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वुहान से अमेरिकियों को निकालने की प्लानिंग, भारतीयों के लिए भी उम्मीद

अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन लग रहा है कि सरकार ने चीनी अथॉरिटीज से वुहान में फंसे भारतीयों को निकालने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। इन भारतीयों में ज्यादातर डॉक्टरी पढ़ने वुहान गए हैं।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 27 Jan 2020, 8:38 am

हाइलाइट्स

  • चीन का वुहान शहर करॉना वायरस का केंद्र है जहां कुछ भारतीय फंसे हैं
  • पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास ने इनकी सुविधा के लिए एक और हॉटलाइन नंबर जारी किया
  • दूतावास ने बताया कि बीते दो दिनों में उसके हॉटलाइन नंबरों पर करीब 600 कॉल्स आए
  • वुहान और आसपास के शहरों के विभिन्न विश्वविद्यालयों में करीब 700 भारतीय विद्यार्थी पढ़ते हैं
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वुहान से अमेरिकियों को निकालने की प्लानिंग, भारतीयों के लिए भी उम्मीद
शैबाल दासगुप्ता, पेइचिंग
भारत ने रविवार को चीन में फंसे अपने 250 विद्यार्थियों एवं अन्य नागरिकों के लिए तीसरा हॉटलाइन शुरू कर दिया। ये सभी भारतीय करॉना वायरस के केंद्र वुहान शहर में हैं जहां से लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है। हालांकि, चीन ने वहां फंसे अमेरिकियों को निकालने की पेशकश की है। ऐसे में भारतीयों के लिए भी यह व्यवस्था किए जाने की उम्मीद जगी है।
वैसे तो कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन लग रहा है कि सरकार ने चीनी अथॉरिटीज से वुहान में फंसे भारतीयों को निकालने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। इन भारतीयों में ज्यादातर डॉक्टरी पढ़ने वुहान गए हैं।

चीन के हुबेई प्रांत स्थित वुहान शहर में फंसे भारतीयों के पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास में इतनी बड़ी संख्या में फोन कॉल्स आने लगे कि रविवार को एक और हॉटलाइन खोलनी पड़ी। दूतावास ने एक ट्वीट में बताया, 'पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी दोनों हॉटलाइन नंबरों पर बहुत सारे फोन कॉल्स आने के मद्देनजर तीसरा हॉलाइन नंबर +8618610952903 स्थापित करने का फैसला किया गया है।' पहले से +8618612083629 and +8618612083617 नंबर काम कर रहे हैं।

दूतावास ने बताया कि बीते दो दिनों में उसके हॉटलाइन नंबरों पर करीब 600 कॉल्स आए। सरकार और दूतावास प्रभावित भारतीयों की राहत के लिए चीनी अथॉरिटीज से भी संपर्क में है। इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी ट्वीट कर बताया था कि पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास चीन में फंसे भारतीयों के स्वास्थ्य एवं उनकी जरूरतों पर नजर बनाए हुए है।

वुहान और आसपास के शहरों के विभिन्न विश्वविद्यालयों में करीब 700 भारतीय विद्यार्थियों के पढ़ने का अनुमान है। कहा जा रहा है कि ज्यादातर विद्यार्थी चीनी नववर्ष की छुट्टियां पड़ने पर वुहान एवं हुबेई प्रांत के दूसरे शहरों से निकल चुके हैं। जो वहां रह गए उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि करॉना वायरस के कारण वुहान समेत 13 शहरों से आवाजाही प्रतिबंधित कर दी जाएगी।

चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने कहा, 'हमें लगता है कि अब तक एक भी भारतीय नागरिक वायरस से संक्रमित नहीं हुए हैं और उन्हें भोजन-पानी की आपूर्ति हो रही है।' रविवार शाम तक चीन में करॉना वायरस के संक्रमण से 56 लोग मारे गए हैं और इसके संक्रमण के 2,008 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 23 लोग विदेशी हैं।

करॉना वायरस का पहला केस दिसंबर महीने में वुहान शहर में सामने आया था। चीन ने वुहान आने-जाने वाली सारी उड़ानें रद्द कर दी हैं। हुबेई प्रांत में 1,350 डॉक्टरों को भेजा गया है। हालांकि, चीन को दवाइयों, चिकित्सा औजारों और यहां तक कि डॉक्टरों के लिए ग्लोव्स तक की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

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