काठमांडो
माउंट एवरेस्ट पर दो लापता पर्वतारोहियों की तलाश के लिए बचावकर्मियों ने चौथे दिन भी मशक्कत की जबकि उनके जीवित पाने की आशा कम होती जा रही है। ट्रेकिंग कैंप नेपाल के प्रबंध निदेशक वांगचु शेरपा ने बताया कि परेश चंद्र नाथ (58) और गौतम घोष (51) की तलाश के लिए अधिकारियों के साथ चर्चा जारी है। नाथ और घोष शनिवार को 6,848 मीटर उंची माउंट एवरेस्ट की चोटी के पास थे जब उन्होंने चार लोगों की टीम से संपर्क खो दिया, वे सभी भारतीय थे।
टीम के एक सदस्य सुभाष पाल की बीमार पड़ने पर रविवार को मौत हो गई। चौथी महिला सदस्य सुनीता हाजरा को बचा लिया गया और अस्पताल ले जाया गया। खबरों के मुताबिक इस बीच, तलाश में समन्वय करने के लिए तीन भारतीय अधिकारी काठमांडो पहुंचे हैं और एक और पर्वतारोही बचाव टीम को बुधवार को तैनात किया जाएगा।
भारतीय दूतावास ने सोमवार को अपनी एक स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि यह बचाव अभियान से संबद्ध अधिकारियों और पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी दीपांकर घोष से निरंतर संपर्क में है। 'हिमालयन टाइम्स' की खबर के मुताबिक दूतावास ने बताया कि इसने बचाए गए पर्वतारोहियों को अस्पताल में भर्ती कराने और मृतकों के पार्थिव शरीर को भारत पहुंचाने की व्यवस्था की है।
माउंट एवरेस्ट पर दो लापता पर्वतारोहियों की तलाश के लिए बचावकर्मियों ने चौथे दिन भी मशक्कत की जबकि उनके जीवित पाने की आशा कम होती जा रही है। ट्रेकिंग कैंप नेपाल के प्रबंध निदेशक वांगचु शेरपा ने बताया कि परेश चंद्र नाथ (58) और गौतम घोष (51) की तलाश के लिए अधिकारियों के साथ चर्चा जारी है। नाथ और घोष शनिवार को 6,848 मीटर उंची माउंट एवरेस्ट की चोटी के पास थे जब उन्होंने चार लोगों की टीम से संपर्क खो दिया, वे सभी भारतीय थे।
टीम के एक सदस्य सुभाष पाल की बीमार पड़ने पर रविवार को मौत हो गई। चौथी महिला सदस्य सुनीता हाजरा को बचा लिया गया और अस्पताल ले जाया गया। खबरों के मुताबिक इस बीच, तलाश में समन्वय करने के लिए तीन भारतीय अधिकारी काठमांडो पहुंचे हैं और एक और पर्वतारोही बचाव टीम को बुधवार को तैनात किया जाएगा।
भारतीय दूतावास ने सोमवार को अपनी एक स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि यह बचाव अभियान से संबद्ध अधिकारियों और पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी दीपांकर घोष से निरंतर संपर्क में है। 'हिमालयन टाइम्स' की खबर के मुताबिक दूतावास ने बताया कि इसने बचाए गए पर्वतारोहियों को अस्पताल में भर्ती कराने और मृतकों के पार्थिव शरीर को भारत पहुंचाने की व्यवस्था की है।