बीजिंग: चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में झाओ लिजियान से देश की जीरो कोविड नीति पर सवाल पूछा गया था। लिजियान इस सवाल का जवाब नहीं दे सके और करीब एक मिनट तक उन्होंने चुप्पी साध ली थी। चीन में जीरो कोविड नीति की वजह से सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है और कड़े नियम लागू हैं। इसकी वजह से देश में बीजिंग, शंघाई और ऐसे कई बड़े शहरों में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों के बीच ही जब विदेश मंत्रालय की रूटीन प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो झाओ लिजियान से सवाल पूछा गया और उनके पास इसका कोई सही जवाब नहीं था। उन्होंने बल्कि कहा कि देश में कोई भी गुस्सा जीरो कोविड नीति को लेकर नहीं है। जिस तरह से करीब एक मिनट तक लिजियान खामोश रहे, उसकी वजह से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जवाब नहीं दे पाए लिजियान
लिजियान से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के रिपोर्टर ने सवाल पूछा था। यह सवाल कुछ इस तरह से था, 'जीरो कोविड नीति को लेकर चीन में बड़े पैमाने पर गुस्सा और निराशा नजर आ रहा है। ऐसे में क्या चीन इसे खत्म करने के बारे में सोच रहा है?' यह सवाल लिजियान को परेशान कर गया और वह नीचे देखकर कुछ पेपर पलटने लगे। करीब 20 सेकेंड्स के बाद लिजियान ने रिपोर्टर से कहा कि वह अपना सवाल फिर से पूछें। सवाल फिर से पूछा गया और एक बार फिर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कुछ सेकेंड्स के लिए खामोश हो गए।
झाओ लिजियान ने इसके बाद जवाब दिया, 'आपने जो कुछ भी कहा वह यह नही बताता है कि क्या हुआ है?' चीन में पिछले कुछ समय ये लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगहों पर सररकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सत्ता छोड़ने की मांग की जा रही है। कई जगहों पर बैरीकेड्स लगा दिए गए हैं और प्रदर्शनकारी छात्रों से घर लौट जाने के लिए कहा गया है।
दी जाएगी नियमों में ढील
सख्त जीरो कोविड नीति के खिलाफ असाधारण स्तर पर प्रदर्शन के बीच चीन ने हालांकि मंगलवार को कहा था कि वह कोरोना वायरस लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाएगा। शंघाई और बीजिंग सहित चीन के कई शहरों में पिछले कुछ दिनों में लॉकडाउन के कड़े नियमों के खिलाफ प्रदर्शन गंभीर होने के साथ शी के पद छोड़ने की मांग की जाने लगी।
प्रदर्शन बढ़ने के साथ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी और अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारियों के घर भी पहुंची। लिजियान ने कहा था कि कि चीन बदलती परिस्थितियों के आधार परजीरो-कोविड नीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार लोगों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए विज्ञान आधारित अधिकतम सुरक्षा में सुधार करती रहेगी।
क्या है जीरो कोविड पॉलिसी
साल 2020 में कोविड ने दुनिया के कई देशों को शिकार बनाना शुरू कर दिया। उस समय चीन पर लापरवाही बरतने और वुहान को लॉक न करने के आरोप लगे। उसी समय खुद को और ज्यादा शर्मिंदगी से बचाने के लिए जिनपिंग ने जीरो कोविड नीति लॉन्च की थी। इस नीति के तहत बड़े पैमाने पर टेस्टिंग होती है, कड़े आइसोलेशन नियम लगाए जाते हैं, यात्रा पर प्रतिबंध लग जाते हैं और लोकल लॉकडाउन तक लगाया जाता है। चीन का मानना है कि जब तक कोविड का एक भी केस रहेगा, यह नीति लागू रहेगी। जिनपिंग सरकार की मानें तो यह पॉलिसी पूरी तरह से विज्ञान के नियमों पर आधारित है।
लिजियान से न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के रिपोर्टर ने सवाल पूछा था। यह सवाल कुछ इस तरह से था, 'जीरो कोविड नीति को लेकर चीन में बड़े पैमाने पर गुस्सा और निराशा नजर आ रहा है। ऐसे में क्या चीन इसे खत्म करने के बारे में सोच रहा है?' यह सवाल लिजियान को परेशान कर गया और वह नीचे देखकर कुछ पेपर पलटने लगे। करीब 20 सेकेंड्स के बाद लिजियान ने रिपोर्टर से कहा कि वह अपना सवाल फिर से पूछें। सवाल फिर से पूछा गया और एक बार फिर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कुछ सेकेंड्स के लिए खामोश हो गए।
झाओ लिजियान ने इसके बाद जवाब दिया, 'आपने जो कुछ भी कहा वह यह नही बताता है कि क्या हुआ है?' चीन में पिछले कुछ समय ये लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगहों पर सररकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सत्ता छोड़ने की मांग की जा रही है। कई जगहों पर बैरीकेड्स लगा दिए गए हैं और प्रदर्शनकारी छात्रों से घर लौट जाने के लिए कहा गया है।
दी जाएगी नियमों में ढील
सख्त जीरो कोविड नीति के खिलाफ असाधारण स्तर पर प्रदर्शन के बीच चीन ने हालांकि मंगलवार को कहा था कि वह कोरोना वायरस लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाएगा। शंघाई और बीजिंग सहित चीन के कई शहरों में पिछले कुछ दिनों में लॉकडाउन के कड़े नियमों के खिलाफ प्रदर्शन गंभीर होने के साथ शी के पद छोड़ने की मांग की जाने लगी।
प्रदर्शन बढ़ने के साथ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी और अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारियों के घर भी पहुंची। लिजियान ने कहा था कि कि चीन बदलती परिस्थितियों के आधार परजीरो-कोविड नीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार लोगों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए विज्ञान आधारित अधिकतम सुरक्षा में सुधार करती रहेगी।
क्या है जीरो कोविड पॉलिसी
साल 2020 में कोविड ने दुनिया के कई देशों को शिकार बनाना शुरू कर दिया। उस समय चीन पर लापरवाही बरतने और वुहान को लॉक न करने के आरोप लगे। उसी समय खुद को और ज्यादा शर्मिंदगी से बचाने के लिए जिनपिंग ने जीरो कोविड नीति लॉन्च की थी। इस नीति के तहत बड़े पैमाने पर टेस्टिंग होती है, कड़े आइसोलेशन नियम लगाए जाते हैं, यात्रा पर प्रतिबंध लग जाते हैं और लोकल लॉकडाउन तक लगाया जाता है। चीन का मानना है कि जब तक कोविड का एक भी केस रहेगा, यह नीति लागू रहेगी। जिनपिंग सरकार की मानें तो यह पॉलिसी पूरी तरह से विज्ञान के नियमों पर आधारित है।