इस्लामाबाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने चीन दौरे से ठीक पहले सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ के साथ अहम बैठक की है। वैसे तो इमरान खान का यह चौथा चीन दौरा है लेकिन इसे काफी अहम माना जा रहा है। खबरों के मुताबिक इमरान खान सरकार और अमेरिका के बाइडन प्रशासन के बीच तल्खी बढ़ गई है। ऐसे में पाकिस्तान को अब चीन का ही सहारा बचा है। इमरान खान चीन को मनाने के लिए अब विंटर ओलंपिक के बहाने बीजिंग जा रहे हैं जो सीपीईसी में देरी से भड़का हुआ है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी नेता चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर प्रॉजेक्ट में देरी या उनमें कोई प्रगति नहीं होने से भड़के हुए हैं। उधर, इमरान के राज में अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्ते रसातल में पहुंच गए हैं। पाकिस्तान की तमाम धमकियों के बाद भी बाइडन ने राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक इमरान से बात तक नहीं की है। अब पाकिस्तान को ले देकर चीन का ही सहारा बचा हुआ है। इसी वजह से इमरान खान अब फरवरी के पहले सप्ताह में चीन जा रहे हैं।
सीपीईसी पर चीन को सफाई देंगे इमरान खान
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरे के दौरान इमरान खान चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ सीपीईसी की प्रगति, प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की समीक्षा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पीएम इमरान खान चीनी नेतृत्व को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि पाकिस्तान सीपीईसी को अपनी आर्थिक प्रगति और समृद्धि का मुख्य बिंदू मानता है। इस वजह से सीपीईसी को तेजी देने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
ऐसा माना जाता है कि जब से इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार पाकिस्तान में सत्ता में आई है, सीपीईसी परियोजनाओं पर प्रगति धीमी हो गई है। यही नहीं पिछले साल जुलाई महीने में दासू हाइड्रो प्रॉजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों पर हमले के बाद उसकी रफ्तार रुक सी गई। चीन ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया कि चीनी नागरिकों की सुरक्षा उसके लिए सबसे अहम है। चीनी नागरिकों को मुआवजा देने में आनाकानी कर रही इमरान खान सरकार ड्रैगन की धमकी के आगे झुकते हुए अब भारी भरकम मुआवजा देने पर सहमत हुई है।
अमेरिका को छोड़ चीन की गोद में जा चुका है पाकिस्तान
यही नहीं पाकिस्तान अब चीनी नागरिकों को ज्यादा सुरक्षा देने जा रहा है। चीन-अमेरिका के बीच शुरू हुए शीतयुद्ध में पाकिस्तान खुद के न्यूट्रल होने का दावा करता है लेकिन हकीकत में पूरी तरह से चीन की गोद में जा चुका है। अमेरिका ने विंटर ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार किया है लेकिन पाकिस्तानी पीएम खुद वहां जा रहे हैं। इससे पहले इमरान खान ने बाइडन के न्योता देने के बाद भी लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था जिसका चीन ने विरोध किया था। पाकिस्तान ने चीन की सलाह पर इस बैठक से खुद को अलग कर लिया था। इस दौरे पर इमरान खान रूसी राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं जिस पर भारत की भी नजरें रहेंगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने चीन दौरे से ठीक पहले सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ के साथ अहम बैठक की है। वैसे तो इमरान खान का यह चौथा चीन दौरा है लेकिन इसे काफी अहम माना जा रहा है। खबरों के मुताबिक इमरान खान सरकार और अमेरिका के बाइडन प्रशासन के बीच तल्खी बढ़ गई है। ऐसे में पाकिस्तान को अब चीन का ही सहारा बचा है। इमरान खान चीन को मनाने के लिए अब विंटर ओलंपिक के बहाने बीजिंग जा रहे हैं जो सीपीईसी में देरी से भड़का हुआ है।
सीपीईसी पर चीन को सफाई देंगे इमरान खान
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरे के दौरान इमरान खान चीन के शीर्ष नेतृत्व के साथ सीपीईसी की प्रगति, प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की समीक्षा करेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पीएम इमरान खान चीनी नेतृत्व को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि पाकिस्तान सीपीईसी को अपनी आर्थिक प्रगति और समृद्धि का मुख्य बिंदू मानता है। इस वजह से सीपीईसी को तेजी देने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
ऐसा माना जाता है कि जब से इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार पाकिस्तान में सत्ता में आई है, सीपीईसी परियोजनाओं पर प्रगति धीमी हो गई है। यही नहीं पिछले साल जुलाई महीने में दासू हाइड्रो प्रॉजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों पर हमले के बाद उसकी रफ्तार रुक सी गई। चीन ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया कि चीनी नागरिकों की सुरक्षा उसके लिए सबसे अहम है। चीनी नागरिकों को मुआवजा देने में आनाकानी कर रही इमरान खान सरकार ड्रैगन की धमकी के आगे झुकते हुए अब भारी भरकम मुआवजा देने पर सहमत हुई है।
अमेरिका को छोड़ चीन की गोद में जा चुका है पाकिस्तान
यही नहीं पाकिस्तान अब चीनी नागरिकों को ज्यादा सुरक्षा देने जा रहा है। चीन-अमेरिका के बीच शुरू हुए शीतयुद्ध में पाकिस्तान खुद के न्यूट्रल होने का दावा करता है लेकिन हकीकत में पूरी तरह से चीन की गोद में जा चुका है। अमेरिका ने विंटर ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार किया है लेकिन पाकिस्तानी पीएम खुद वहां जा रहे हैं। इससे पहले इमरान खान ने बाइडन के न्योता देने के बाद भी लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था जिसका चीन ने विरोध किया था। पाकिस्तान ने चीन की सलाह पर इस बैठक से खुद को अलग कर लिया था। इस दौरे पर इमरान खान रूसी राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं जिस पर भारत की भी नजरें रहेंगी।