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बिप्लब देब के बाद राम माधव का ट्वीट, 'श्रीलंका BJP' ने दी सफाई- 'भारत से मदद लेंगे तो बताएंगे'

Sri Lanka BJP: श्रीलंका में बीजेपी के विस्तार की चर्चा के कई हफ्तों बाद वहां की 'श्रीलंका भारतीय जनता पार्टी' चर्चा में आ गई है। इस पर पार्टी ने सफाई जारी की है कि बीजेपी से उसका संबंध नहीं है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 7 Mar 2021, 12:05 pm

हाइलाइट्स

  • राम माधव ने ट्वीट की 'श्रीलंका BJP' नेता की तस्वीर
  • त्रिपुरा CM बिप्लब देब ने पहले किया था दावा
  • बीजेपी का प्लान, नेपाल-श्रीलंका में हो विस्तार
  • श्रीलंका BJP नेता की सफाई, दोनों में संबंध नहीं
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नवभारतटाइम्स.कॉम श्रीलंका बीजेपी
श्रीलंका बीजेपी
कोलंबो
पिछले महीने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने दावा कर कर दिया था कि भारतीय जनता पार्टी तो नेपाल और श्रीलंका में भी सरकार बना सकती है। इस पर बिप्लब के साथ-साथ बीजेपी की भी किरकिरी हुई थी और फौरन श्रीलंका के चुनाव आयोग ने सफाई दी थी कि ऐसा मुमकिन नहीं। अब वाकई में 'श्रीलंका की भारतीय जनता पार्टी' चर्चा में आ गई है।
राम माधव ने किया ट्वीट
दरअसल, बीजेपी नेता राम माधव ने एक ट्वीट किया जिसमें श्रीलंका के न्यूज चैनल का स्क्रीनशॉट लगा था। इसमें दिख रहे नेता का परिचय वी मुत्थुस्वामी, नेता 'श्रीलंका भारतीय जनता पार्टी' के तौर पर दिया गया था। इसके बाद सबको बिप्लब का बयान याद आ गया। दरअसल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देब ने बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विजन के बारे में बताते हुए कहा था कि वह बीजेपी का श्रीलंका और नेपाल में भी विस्तार करना चाहते हैं।


पार्टी ने दी सफाई
हालांकि, जिस चैनल न्यूज 1 का स्क्रीनशॉट राम माधव ने शेयर किया है, उसने मुत्थुस्वामी के हवाले से दावा किया है कि इस BJP का भारतीय BJP से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा है, 'अगर भारत हमारी मदद करेगा तो हम मीडिया को बताएंगे।' उन्होंने कहा कि पार्टी का मकसद सरकार के साथ मिलकर शिक्षा और खेल के स्तर को बेहतर करना है।

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चुनाव आयोग ने किया था साफ
इससे पहले देब के बयान के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था जिसके बाद श्रीलंका के चुनाव आयोग के प्रमुख निमल पंचीवा ने खुद आगे आकर इस तरह की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'श्रीलंका का कोई भी राजनीतिक दल विदेश में किसी भी दल अथवा समूह से संबंध रख सकता है लेकिन हमारा चुनाव कानून किसी अन्य विदेशी दल को श्रीलंका में काम करने की अनुमति नहीं देता।'

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