काबुल
अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के आंतरिक मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी ने तालिबान के आत्मघाती हमलावरों के परिवारों से मुलाकात की है। इन हमलावरों ने तालिबान के लिए अलग-अलग हमलों को अंजाम देते समय खुद को विस्फोटकों से उड़ा लिया था। काबुल के इंटरकांटिनेंटल होटल में मुलाकात के दौरान सिराजुद्दीन हक्कानी ने इन आत्मघाती हमलावरों को इस्लाम और देश का हीरो करार दिया है।
तालिबान ने सिराजुद्दीन के चेहरे को छिपाया
तालिबान के आंतरिक मंत्रालय ने होटल में आत्मघाती हमलावरों के परिजनों से मिलते हुए सिराजुद्दीन हक्कानी की तस्वीरें जारी की है। सभी तस्वीरों में सिराजुद्दीन हक्कानी के चेहरे को ब्लर किया गया है। अपने भाषण के दौरान सिराजुद्दीन हक्कानी ने इन आत्मघाती हमलावरों के कथित जिहाद और बलिदान की तारीफ की।
सिराजुद्दीन ने आत्मघाती हमलावरों को देश का हीरो बताया
सिराजुद्दीन हक्कानी ने फिदायीन हमलावरों को देश का और इस्लाम का हीरो करार दिया। इन हमलावरों को शहीद बताते हुए सिराजुद्दीन ने कहा कि हमें इनकी आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात करने से बचना चाहिए। उसने मारे गए आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को 10000 अफगानी रुपया और कपड़े भी दिए। हक्कानी ने ऐलान किया कि सभी आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को जमीन भी दी जाएगी।
कौन है सिराजुद्दीन हक्कानी?
सिराजुद्दीन हक्कानी दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में से एक हक्कानी नेटवर्क का सरगना है। उसे तालिबान का नई सरकार में अफगानिस्तान का आंतरिक मंत्री बनाया गया है। यह पद किसी दूसरे देश के गृह मंत्री के बराबर माना जाता है। सिराजुद्दीन मुजाहिदीन कमांडर जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। हक्कानी समूह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान की वित्तीय और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है।
अमेरिका का मोस्ट वॉन्टेड है सिराजुद्दीन हक्कानी
अमेरिका ने सिराजुद्दीन को मोस्ट वॉन्टेड घोषित कर रखा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हक्कानी ने ही अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। उसने तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या का प्रयास भी किया था। इसके अलावा हक्कानी नेटवर्क ने भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला भी किया था। माना जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी का उम्र 40 से 50 के बीच में है।
काबुल में हर तरफ हक्कानी का शासन
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी चाल चल रही है। हक्कानी नेटवर्क में जादरान जनजाति का प्रभुत्व है और इस जनजाति के लड़ाकों का काबुल-जलालाबाद से लेकर खैबर सीमा तक नियंत्रण है। हक्कानी ब्रदर्स के नेतृत्व में काबुल की सड़कों पर कम से कम 6,000 भारी हथियारों से लैस आतंकी गश्त लगा रहे हैं।
अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के आंतरिक मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी ने तालिबान के आत्मघाती हमलावरों के परिवारों से मुलाकात की है। इन हमलावरों ने तालिबान के लिए अलग-अलग हमलों को अंजाम देते समय खुद को विस्फोटकों से उड़ा लिया था। काबुल के इंटरकांटिनेंटल होटल में मुलाकात के दौरान सिराजुद्दीन हक्कानी ने इन आत्मघाती हमलावरों को इस्लाम और देश का हीरो करार दिया है।
तालिबान ने सिराजुद्दीन के चेहरे को छिपाया
तालिबान के आंतरिक मंत्रालय ने होटल में आत्मघाती हमलावरों के परिजनों से मिलते हुए सिराजुद्दीन हक्कानी की तस्वीरें जारी की है। सभी तस्वीरों में सिराजुद्दीन हक्कानी के चेहरे को ब्लर किया गया है। अपने भाषण के दौरान सिराजुद्दीन हक्कानी ने इन आत्मघाती हमलावरों के कथित जिहाद और बलिदान की तारीफ की।
सिराजुद्दीन ने आत्मघाती हमलावरों को देश का हीरो बताया
सिराजुद्दीन हक्कानी ने फिदायीन हमलावरों को देश का और इस्लाम का हीरो करार दिया। इन हमलावरों को शहीद बताते हुए सिराजुद्दीन ने कहा कि हमें इनकी आकांक्षाओं के साथ विश्वासघात करने से बचना चाहिए। उसने मारे गए आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को 10000 अफगानी रुपया और कपड़े भी दिए। हक्कानी ने ऐलान किया कि सभी आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को जमीन भी दी जाएगी।
कौन है सिराजुद्दीन हक्कानी?
सिराजुद्दीन हक्कानी दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में से एक हक्कानी नेटवर्क का सरगना है। उसे तालिबान का नई सरकार में अफगानिस्तान का आंतरिक मंत्री बनाया गया है। यह पद किसी दूसरे देश के गृह मंत्री के बराबर माना जाता है। सिराजुद्दीन मुजाहिदीन कमांडर जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। हक्कानी समूह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान की वित्तीय और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है।
अमेरिका का मोस्ट वॉन्टेड है सिराजुद्दीन हक्कानी
अमेरिका ने सिराजुद्दीन को मोस्ट वॉन्टेड घोषित कर रखा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हक्कानी ने ही अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। उसने तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या का प्रयास भी किया था। इसके अलावा हक्कानी नेटवर्क ने भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला भी किया था। माना जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी का उम्र 40 से 50 के बीच में है।
काबुल में हर तरफ हक्कानी का शासन
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी चाल चल रही है। हक्कानी नेटवर्क में जादरान जनजाति का प्रभुत्व है और इस जनजाति के लड़ाकों का काबुल-जलालाबाद से लेकर खैबर सीमा तक नियंत्रण है। हक्कानी ब्रदर्स के नेतृत्व में काबुल की सड़कों पर कम से कम 6,000 भारी हथियारों से लैस आतंकी गश्त लगा रहे हैं।