शी ने जनयुद्ध का ऐलान किया है और हरेक व्‍यक्ति साथ‍ मिलकर लड़ रहा है। और यह लोगों के लिए स्‍वाभाविक है कि संकट के समय वे सरकार तथा डॉक्‍टरों के साथ खडे़ हो जाएं।'

निष्‍कर्ष रूप में यंग ने कहा, 'इसलिए मैं विशेषकर अब यह समझता हूं कि देश में लॉकडाउन से जुडे़ सख्‍त नियम लागू हैं और चीन सरकार काफी मजबूत स्थिति में है।' हालांकि अब इसके खिलाफ खुद कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के अंदर विरोध के स्‍वर सुनाई देने पड़े हैं। चीन में प्रॉपर्टी के दिग्‍गज खिलाड़ी और सीसीपी के मेंबर रेन झिकांग 23 फरवरी को कोरोना वायरस को लेकर शी जिनपिंग पर हमला बोला था। अब रेन के खिलाफ अनुशासन तोड़ने और कानूनों के उल्‍लंघन को लेकर जांच चल रही है।

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'कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के अंदर बढ़ रहा है विरोध'
रेन ने चीन के कोरोना वायरस से निपटने के तरीके को निरंकुश सफलता करार द‍िया था। उन्‍होंने शी चिनफिंग की निजी महत्‍वाकांक्षा की भी आलोचना की थी। ऑस्‍ट्रेलिया में रहने वाले चीनी विश्‍लेषक नेइकान कहते हैं कि रेन ने अपने पत्र में शी जिनपिंग पर पारदर्शिता और जवाबदेही में कमी, अभिव्‍यक्ति की आजादी को दबाना, लोगों के असंतोष को दबाने के लिए दुष्‍प्रचार और सेंसरशिप का सहारा लेना, शी के नेतृत्‍व में सत्‍ता का केंद्रीकरण करने और पार्टी के उच्‍च तबके का जनता से कटाव का मुद्दा उठाया था।

नेइकान कहते हैं कि रेन ने सीधे शी चिनफिंग की महत्‍वकांक्षाओं और नेतृत्‍व क्षमता की कमी पर हमला बोला था। पार्टी के अंदर यह विरोध बाहर होने वाले विरोध से ज्‍यादा घातक है। उन्‍होंने कहा कि रेन सही हैं। दुष्‍प्रचार के बाद भी कोरोना वायरस को लेकर कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि पार्टी का नेतृत्‍व और चीनी राजनीतिक मॉडल प्रभावी नहीं है। अगर इन विरोधों का सही तरीके से हल नहीं किया गया तो आने वाले समय में दिक्‍कत हो सकती है।

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कौन हैं चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग
शी चिनफिंग चीन के राष्ट्रपति हैं और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के जनरल सेक्रेटरी हैं। अक्टूबर 2017 में 7 लोगों के नेतृत्व में बनी कमिटी ने चीन के संविधान से उस प्रस्ताव को हटा दिया था जिसमें कोई भी व्यक्ति केवल 2 बार ही चीन का राष्ट्रपति बना रह सकता है। अब शी चिनफिंग जब तक चाहें तब तक चीन के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। शी चिनफिंग का जन्म 15 जून 1953 को बीजिंग में हुआ था। इनके पिता भी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना से जुड़े थे। शी चिनफिंग ने अपने जीवनकाल का कुछ समय गुफाओं में भी बिताया है।

शी चिनफिंग ने जनवरी 1969 में सरकारी नौकरी शुरू की थी और जनवरी 1974 में वो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कि हिस्सा बन गए। शी चिनफिंग ने काम करने के दौरान अपना अध्ययन जारी रखते हुए मास्टर की डिग्री हासिल की और अंत में लॉ में डॉक्टरी-डिग्री हासिल की। शी चिनफिंग, माओ-त्से-तुंग के बाद पहले चीनी नेता होंगे जो आजीवन सत्ता में बने रह सकते हैं। इन्हे माओ-त्से-तुंग के बाद चीन का सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्ति भी माना जाता है।

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