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अगर ईद मनाई तो जाना पड़ेगा जेल... पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों के लिए जारी फरमान, कुर्बानी पर रोक

Ahmadiyya In Pakistan : पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के उत्पीड़न का एक ताजा मामला सामने आया है। मामला पंजाब का है जहां पुलिस ने एक नोटिस जारी कर अहमदिया मुसलमानों को ईद उल अजहा मनाने और कुर्बानी देने से रोक दिया है। निर्देशों का उल्लंघन करने पर जेल भेजे जाने की धमकी दी गई है।

Curated byयोगेश मिश्रा | नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Jun 2023, 4:44 pm

हाइलाइट्स

  • पाकिस्तान के अहमदिया समुदाय के लिए पंजाब पुलिस ने जारी किया नोटिस
  • ईद उल अजहा मनाने या कुर्बानी देने पर लगाई रोक, नहीं माने तो मिलेगी सजा
  • पाकिस्तान में अल्पसंख्यक है अहमदिया समुदाय, उत्पीड़न का पुराना इतिहास
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब प्रांत की पुलिस ने अहमदिया मुसलमानों को कुर्बानी देने और ईद उल अजहा मनाने से रोकने के निर्देश जारी किए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय पुलिस स्टेशनों को एक नोटिस भेजा गया है। इसमें पुलिस कर्मियों से अहमदिया मुसलमानों को कुर्बानी देने से रोकने के लिए कहा गया है क्योंकि इसे 'अन्य मुसलमानों के लिए अपमानजनक' बताया जा रहा है। पाकिस्तान में अहमदिया, हजारा और शिया वे समुदाय हैं जिन पर बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमान अत्याचार करते हैं।
न्यूज18 की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। नोटिस में कहा गया है कि अगर समुदाय से संबंधित कोई व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसे जेल या वित्तीय दंड का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इससे 'तनाव पैदा होगा और चरमपंथी तत्वों' को फायदा होगा। विभिन्न अनुमानों के अनुसार अहमदिया समुदाय के लोगों की संख्या पाकिस्तान की आबादी का महज 0.22 से 2.2 प्रतिशत के बीच है। अक्सर उन्हें धार्मिक उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।


खुद को मुसलमान कहने पर रोक

प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 7 प्रतिशत पाकिस्तानी अहमदियों को मुसलमान मानते हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस में दर्ज दो शिकायतों में, शिकायतकर्ताओं ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298-सी का हवाला देते हुए तर्क दिया कि समुदाय के लोग न तो खुद को मुसलमान कह सकते हैं और न ही इस्लाम अपना सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपीसी की धारा 298-सी अहमदिया समुदाय के किसी व्यक्ति की ओर से खुद को मुसलमान कहने या अपने धर्म का प्रचार करने के लिए दंड के बारे में विस्तार से बताती है।

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पाकिस्तान का शोषित अहमदिया समुदाय

पाकिस्तान का अहमदिया समुदाय काफी लंबे समय से शोषण और अत्याचार का शिकार है। समुदाय के लोगों और उनकी संपत्ति, इबादत स्थल और कब्रिस्तानों पर हमले होते रहते हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर कुरान की आयतें शेयर करना या कब्र के पत्थरों पर कलमा लिखना अहमदिया मुसलमानों को कानूनी मुश्किल में डाल सकता है। साल 2010 से 2022 तक पाकिस्तान में अहमदिया कब्रों को अपवित्र करने की 28 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
लेखक के बारे में
योगेश मिश्रा
योगेश नवभारत टाइम्स डिजिटल में पत्रकार हैं और अंतरराष्ट्रीय खबरें आप तक पहुंचाते हैं। इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआती पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से की और पोस्ट ग्रेजुएशन बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ) से किया। पत्रकारिता में अनुभव अब पांच साल के पड़ाव को पार कर चुका है। खबरों से इतर योगेश को साहित्य में गहरी दिलचस्पी है। योगेश का मानना है कि पत्रकारिता भी साहित्य की एक विधा है जैसे रेखाचित्र या संस्मरण।... और पढ़ें

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