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यरुशलम अब इजरायल की राजधानी, हमास बोला, 'ट्रंप ने नरक का रास्ता खोला'

हमास के एक प्रवक्ता ने कहा, 'यरुशलम पर डॉनल्ड ट्रंप का फैसला यह तथ्य नहीं बदल सकता कि यह जगह अरब मुस्लिमों की है।' इतना ही नहीं हमास ने 8 दिसंबर को 'क्रोध दिवस' के तौर पर मनाने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया है, 'युवा और फिलिस्तिनियों को हमारे यरुशलम को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले के खिलाफ हर उपलब्ध तरीकों से जवाब देने की जरूरत है।'

द इंडिपेंडेंट 7 Dec 2017, 5:19 pm
गाजा
नवभारतटाइम्स.कॉम jerusal

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने का फिलिस्तीन के चरमपंथी समूह हमास ने विरोध किया है और साथ ही यरुशलम में अमेरिकी दूतावास खोले जाने के कदम को 'नरक के रास्ते खोलने' जैसा बताया है।

हमास के एक प्रवक्ता ने कहा, 'यरुशलम पर डॉनल्ड ट्रंप का फैसला यह तथ्य नहीं बदल सकता कि यह जगह अरब मुस्लिमों की है।' इतना ही नहीं हमास ने 8 दिसंबर को 'क्रोध दिवस' के तौर पर मनाने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया है, 'युवा और फिलिस्तिनियों को हमारे यरुशलम को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले के खिलाफ हर उपलब्ध तरीकों से जवाब देने की जरूरत है।'

हमास ने यहूदियों, मुस्लिमों और ईसाइयों के पवित्र स्थल माने जाने वाले यरुशलम पर अमेरिकी फैसले को 'रेड लाइन' बताया है। प्रवक्ता ने आगे कहा, 'यह फैसला बेवकूफाना है और समय यह साबित कर देगा कि इन सबमें सबसे बड़ी हार ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हुई है।'

तुर्की के विदेश मंत्री ने फैसले के तुरंत बाद ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे एकदम गैरजिम्मेदाराना और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ बताया। दूसरी तरफ, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को इस मसले पर एक बैठक बुलाई है। सुरक्षा परिषद के 15 में से कम से कम 8 सदस्यों ने वैश्विक निकाय से विशेष बैठक बुलाने की मांग की है।

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