काबुल: पाकिस्तान और तालिबान के बीच इन दिनों तनाव चरम पर है। दोनों पक्ष सीमा विवाद, आतंकवाद और संप्रभुता के नाम पर एक दूसरे से भिड़े हुए हैं। इस बीच तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी है। तालिबान के जनरल अब्दुल बसीर शेरजादी ने एक वीडियो जारी कर पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। शेरजादी ने अफगानिस्तान का इतिहास बताते हुए कहा कि हम इसकी रक्षा करना जानते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि हर अफगान पाकिस्तान से नफरत करता है। इससे पहले तालिबान के कमांडर जनरल मुजीब ने भी पाकिस्तान पर जमकर जुबानी हमला किया था। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि पाकिस्तान को कायदे आजम जिन्ना का नाम बदलना चाहिए जो नशे में अंग्रेज थे। सिर्फ पैगंबर मोहम्मद ही कायद-ए-आजम हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद है जबकि वहां इस्लामिक कुछ भी नहीं है। तालिबान इन दिनों पाकिस्तान और अमेरिका की नजदीकियों पर भी भड़का हुआ है। तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ अपने एयरस्पेस के इस्तेमाल को लेकर समझौता किया है। जनरल अब्दुल बसीर शेरजादी ने वीडियो में क्या कहा?
तालिबानी जनरल अब्दुल बसीर शेरजादी ने अपने वीडियो में कहा कि अफगानिस्तान का 5000 साल का इतिहास है और हम इसकी रक्षा करना जानते हैं। हर अफगान पाकिस्तान से नफरत करता है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप हम पर हमला करते हैं, तो हमारे आत्मघाती हमलावर आपसे लड़ने के लिए तैयार हैं। हमारे पास हजारों आत्मघाती हमलावर हैं जो आपके घरों को नष्ट कर देंगे। हम इस्लामाबाद को अपनी दूसरी राजधानी बनाएंगे। शेरजादी ने यह भी कहा कि आप सांप को चूम नहीं कर सकते, क्योंकि सांप अंत में आपको काटेगा।
तालिबान ने पहले भी दी थी पाकिस्तान को धमकी
तालिबान का जनरल मुजीब अफगानिस्तान में टेलीविजन का जाना माना चेहरा है। उसे अक्सर टीवी डिबेट में तालिबान का पक्ष रखते हुए देखा गया है। उन्होंने कुछ दिनों पहले एक टीवी डिबेट में कहा था कि पाकिस्तान जानबूझकर सीमा पार से हमारे फलों के निर्यात में देरी करता है। अल्लाह का शुक्र है कि हमें अब कराची या ग्वादर बंदरगाह की जरूरत नहीं पड़ेगी। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने चाबहार बंदरगाह का उपयोग करने के लिए ईरान के साथ समझौता किया है। पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान को नुकसान पहुंचाता है, चाहे कोई भी सत्ता में हो।
डूरंड लाइन को लेकर पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तनाव
अफगानिस्तान शुरू से ही दोनों देशों के बीच मौजूद सीमा रेखा डूरंड लाइन को नहीं मानता है। तालिबान भी डूरंड लाइन को आधिकारिक सीमा रेखा मानने से इनकार करता है। अफगान पक्ष का मानना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान उनका हिस्सा है। हालांकि, पाकिस्तान इस दावे को मानने के लिए तैयार नहीं है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान डूरंड लाइन पर बाड़बंदी भी कर रहा है, जिसे लेकर तालिबान से कई बार झड़प भी हो चुकी है।
अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमलों से भी भड़का है तालिबान
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुई सीक्रेट डील पर भी तालिबान भड़का हुआ है। तालिबान सरकार में रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने तो खुलकर पाकिस्तान का नाम लेते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि हमें पता है कि अमेरिकी ड्रोन कहां से आ रहे हैं। अमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमला कर अल कायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया था। इसके अलावा टीटीपी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में भी पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के अंदर घुसकर हमला कर रही है।
तालिबानी जनरल अब्दुल बसीर शेरजादी ने अपने वीडियो में कहा कि अफगानिस्तान का 5000 साल का इतिहास है और हम इसकी रक्षा करना जानते हैं। हर अफगान पाकिस्तान से नफरत करता है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप हम पर हमला करते हैं, तो हमारे आत्मघाती हमलावर आपसे लड़ने के लिए तैयार हैं। हमारे पास हजारों आत्मघाती हमलावर हैं जो आपके घरों को नष्ट कर देंगे। हम इस्लामाबाद को अपनी दूसरी राजधानी बनाएंगे। शेरजादी ने यह भी कहा कि आप सांप को चूम नहीं कर सकते, क्योंकि सांप अंत में आपको काटेगा।
तालिबान ने पहले भी दी थी पाकिस्तान को धमकी
तालिबान का जनरल मुजीब अफगानिस्तान में टेलीविजन का जाना माना चेहरा है। उसे अक्सर टीवी डिबेट में तालिबान का पक्ष रखते हुए देखा गया है। उन्होंने कुछ दिनों पहले एक टीवी डिबेट में कहा था कि पाकिस्तान जानबूझकर सीमा पार से हमारे फलों के निर्यात में देरी करता है। अल्लाह का शुक्र है कि हमें अब कराची या ग्वादर बंदरगाह की जरूरत नहीं पड़ेगी। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने चाबहार बंदरगाह का उपयोग करने के लिए ईरान के साथ समझौता किया है। पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान को नुकसान पहुंचाता है, चाहे कोई भी सत्ता में हो।
डूरंड लाइन को लेकर पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तनाव
अफगानिस्तान शुरू से ही दोनों देशों के बीच मौजूद सीमा रेखा डूरंड लाइन को नहीं मानता है। तालिबान भी डूरंड लाइन को आधिकारिक सीमा रेखा मानने से इनकार करता है। अफगान पक्ष का मानना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान उनका हिस्सा है। हालांकि, पाकिस्तान इस दावे को मानने के लिए तैयार नहीं है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान डूरंड लाइन पर बाड़बंदी भी कर रहा है, जिसे लेकर तालिबान से कई बार झड़प भी हो चुकी है।
अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमलों से भी भड़का है तालिबान
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुई सीक्रेट डील पर भी तालिबान भड़का हुआ है। तालिबान सरकार में रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने तो खुलकर पाकिस्तान का नाम लेते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि हमें पता है कि अमेरिकी ड्रोन कहां से आ रहे हैं। अमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमला कर अल कायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया था। इसके अलावा टीटीपी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में भी पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के अंदर घुसकर हमला कर रही है।