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पाकिस्तान में 'अल्पसंख्यक विधेयक' का विरोध करने वाली पार्टियों की आलोचना

पाकिस्तान के एक हिंदू जनप्रतिनिधि और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने अल्पसंख्यक विधेयक का विरोध कर रही दो राजनीतिक पार्टियों की आलोचना की है। अल्पसंख्यक विधेयक के जरिए पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण को अपराध की श्रेणी में लाने की तैयारी है...

भाषा 30 Nov 2016, 8:17 pm
इस्लामाबाद
नवभारतटाइम्स.कॉम hindu representative criticise the political parties who are opposing minority act
पाकिस्तान में 'अल्पसंख्यक विधेयक' का विरोध करने वाली पार्टियों की आलोचना

पाकिस्तान के एक हिंदू जनप्रतिनिधि और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने अल्पसंख्यक विधेयक का विरोध कर रही दो राजनीतिक पार्टियों की आलोचना की है। अल्पसंख्यक विधेयक के जरिए पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण को अपराध की श्रेणी में लाने की तैयारी है। पिछले हफ्ते पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत ने एक कानून पारित किया जिसके तहत 'जबरन धर्मांतरण' को अपराध बनाया गया है और इस अपराध के दोषी को उम्रकैद की सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

इस कानून के तहत नाबालिग बच्चे अपना धर्म नहीं बदल सकते। अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए यह कानून बनाया गया है । 'डॉन' अखबार की एक खबर के मुताबिक, धर्मांतरण की न्यूनतम उम्र 18 साल किए जाने को लेकर सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) पार्टी की तरफ से नैशनल असेंबली के सदस्य डॉ. रमेश कुमार ने सिंध की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार की सराहना की।

कुमार ने कहा, 'लोगों को एक पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस 18 साल की उम्र में जारी किया जाता है और वोट देने की अनुमति 18 के बाद ही दी जाती है। सिंध में कानूनी तौर पर शादी की उम्र भी 18 साल है क्योंकि उससे पहले किसी व्यक्ति को बच्चा समझा जाता है। इस कानून के बाद 18 की उम्र से पहले धर्मांतरण को अपराध समझा जाएगा।'

कुमार ने संसद भवन के बाहर जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सेनेटर सिराजुल हक से मुलाकात की और उनसे कहा कि वह अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए लाए गए इस विधेयक का गैर-जरूरी विरोध न करें। सिविल सोसायटी के सदस्यों ने कहा कि पूरे देश, खासकर सिंध में जबरन धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और यह विधेयक पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की मदद के मामले में निर्णायक साबित होगा।

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