लंदन
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय सेना कश्मीर से हटती है तो अफगानिस्तान की तरह से कश्मीर में इस्लामिक ताकतें लोकतंत्र का खात्मा कर देंगी। ब्रितानी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में कश्मीर पर चर्चा के दौरान बॉब ने कहा कि हमने देखा है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय सेना हटती है तो जम्मू-कश्मीर के लोगों का दुख कुछ उसी तरह से हो जाएगा जैसे अफगानिस्तान में इस्लामिक ताकतों के आने और वहां पर लोकतंत्र के खात्मे से हुआ है। हाउस ऑफ कॉमन्स में ब्रिटेन के सांसद डेब्बी अब्राहम और पाकिस्तानी मूल की सांसद यास्मिन कुरैशी ने कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक चर्चा को शुरू किया था। इस दौरान सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि यह केवल भारतीय सेना और उसकी मजबूती है जिसने जम्मू-कश्मीर को तालिबान के कब्जे वाला अफगानिस्तान बनने से रोका है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का कानूनी और आधिकारिक रूप से अभिन्न हिस्सा है।
भारत ने प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई
दरअसल, ब्रिटेन में सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए ‘कश्मीर में मानवाधिकारों’ पर एक प्रस्ताव रखा है। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। ब्रिटेन में कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप’ (एपीपीजी) के सांसदों ने यह प्रस्ताव रखा है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में एशिया की मंत्री अमांडा मिलिंग ने गुरुवार को चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर कश्मीर पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई परिवर्तन न आने की बात दोहरायी।
मिलिंग ने कहा, ‘सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है लेकिन भारत और पाकिस्तान को ही कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशना होगा। ब्रिटेन का जिम्मा इसका कोई समाधान देना या मध्यस्थ के तौर पर काम करने का नहीं है।’ भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया।
गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों पर करारा जवाब
भारतीय अधिकारी ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारतीय उच्चायोग इस पर दुख जताता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए आज एक साथी लोकतांत्रिक देश की संस्था का दुरुपयोग किया गया। जैसा कि पहले भी कहा गया है तो भारतीय उच्चायोग यह दोहराता है कि भारत के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर कोई भी दावा करते हुए उसे पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है।’
इस चर्चा में पक्ष और विपक्ष के 20 से अधिक सांसदों ने भाग लिया। लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी शिविरों को पनाह देता है। उन्होंने कहा, ‘इतने वर्षों में पाकिस्तान ने तालिबानी नेताओं को पनाह दी तथा उनकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें तथा अन्य आतंकवादी संगठनों को अन्य तरीकों से सहयोग दिया।’
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय सेना कश्मीर से हटती है तो अफगानिस्तान की तरह से कश्मीर में इस्लामिक ताकतें लोकतंत्र का खात्मा कर देंगी। ब्रितानी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में कश्मीर पर चर्चा के दौरान बॉब ने कहा कि हमने देखा है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय सेना हटती है तो जम्मू-कश्मीर के लोगों का दुख कुछ उसी तरह से हो जाएगा जैसे अफगानिस्तान में इस्लामिक ताकतों के आने और वहां पर लोकतंत्र के खात्मे से हुआ है।
भारत ने प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई
दरअसल, ब्रिटेन में सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा के लिए ‘कश्मीर में मानवाधिकारों’ पर एक प्रस्ताव रखा है। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। ब्रिटेन में कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप’ (एपीपीजी) के सांसदों ने यह प्रस्ताव रखा है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में एशिया की मंत्री अमांडा मिलिंग ने गुरुवार को चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर कश्मीर पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई परिवर्तन न आने की बात दोहरायी।
मिलिंग ने कहा, ‘सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है लेकिन भारत और पाकिस्तान को ही कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशना होगा। ब्रिटेन का जिम्मा इसका कोई समाधान देना या मध्यस्थ के तौर पर काम करने का नहीं है।’ भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी है। लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया।
गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों पर करारा जवाब
भारतीय अधिकारी ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर शाह की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारतीय उच्चायोग इस पर दुख जताता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए आज एक साथी लोकतांत्रिक देश की संस्था का दुरुपयोग किया गया। जैसा कि पहले भी कहा गया है तो भारतीय उच्चायोग यह दोहराता है कि भारत के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर कोई भी दावा करते हुए उसे पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है।’
इस चर्चा में पक्ष और विपक्ष के 20 से अधिक सांसदों ने भाग लिया। लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी शिविरों को पनाह देता है। उन्होंने कहा, ‘इतने वर्षों में पाकिस्तान ने तालिबानी नेताओं को पनाह दी तथा उनकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें तथा अन्य आतंकवादी संगठनों को अन्य तरीकों से सहयोग दिया।’