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इजरायल में नेतन्याहू युग का अंत, 6 सांसदों वाले नेफ्टाली बेनेट बनेंगे अगले प्रधानमंत्री, जानें भारत समेत दुनिया पर असर

इजरायल में लंबे समय से सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई तय हो गई है। उनके विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने आखिरकार नई सरकार बनाने को लेकर सहमति जाहिर कर दी है। जिसके बाद अब नेफ्टाली बेनेट का इजरायल का अगला प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 3 Jun 2021, 2:45 pm
तेल अवीव
नवभारतटाइम्स.कॉम Benjamin netanyahu Naftali Bennett 01
नेफ्टाली बेनेट और बेंजामिन नेतन्याहू

इजरायल में लंबे समय से सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई तय हो गई है। उनके विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने आखिरकार नई सरकार बनाने को लेकर सहमति जाहिर कर दी है। जिसके बाद अब नेफ्टाली बेनेट का इजरायल का अगला प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। बता दें कि इस साल मार्च में हुए चुनाव में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका था। चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होन के बावजूद इजरायली राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने नेतन्याहू को सरकार बनाने और 2 जून तक बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।

नेफ्टाली बेनेट का प्रधानमंत्री बनना तय
नेतन्याहू के तमाम प्रयास और जोड़तोड़ के बावजूद लिकुड पार्टी अपने सहयोगियों को साध नहीं सकी। वहीं, उनके विरोधी नेता येर लेपिड ने ऐलान किया है कि इजरायल की विपक्षी पार्टियों के बीच नई सरकार बनाने को लेकर सहमति बन गई है। इस नए गठबंधन में इजरायल की आठ पार्टियां शामिल हैं। लेपिड ने बताया कि सहमति के अनुसार, पहले यामिना पार्टी के प्रमुख नेता नेफ्टाली बेनेट इजरायल के प्रधानमंत्री बनेंगे। दो साल बाद उनकी जगह येश एटिड पार्टी के नेता येर लेपिड खुद यह दायित्व संभालेंगे।

विपक्षी गठबंधन में इस्लामी राम पार्टी भी शामिल
बड़ी बात यह है कि नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ बने इस गठबंधन में इजरायल में अरब समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली राम पार्टी भी शामिल है। इजरायली मीडिया में इस समझौते पर दस्तखत करते विपक्षी नेताओं की एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसमें येश एटिड, नेफ्टाली बेनेट और राम पार्टी के मंसूर अब्बास दिखाई दे रहे हैं। नए समझौते के बारे में इजरायली राष्ट्रपति को विपक्षी दलों ने सूचित कर दिया है। जल्द ही संसद का सत्र बुलाकर बहुमत साबित किया जाएगा, जिसके बाद नेफ्टाली बेनेट इजरायल के नए प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे।


नेतन्याहू को हटाने के लिए एक हुआ पूरा विपक्ष
इजरायल में अभी तक के इतिहास में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है। इसलिए, 12 साल से इजरायल की सत्ता पर काबिज बेंजामिन नेतन्याहू को हटाने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है। विपक्षी गठबंधन में दक्षिणपंथी रूझान रखने वाली यामिना पार्टी, मध्यमार्गी येश एटिड पार्टी और मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली राम पार्टी शामिल हैं।

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6 सांसदों वाले नेफ्टाली बेनेट बनेंगे इजरायल के पीएम
इजरायल में पिछले दो साल में चार बार आम चुनाव हो चुके हैं। हर बार की तरह इन चुनावों में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका। इजरायल की संसद नेसेट में कुल 120 सीटें हैं। इनमें नेफ्टाली बेनेट की यामिना पार्टी के पास 6 सीटें हैं। विपक्ष की जोड़-तोड़ की राजनीति में यामिना पार्टी के चीफ नेफ्टाली बेनेट किंगमेकर बनकर उभरे हैं और उन्हें विपक्षी दलों को पीएम पद देना पड़ा है।


कौन हैं नेफ्टाली बेनेट

नेफ्टाली बेनेट इजरायल डिफेंस फोर्सेज की एलीट कमांडो यूनिट सायरेत मटकल और मगलन के कमांडो रह चुके हैं। साल 2006 में उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में राजनीति में प्रवेश किया। जिसके बाद वे नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ बनाए गए। साल 2012 में नेफ्टाली द जुइश होम नाम की पार्टी पर संसद के लिए चुने गए। बाद में वे न्यू राइट और यामिना पार्टी से भी नेसेट के सदस्य बने। 2012 से 2020 के बीच नेफ्टाली 5 बार इजरायली संसद के सदस्य बन चुके हैं। 2019 से 2020 के बीच वह इजरायल के रक्षा मंत्री भी रहे हैं।

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भारत समेत दुनिया पर क्या होगा असर?
बेंजामिन नेतन्याहू की इजरायली राजनीति से विदाई और नए प्रधानमंत्री के रूप में नेफ्टाली बेनेट के आगमन से देश की विदेश नीति का प्रभावित होने तय माना जा रहा है। विपक्ष की बनने वाली सरकार में अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां शामिल हैं। ऐसे में गजा पट्टी, फिलिस्तीन, हमास, ईरान, लेबनान, हिजबुल्लाह, अमेरिका जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर भी इन पार्टियों के विचार आपस में बंटे हुए हैं।

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मुसलमान, दक्षिणपंथी और मध्यमार्गी पार्टियों की स्थिरता पर सवाल
विपक्षी गठबंधन में शामिल राम पार्टी इजरायली अरब मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है। उसका मानना है कि फिलिस्तीनियों को उनका हक मिलना चाहिए और इजरायल को नई कॉलोनिया बनाने के प्रयास को रोककर जेरुशलेम पर से दावा छोड़ना चाहिए। वहीं प्रधानमंत्री बनने जा रहे नेफ्टाली बेनेट घोर दक्षिणपंथी विचारधारा वाले नेता हैं। वे यहूदी राष्ट्र के कट्टर समर्थक बताए जाते हैं। इस गठबंधन के प्रमुख नेता और नेफ्टाली के बाद के प्रधानमंत्री बनने वाले येश एटिड मध्यमार्गी विचारधारा के नेता हैं।

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