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Naftali Bennett: इजरायल में 12 साल बाद बेंजामिन नेतन्‍याहू के शासन का अंत, जानें कौन हैं प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट

Naftali Bennett Israel New Prime Minister: इजरायल की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत हो गई है। इजरायली संसद में हुए मतदान में बेंजामिन नेतन्‍याहू को हार का मुंह देखना पड़ा और उनके पूर्व सहयोगी रहे नफ्ताली बेनेट देश के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 14 Jun 2021, 8:31 am

हाइलाइट्स

  • नफ्ताली बेनेट के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही इजरायल में एक युग का अंत
  • इजरायल की दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के 49 वर्षीय नेता हैं नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट
  • पीएम ने ऐलान किया कि वह अलग-अलग विचार वाले लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे
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नवभारतटाइम्स.कॉम Naftali Bennett
नफ्ताली बेनेट इजरायल के नए पीएम बने
तेलअवीव
इजरायल की दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के 49 वर्षीय नेता नफ्ताली बेनेट के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही देश में एक युग का अंत हो गया है। करीब 12 साल तक इजरायल पर राज करने वाले बेंजामिन नेतन्‍याहू काफी मशक्‍कत के करने बाद भी अपनी सत्‍ता को नहीं बचा पाए। नफ्ताली बेनेट ने रविवार को इजरायल के प्रधानमंत्री पदभार संभाल लिया। पीएम नफ्ताली ने शपथ ग्रहण के बाद ऐलान किया कि वह देश में अलग-अलग विचार वाले लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। आइए जानते हैं कौन हैं नफ्ताली बेनेट और इजरायली राजनीति में कैसे हुआ इस उभरते सितारे का जन्‍म....
रविवार को इजरायल की 120 सदस्यीय संसद ‘नेसेट’ में 60 सदस्यों ने पक्ष में और 59 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया। इस दौरान एक सदस्य अनुपस्थित रहा। इस तरह बहुत कम बहुमत से नफ्ताली बेनेट इजरायल के प्रधानमंत्री बने हैं। माना जा रहा है कि इससे बेनेट सरकार की स्थिरता पर आगे खतरा अभी बना रहेगा। नयी सरकार में 27 मंत्री हैं जिनमें से नौ महिलाएं हैं। नयी सरकार के लिए अलग-अलग विचारधारा के दलों ने गठबंधन किया है। इनमें दक्षिणपंथी, वामपंथी, मध्यमार्गी के साथ अरब समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक पार्टी भी है। येश एतिद पार्टी के मिकी लेवी को संसद का स्पीकर चुना गया। उनके पक्ष में 67 सदस्यों ने मतदान किया।

नफ्ताली बेनेट के कमांडो से पीएम बनने का सफर

इजरायल के नए प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट डिफेंस फोर्सेज की एलीट कमांडो यूनिट सायरेत मटकल और मगलन के कमांडो रह चुके हैं। साल 2006 में उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद वह नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ बनाए गए। साल 2012 में नफ्ताली बेनेट द जुइश होम नाम की पार्टी पर संसद के लिए चुने गए। बाद में वे न्यू राइट और यामिना पार्टी से भी नेसेट के सदस्य बने। 2012 से 2020 के बीच नेफ्टाली 5 बार इजरायली संसद के सदस्य बन चुके हैं। 2019 से 2020 के बीच वह इजरायल के रक्षा मंत्री भी रहे हैं।

यहूदी धर्म को मानने वाले नफ्ताली बेनेट ने हाईटेक सेक्‍टर से करोड़ों रुपये कमाए हैं। वह तेलअवीव के एक उपनगरीय इलाके में रहते हैं। उन्‍होंने अपने पूर्व सहयोगी बेंजामिन नेतन्‍याहू को मात देने के लिए मध्‍यमार्गी और वामपंथी गुटों से हाथ मिलाया है। उनकी धुर राष्‍ट्रवादी पार्टी यामिना ने मार्च में हुए चुनाव में मात्र 7 सीटें जीती थीं। पिछले दो साल में इजरायल में यह चौथी बार मतदान हुआ था। सात सीटें जीतने के बाद भी वह किंगमेकर बनकर उभरे। वह भी तब जब खुद उनकी पार्टी के एक सदस्‍य ने इस गठबंधन का विरोध किया और अपने आपको इस गठबंधन से अलग कर लिया।

फलस्‍तीन की स्‍वतंत्रता के कट्टर विरोधी हैं इजरायली पीएम
नफ्ताली बेनेट इजरायल के धुर विरोधी फलस्‍तीन की स्‍वतंत्रता का जमकर विरोध करते रहे हैं। बेनेट ने पश्चिमी किनारे और पूर्वी यरुशल में यहूदियों की बस्तियों को बसाने का जोरदार समर्थन किया है। इसे फलस्‍तीनी और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय शांति की दिशा में सबसे बड़ी बाधा मानता रहा है। बेनेट ने इन बस्तियों को बसाने की योजना में देरी के नेतन्‍याहू के फैसले की कड़ी आलोचना की थी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के दबाव में नेतन्‍याहू ने यह फैसला किया था। इसी वजह से फलस्‍तीनी लोगों में बेनेट के रुख को लेकर आशंका बढ़ गई है।

बेनेट के साथ लंबे समय तक काम करने वाले योहानन प्‍लेस्‍नर ने कहा कि इजरायली पीएम दक्षिणपंथी नेता हैं और सुरक्षा को लेकर उनका सख्‍त रुख है लेकिन बहुत व्यावहारिक भी हैं। उन्‍होंने कहा कि बेनेट औरों का सहयोग लेकर खुद को राष्‍ट्रीय नेता बनाने की कोशिश करेंगे। उधर, नेतन्‍याहू के समर्थक उन्‍हें एक विश्‍वाघाती करार दे रहे हैं और कह रहे हैं कि बेनेट ने मतदाताओं के साथ विश्‍वासघात किया है। बेनेट के पास लेबनान के उग्रवादी गुट हिज्‍बुल्‍ला के खिलाफ जंग लड़ चुके हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक बेनेट इजरायली राजनीति की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। वह धार्मिक तो हैं लेकिन 'तपस्‍वी' नहीं।

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