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पूर्व गार्ड ने बताया, 'नरक से भी कई गुना बदतर हैं नॉर्थ कोरिया की जेलें'

नॉर्थ कोरिया के जेल शिविर में ड्यूटी करने वाली एक पूर्व पहरेदार ने यहां के बारे में दिल दहलाने वाले खुलासे किए हैं। उनके मुताबिक, यहां लाखों लोग बेहद अमानवीय स्थितियों में कैदी बनाकर रखे गए हैं। उन्हें सरेआम मार दिया जाता है और भूखा रखा जाता है। पुरुष गार्ड जब चाहें महिला कैदियों का रेप कर सकते हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 1 May 2017, 11:31 am
प्योंगयांग
नवभारतटाइम्स.कॉम north korea former guard reveals the horrible hell like condition at a prison camp
पूर्व गार्ड ने बताया, 'नरक से भी कई गुना बदतर हैं नॉर्थ कोरिया की जेलें'

उत्तर कोरिया को अगर आज की तारीख में दुनिया का सबसे रहस्यमय देश कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। नॉर्थ कोरिया के लोगों और उनके हालात को लेकर कोई साफ-साफ जानकारी नहीं है। हां, समय-समय पर हुई अलग-अलग घटनाओं से इतना जरूर जाहिर है कि तानाशाह किम जोंग उन बेहद क्रूर तानाशाह हैं और उत्तरी कोरिया की आम जनता बेहद गरीबी और अभाव में जीने को मजबूर है। अब नॉर्थ कोरिया के जेल शिविर में ड्यूटी करने वाली एक पूर्व महिला पहरेदार ने यहां के बारे में दिल दहलाने वाले खुलासे किए हैं। गार्ड के मुताबिक, उत्तरी कोरिया की जेलों और जेल शिविरों में हजारों की तादाद में बंदी कैद हैं। इनके साथ बेहद क्रूर और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। उन्हें मारा-पीटा जाता है, छोटी-छोटी बातों पर मार दिया जाता है और उनकी लाश को सड़ने के लिए खुले में फेंक दिया जाता है। इन कैदियों को भूखा रखा जाता है और महिला कैदियों के साथ जब चाहे तब बलात्कार किया जा सकता है।

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कैदियों का सिर काटना, जिंदा जलाना आम है
लिम हेइ जिन नाम की इस पूर्व गार्ड ने बताया कि उसने तानाशाह के राजनैतिक विरोधियों को अपनी आंखों के सामने जिंदा जलाए जाते हुए देखा है। जो भी कैदी भागने की कोशिश करता है, उसका सिर काट दिया जाता है और कई सारे लोगों को एक साथ गोली मार दी जाती है, ताकि बाकियों में खौफ पैदा हो। डेली मेल को दिए गए एक साक्षात्कार में लिम ने ये खौफनाक जानकारियां दीं। ली पहले कैदियों के ऐसे ही एक शिविर में गार्ड की नौकरी करती थीं। बाद में गैरकानूनी तौर पर प्रशिक्षण हासिल करने के अपराध में उन्हें कुछ समय के लिए सजा भी हुई। करीब 15 साल पहले लिम उत्तरी कोरिया से भागकर दक्षिणी कोरिया आ गई थीं। अब वह यहां राजधानी सोल में रहती हैं। उन्होंने बताया, 'हम पहरेदारों का ब्रेनवॉश कर दिया जाता था। हमें सिखाया जाता था कि कैदियों के साथ किसी तरह की सहानुभूति ना रखें। हमारे दिमाग में भरा जाता था कि उन्होंने गंभीर अपराध किए हैं और सजा के ही हकदार हैं। अब मुझे उन चीजों पर अफसोस होता है। मैं जानती हूं कि वे कैदी सामान्य लोग थे और इसके कारण मुझे अपराधबोध भी होता है।'

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कैदियों को इंसान नहीं समझा जाता, नरक
जैसे हालात

लिम ने एक घटना के बारे में बताते हुए कहा कि जेल में बंद दो भाई वहां से भागने में कामयाब हो गए, तो बदले के तौर पर उनके परिवार के सात सदस्यों को वहीं मार डाला गया। बाद में उन दोनों भाइयों को भी पकड़कर शिविर में लाया गया। बाकी कैदियों से उनपर पत्थर फिंकवाए गए और फिर उनका सिर काट दिया गया। लिम का कहना है कि बाकी कैदियों के मन में आतंक भरने के लिए ऐसा किया गया। एक घटना के बारे में बताते हुए लिम ने कहा कि एक बार कोयले के खदान में धमाका हुआ और अंदर काम करने वाले करीब 300 लोग एकसाथ मारे गए। फिर जब बाकी बचे कैदी बाहर आने की कोशिश करने लगे, तो गार्ड्स ने गेट बंद कर दिया। पहरेदार नहीं चाहते थे कि गैस खदान से बाहर आए और इसीलिए उन्होंने बचे हुए कैदियों को भी खदान के अंदर मरने के लिए बंद कर दिया।

गार्ड ने महिला कैदी को नंगा किया और फिर जिंदा जलाया
लिम ने एक और घटना को याद करते हुए बताया कि एक बार उन्होंने गार्ड्स द्वारा एक महिला को नंगा किए जाने और फिर उसे जिंदा जलाए जाते हुए देखा था। लिम के मुताबिक, कैदियों को सुबह 5 बजे जगाकर उनसे लगातार 16 घंटे तक काम कराया जाता है। ठंड, भूख और बीमारी के कारण जो लोग मर जाते हैं, उनकी लाश को वहीं सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। कैदियों को नाममात्र का खाना दिया जाता है और वे हमेशा खौफ में जीते हैं।

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पुरुष गार्ड जब चाहे रेप करते हैं, तड़पाकर अपना मनोरंजन करते हैं
लिम ने डेली मेल को बताया कि शिविर और जेल में कैदियों पर नजर रखने और पहरेदारी के लिए नियुक्त किए गए गार्ड्स बंदियों को इंसान नहीं, बल्कि जानवर समझते हैं। पुरुष पहरेदार जब चाहे तब महिला कैदियों के साथ बलात्कार करते हैं और उन्हें कोई सजा नहीं दी जाती है। माना जाता है कि इन शिविरों में करीब 2 लाख कैदी बंद हैं। इसके अलावा 'री-एजुकेशन' नाम के शिविरों में भी हजारों कैदियों को बंद रखा गया है। इन सबके साथ काफी बर्बरता की जाती है। लिम ने बताया कि छोटी-छोटी बातों पर लोगों को पकड़कर बंदी बना लिया जाता है। तानाशाह की तस्वीर पर धूल जमी होना, किसी प्रार्थना सभा में शामिल होना और इस तरह की बेहद मामूली बातों पर भी लोगों के साथ बेहद अमानवीय सलूक किया जाता है। ड्यूटी पर तैनात पहरेदार अपने मनोरंजन के लिए कैदियों को तड़पाते हैं। लिम ने उत्तरी कोरिया के अंदरूनी हालातों की जो तस्वीर पेश की है, वह किसी जिंदा नरक से कम नहीं है।

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