पेइचिंग
गलवान घाटी झड़प को कुछ ही दिनों में एक साल पूरे हो जाएंगे। 15 जून 2020 की रात को लद्दाख की बर्फीली गलवान नदी के किनारे एशिया की दो महाशक्तियों के बीच हुई सैन्य झड़प में दोनों ही पक्षों को जनहानि उठानी पड़ी थी। अब एक साल पूरे होने के ठीक पहले चीन ने फिर से प्रॉपगैंडा वॉर शुरू कर दिया है। चीन ने इस झड़प के दौरान भारत के वीर जवानों के हाथों बुरी तरह मार खाए अपने पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ को फिर से मीडिया के सामने पेश किया है।
गलवान घाटी में भारतीय सेना के हाथों मार खाए थे क्यूई
क्यूई फैबाओ को गलवान घाटी झड़प के दौरान सिर में गंभीर चोट लगी थी। जिसके कारण उन्हें महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। फैबाओ को हाल में ही चीनी सेना की उच्चस्तरीय मीटिंग में शामिल किया गया है। चीन की पिट्ठू मीडिया ने बताया कि यह बैठक चीन के सीमा सैनिकों के सम्मान में आयोजित की गई थी। दरअसल, गलवान में हुई हिंसक झड़प के कारण चीनी सैनिकों का मनोबल बुरी तरह से घिरा हुआ है। चीनी सरकार ने पहले सैनिकों के मौत के आंकड़ों को छिपाया और बाद में उजागर किया था।
सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रॉपगैंडा कर रहा चीन
चीनी सेना के बचे-खुचे मनोबल की कमर लद्दाख की जानलेवा ठंड ने तोड़ दी। कई ऐसी रिपोर्ट्स आईं, जिसमें बताया गया कि चीनी सैनिक लद्दाख में ठंड के मौसम में काफी बीमार पड़े। कई सैनिकों को तो अक्साई चिन में अवैध रूप से बनाए गए आर्मी कैंपों से एयरलिफ्ट तक करना पड़ा था। वहीं, भारतीय सैनिकों के पास सियाचीन जैसे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात रहने का अनुभव है। यही कारण है कि भारतीय सेना के जवानों की अपेक्षा चीनी सैनिकों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने बुलाई थी बैठक
गुरुवार को चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) के सैन्य चैनल ने बताया कि क्यूई फैबाओ चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के राजनीतिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित बैठक में सैन्य वर्दी और पूरे तमगे के साथ शामिल हुए। उनके सिर पर लगे चोटों के निशान भी साफ तौर पर दिख रहे थे। इस बैठक के दौरान क्यूई ने भारतीय सेना के हाथों मारे गए चीनी सैनिकों के बारे में बताया।
पीएलए कमांडर ने बघारी शेखी
पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर ने बैठक के दौरान शेखी बघारते हुए कहा कि अगर सेना की तुलना एक तेज तलवार से की जाती है, तो सैनिकों का साहस और सीधापन तलवार की धार है। हम बलिदान से नहीं डरते हैं और हमने हमेशा इस विश्वास को कायम रखा है कि हम हमारे क्षेत्र का एक इंच हारने के बजाय अपने जीवन का बलिदान देंगे।
गलवान घाटी झड़प को कुछ ही दिनों में एक साल पूरे हो जाएंगे। 15 जून 2020 की रात को लद्दाख की बर्फीली गलवान नदी के किनारे एशिया की दो महाशक्तियों के बीच हुई सैन्य झड़प में दोनों ही पक्षों को जनहानि उठानी पड़ी थी। अब एक साल पूरे होने के ठीक पहले चीन ने फिर से प्रॉपगैंडा वॉर शुरू कर दिया है। चीन ने इस झड़प के दौरान भारत के वीर जवानों के हाथों बुरी तरह मार खाए अपने पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर क्यूई फैबाओ को फिर से मीडिया के सामने पेश किया है।
गलवान घाटी में भारतीय सेना के हाथों मार खाए थे क्यूई
क्यूई फैबाओ को गलवान घाटी झड़प के दौरान सिर में गंभीर चोट लगी थी। जिसके कारण उन्हें महीनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था। फैबाओ को हाल में ही चीनी सेना की उच्चस्तरीय मीटिंग में शामिल किया गया है। चीन की पिट्ठू मीडिया ने बताया कि यह बैठक चीन के सीमा सैनिकों के सम्मान में आयोजित की गई थी। दरअसल, गलवान में हुई हिंसक झड़प के कारण चीनी सैनिकों का मनोबल बुरी तरह से घिरा हुआ है। चीनी सरकार ने पहले सैनिकों के मौत के आंकड़ों को छिपाया और बाद में उजागर किया था।
सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रॉपगैंडा कर रहा चीन
चीनी सेना के बचे-खुचे मनोबल की कमर लद्दाख की जानलेवा ठंड ने तोड़ दी। कई ऐसी रिपोर्ट्स आईं, जिसमें बताया गया कि चीनी सैनिक लद्दाख में ठंड के मौसम में काफी बीमार पड़े। कई सैनिकों को तो अक्साई चिन में अवैध रूप से बनाए गए आर्मी कैंपों से एयरलिफ्ट तक करना पड़ा था। वहीं, भारतीय सैनिकों के पास सियाचीन जैसे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात रहने का अनुभव है। यही कारण है कि भारतीय सेना के जवानों की अपेक्षा चीनी सैनिकों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने बुलाई थी बैठक
गुरुवार को चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) के सैन्य चैनल ने बताया कि क्यूई फैबाओ चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के राजनीतिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित बैठक में सैन्य वर्दी और पूरे तमगे के साथ शामिल हुए। उनके सिर पर लगे चोटों के निशान भी साफ तौर पर दिख रहे थे। इस बैठक के दौरान क्यूई ने भारतीय सेना के हाथों मारे गए चीनी सैनिकों के बारे में बताया।
पीएलए कमांडर ने बघारी शेखी
पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजिमेंटल कमांडर ने बैठक के दौरान शेखी बघारते हुए कहा कि अगर सेना की तुलना एक तेज तलवार से की जाती है, तो सैनिकों का साहस और सीधापन तलवार की धार है। हम बलिदान से नहीं डरते हैं और हमने हमेशा इस विश्वास को कायम रखा है कि हम हमारे क्षेत्र का एक इंच हारने के बजाय अपने जीवन का बलिदान देंगे।