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Coronavirus Vaccine पर अच्छी खबर, भारतीय वेरियंट के खिलाफ बुजुर्गों में बढ़ रही है सुरक्षा, अब आगे क्या?

Coronavirus Vaccine on Indian Variant: जॉन का कहना है कि वैक्सीनें मजबूत स्थिति में खड़ा करती हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि क्या बिना वैक्सीन हुए लोगों में मामले ज्यादा रहते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की कितनी जरूरत पड़ती है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 15 May 2021, 11:36 am
भारत में फैल रहे कोरोना वायरस वेरियंट B.1.617.2 के खिलाफ वैक्सीनें कितनी कारगर हैं? यह सवाल वैक्सीन लगवाने से पहले कई लोगों के मन में आया होगा। खासकर इसलिए क्योंकि कई तरह के म्यूटेशन से पहले वाले कोरोना वायरस पर असर दिखाने वाली वैक्सीनें ही अभी लगाई जा रही हैं। फाइनैंशल टाइम्स की एक रिपोर्ट की मानें तो वैक्सीन का असर हो रहा है। खासकर वैक्सीन लगवा चुके बुजुर्गों में अब नए वेरियंट से संक्रमण के मामले कम हैं और बढ़ते भी नहीं दिख रहे हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम coronavirus vaccine gives protection to elderly people from new indian variant
Coronavirus Vaccine पर अच्छी खबर, भारतीय वेरियंट के खिलाफ बुजुर्गों में बढ़ रही है सुरक्षा, अब आगे क्या?


बुजुर्गों में दिखा असर

फाइनैंशल टाइम्स के लिए जॉन बर्न मर्डॉक ने जो डेटा शेयर किया है, उसके मुताबिक उम्र के आधार पर संक्रमण के मामलों और मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसमें खास पैटर्न नहीं दिखता है लेकिन इससे वैक्सीन के असर की ओर इशारा जरूर मिलता है। उनके मुताबिक वैक्सीन लगवाने वाले बुजुर्गों में संक्रमण के मामले और मौतों का प्रतिशत गिर रहा है। वहीं, ब्रिटेन के बोल्टन और ब्लैकबर्न में जहां ये वेरियंट देखा गया है, वहां भी युवाओं में इसके मामले ज्यादा हैं।

भारत में वैक्सीन का कैसा असर?

ब्रिटेन में भारतीय वेरियंट का असर

जॉन ने नए वेरियंट के ज्यादा संक्रामक होने पर कुछ पुख्ता नहीं कहा है लेकिन बोल्टन में हर दिन मामले 20 से बढ़कर 150 होने को उन्होंने 'कुछ अलग' होने की ओर इशारा बताया है। उनका कहना है कि यहां B.1.617.2 के मामले बढ़े हैं और दूसरे वेरियंट्स के कम हुए हैं। उनका कहना है कि संख्या अभी कम है लेकिन ट्रेंड पर नजर रखनी होगी। उनका कहना है कि संक्रामकता पर डेटा जरूर सामने आएगा लेकिन तब तक वैक्सिनेशन तेज करना ही सही कदम है और दूसरे तरीकों पर भी नजर डालनी होगी।

मजबूती देती है वैक्सीन

जॉन का कहना है कि वैक्सीनें मजबूत स्थिति में खड़ा करती हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि क्या बिना वैक्सीन हुए लोगों में मामले ज्यादा रहते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की कितनी जरूरत पड़ती है। उन्होंने अपने पिछले दावे को दोहराया है कि वैक्सिनेशन से तस्वीर बदली है। वैक्सीन लगवा चुके लोगों को अगर इन्फेक्शन होता भी है, तो गंभीर नहीं होता। यही बात B.1.617.2 के मामलों में भी लागू होती है।

फिलहाल दिखी कमी

भारत के मौजूदा हालात की बात करें तो देश के कई राज्यों में कोरोना के केस कम हुए हैं जिसका असर मई के महीने में दिख रहा है। मई महीने में पहली बार शुक्रवार को सबसे कम कोरोना के 3 लाख 26 हजार 98 केस आए। इससे पहले 10 मई को 3 लाख 29 हजार कोरोना के मामले सामने आए थे। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी समेत दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले कम हुए हैं जिसका असर देखने को मिल रहा है। यह राहत की खबर है। शुक्रवार 3,26,098 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,43,72,907 हुई। 3,890 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,66,207 हो गई है।

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