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Cheetah In India: चीतों की राजधानी से भारत आ रहा दुनिया का सबसे तेज जानवर, नामीबिया की डेप्युटी PM बोलीं- उम्मीद है इंडिया इनका ख्याल रखेगा

Namibian Cheetahs in India : फिलहाल दुनिया में चीते की मौजूदगी दक्षिणी अफ्रीकी देश जैसे दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना और जिम्बाब्वे में है, जहां वे प्राकृतिक माहौल में रहते हैं। उन्हें लाते समय यह देखा गया कि ये चीते दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह के माहौल में रहते हैं, वैसा ही माहौल उन्हें यहां दिया जाए।

Curated byयोगेश मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 21 Jul 2022, 3:36 pm
विंडहॉक : भारत और नामीबिया के बीच बुधवार को चीता रिलोकेशन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के तहत भारत को नामीबिया से एक दर्जन चीते मिलने की उम्मीद है। यह इतनी बड़ी संख्या में मांसाहारी जानवरों के अंतरमहाद्वीपीय ट्रांसफर के लिए दुनिया का पहला समझौता है। नामीबिया की उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नेटुम्बो नंदी नदैतवा ने कहा कि भारत ने चीतों के स्थानांतरण की सभी जरूरतों को पूरा कर लिया है जिनका उनकी सरकार कड़ाई से पालन करती है।
नवभारतटाइम्स.कॉम cheetah
प्रतीकात्मक फोटो


एक भारतीय न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए भावुक नदैतवा ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने सभी जरूरतों को पूरा कर लिया है जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि हम उन चीतों को निर्यात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम आशा करते हैं कि भारतीय इन जानवरों की अच्छे से देखभाल करेंगे। ये हमें बहुत प्यारे हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि नामीबिया 'चीतों की राजधानी' है।' चीतों को 15 अगस्त से पहले एक विशेष उड़ान से भारत लाया जाएगा और मध्य प्रदेश के कुनो वन्यजीव अभयारण्य में रखा जाएगा।
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अफ्रीकी देशों में है चीते की मौजूदगी
फिलहाल दुनिया में चीतों की मौजूदगी दक्षिणी अफ्रीकी देश जैसे दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना और जिम्बाब्वे में है, जहां वे प्राकृतिक माहौल में रहते हैं। उन्हें लाते समय यह देखा गया कि ये चीते दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह के माहौल में रहते हैं, वैसा ही माहौल उन्हें यहां दिया जाए। इसी को ध्यान में रखते पाया गया कि भारत का कूनो नेशनल पार्क उनके प्राकृतिक रिहाइश के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल है।

113 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षमचीतों को बसाने के पीछे मकसद सिर्फ एक लुप्त प्रजाति को लाना भर नहीं है, बल्कि इसके जरिए भारत सरकार की कोशिश जैव विविधता के लिहाज से पर्यावरणीय संतुलन को विकसित करना भी है। नामीबिया के साथ करार के बाद 70 साल में पहली बार भारत चीतों का घर बनेगा। 1952 में भारत की स्वदेशी आबादी को आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित किए जाने के दशकों बाद इनकी वापसी हो रही है। चीता दुनिया का सबसे तेज जानवर होता है जो 113 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।
लेखक के बारे में
योगेश मिश्रा
योगेश नवभारत टाइम्स डिजिटल में पत्रकार हैं और अंतरराष्ट्रीय खबरें आप तक पहुंचाते हैं। इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआती पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से की और पोस्ट ग्रेजुएशन बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ) से किया। पत्रकारिता में अनुभव अब पांच साल के पड़ाव को पार कर चुका है। खबरों से इतर योगेश को साहित्य में गहरी दिलचस्पी है। योगेश का मानना है कि पत्रकारिता भी साहित्य की एक विधा है जैसे रेखाचित्र या संस्मरण।... और पढ़ें

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